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Khunti News: खूंटी में अवैध बालू खनन की भेंट चढ़ने को तैयार करोड़ों के पुल! प्रशासन नहीं लगा पा रहा नदियों से बालू के अवैध उठाव पर रोक

खूंटी में बालू माफिया एनजीटी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. जिले का नदियों से अवैध बालू का उठाव बदस्तूर जारी है. इस कारण नदियों के ऊपर बने पुलों पर भी खतरा मंडराने लगा है.

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Danger On Bridges Due To Illegal Sand Mining
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Published : Jul 10, 2023, 9:26 PM IST

खूंटी: नदियों से बालू उठाव पर एनजीटी की रोक के बावजूद बालू माफिया नदियों का सीना चीर कर बालू का खनन कर रहे हैं. इस कारण नदियों का अस्तित्व तो खत्म होता जा ही रहा है, साथ ही नदियों के ऊपर बने पुल पर भी खतरा मंडराने लगा है. पिछले वर्ष बालू खनन के कारण दो बड़े पुल टूट गए थे और लगातार बालू खनन से कई जगहों पर कई पुल टूटने के कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं सिस्टम बालू के अवैध खनन और उठाव पर रोक लगाने में विफल साबित हो रहा है. लगातार कार्रवाई नहीं होने के कारण बालू माफियाओं का मनोबल काफी बढ़ गया है. ग्रामीणों का कहना है कि बालू माफिया दिनदहाड़े नदियों से अवैध रूप से बालू का खनन कर उसे डंप कर रहे हैं. दिन भर ट्रैक्टर से बालू एक नीयत स्थान पर डंप किया जाता है और आधी रात से बालू की तस्करी शुरू हो जाती है.

ये भी पढ़ें-Khunti News: खनन विभाग ने तोरपा प्रखंड में की छापेमारी, अवैध रूप से डंप 40 लाख रुपए का बालू जब्त

कोयल और कारो नदी से धड़ल्ले से हो रहा है बालू का उठावः जिले में एक ओर अवैध खनन के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करने का दावा करता है तो दूसरी ओर रनिया प्रखंड के कोयल और कारो नदी से धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन हो रहा है. प्रतिदिन सुबह से शाम तक ट्रैक्टर से अवैध बालू का उठाव जारी है. खनन माफियाओं के नेटवर्क के आगे खनन विभाग और टास्क फोर्स की कार्रवाई भी नाकाफी साबित हो रही है. लगातार हो रहे बालू उठाव से कोयल और कारो नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से बने पुलों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.

दबंग माफियाओं के डर से कोई मुंह खोलने को तैयार नहींः इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन मामले पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं. वहीं ग्रामीणों में दबंग बालू माफियाओं का इतना भय है कि अवैध बालू उठाने