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Khunti News: खूंटी के सरकारी अस्पतालों में कुव्यवस्था उजागर होने के बाद डीसी ने की कार्रवाई, दो कर्मियों का ट्रांसफर और एक डॉक्टर का प्रभार छीना

बगैर इलाज के खूंटी के अस्पतालों में दो मरीजों की मौत होने के मामले में डीसी के निर्देश पर शनिवार को कार्रवाई हुई है. सदर अस्पताल के दो कर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया है, जबकि लैब इंचार्ज को तत्काल प्रभार से हटा दिया गया है. वहीं तोरपा रेफरल अस्पताल के चिकित्सकों के खिलाफ जांच जारी है.

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CS Investigating Death of Two Patients In Khunti Hospitals
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Published : Mar 5, 2023, 3:19 PM IST

खूंटी: जिले के सदर अस्पताल और तोरपा रेफरल अस्पताल में कुव्यवस्था उजागर होने के बाद डीसी ने सदर अस्पताल के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है. जबकि तोरपा के चार डॉक्टरों के खिलाफ जांच जारी है. डीसी ने सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन सुजीत नाग और महिला स्टाफ रिंकी कुमारी को स्थानांतरण कर दिया गया है. जबकि ब्लड लैब इंचार्ज डॉक्टर श्वेता को उनके प्रभार से हटा दिया गया है. वहीं तोरपा रेफरल अस्पताल के डॉक्टर मुकेश कनोजिया सहित अन्य डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. शुक्रवार को ईटीवी भारत ने "खूंटी सदर अस्पताल और तोरपा रेफरल अस्पताल में कुव्यवस्था उजागर, बगैर इलाज दो मरीजों की मौत" शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. मामले पर डीसी शशि रंजन ने जांच के बाद सदर अस्पताल के तीन कर्मियों पर कार्रवाई की और तोरपा अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों के खिलाफ सिविल सर्जन को जांच करने का निर्देश दिया है. सिविल सर्जन तोरपा अस्पताल की जांच कर रहे हैं.

ये भी पढे़ं-Khunti News: खूंटी सदर अस्पताल और तोरपा रेफरल अस्पताल में कुव्यवस्था उजागर, बगैर इलाज दो मरीजों की मौत

डॉक्टर की अनुपस्थिति की वजह से मरीज को नहीं हो सका था इलाजः तोरपा में चार डॉक्टरों के खिलाफ जांच जारी है. बताते चलें कि तोरपा अस्पताल में एक मरीज की मौत हो गई थी. बताया जाता है कि जब मरीज को अस्पताल लाया गया था, तब एक भी डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. जानकारी के अनुसार तोरपा में वीरेंद्र मांझी को अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था, लेकिन डॉक्टर के अनुपस्थित रहने के कारण उसका इलाज नहीं हो सका था और इस कारण उसकी मौत हो गई थी. वहीं शुक्रवार को सदर अस्पताल में एक 18 माह की बच्ची की मौत समय पर ब्लड नहीं मिलने के कारण हो गई थी. दोनों घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था और जांच की मांग की थी.

सिविल सर्जन की जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाईः सिविल सर्जन की जांच में मामला सत्य पाने के बाद यह कार्रवाई की गई है. सिविल सर्जन के अनुसार सदर अस्पताल खूंटी में इलाज के लिए लायी गई बच्ची में हीमोग्लोबिन की मात्रा 2.5 पायी गई थी. पूर्व में भी बच्ची का इलाज रांची के निजी अस्पतालों में कराया गया था. सदर अस्पताल खूंटी में बच्ची के उचित उपचार के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे थे.जांच के क्रम में कार्य में लापरवाही बरतने के मद्देनजर लैब टेक्नीशियन सुजीत नाग और स्टाफ नर्स रिंकी कुमारी को तत्काल प्रभाव से अन्यत्र स्थानांतरण किया गया है. साथ ही ब्लड लैब इंचार्ज डॉ श्वेता को उनके प्रभार से हटा दिया गया है.

मामला संज्ञान में आने के बाद डीसी ने जांच के लिए गठित की थी कमेटीः मामले में डीसी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी. जांच के क्रम में पाया गया कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार व्यक्ति मृत लाया गया था, लेकिन कार्य पर अनुपस्थित रहने वाले संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. स्वास्थ्य समिति ऐसी घटना की सख्त निंदा करता है तथा कार्य के प्रति लापरवाही और असंवेदनशील होकर कार्य करने वाले चिकित्सक और कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है.

खूंटी: जिले के सदर अस्पताल और तोरपा रेफरल अस्पताल में कुव्यवस्था उजागर होने के बाद डीसी ने सदर अस्पताल के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है. जबकि तोरपा के चार डॉक्टरों के खिलाफ जांच जारी है. डीसी ने सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन सुजीत नाग और महिला स्टाफ रिंकी कुमारी को स्थानांतरण कर दिया गया है. जबकि ब्लड लैब इंचार्ज डॉक्टर श्वेता को उनके प्रभार से हटा दिया गया है. वहीं तोरपा रेफरल अस्पताल के डॉक्टर मुकेश कनोजिया सहित अन्य डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. शुक्रवार को ईटीवी भारत ने "खूंटी सदर अस्पताल और तोरपा रेफरल अस्पताल में कुव्यवस्था उजागर, बगैर इलाज दो मरीजों की मौत" शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. मामले पर डीसी शशि रंजन ने जांच के बाद सदर अस्पताल के तीन कर्मियों पर कार्रवाई की और तोरपा अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों के खिलाफ सिविल सर्जन को जांच करने का निर्देश दिया है. सिविल सर्जन तोरपा अस्पताल की जांच कर रहे हैं.

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डॉक्टर की अनुपस्थिति की वजह से मरीज को नहीं हो सका था इलाजः तोरपा में चार डॉक्टरों के खिलाफ जांच जारी है. बताते चलें कि तोरपा अस्पताल में एक मरीज की मौत हो गई थी. बताया जाता है कि जब मरीज को अस्पताल लाया गया था, तब एक भी डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. जानकारी के अनुसार तोरपा में वीरेंद्र मांझी को अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था, लेकिन डॉक्टर के अनुपस्थित रहने के कारण उसका इलाज नहीं हो सका था और इस कारण उसकी मौत हो गई थी. वहीं शुक्रवार को सदर अस्पताल में एक 18 माह की बच्ची की मौत समय पर ब्लड नहीं मिलने के कारण हो गई थी. दोनों घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था और जांच की मांग की थी.

सिविल सर्जन की जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाईः सिविल सर्जन की जांच में मामला सत्य पाने के बाद यह कार्रवाई की गई है. सिविल सर्जन के अनुसार सदर अस्पताल खूंटी में इलाज के लिए लायी गई बच्ची में हीमोग्लोबिन की मात्रा 2.5 पायी गई थी. पूर्व में भी बच्ची का इलाज रांची के निजी अस्पतालों में कराया गया था. सदर अस्पताल खूंटी में बच्ची के उचित उपचार के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे थे.जांच के क्रम में कार्य में लापरवाही बरतने के मद्देनजर लैब टेक्नीशियन सुजीत नाग और स्टाफ नर्स रिंकी कुमारी को तत्काल प्रभाव से अन्यत्र स्थानांतरण किया गया है. साथ ही ब्लड लैब इंचार्ज डॉ श्वेता को उनके प्रभार से हटा दिया गया है.

मामला संज्ञान में आने के बाद डीसी ने जांच के लिए गठित की थी कमेटीः मामले में डीसी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी. जांच के क्रम में पाया गया कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार व्यक्ति मृत लाया गया था, लेकिन कार्य पर अनुपस्थित रहने वाले संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. स्वास्थ्य समिति ऐसी घटना की सख्त निंदा करता है तथा कार्य के प्रति लापरवाही और असंवेदनशील होकर कार्य करने वाले चिकित्सक और कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है.

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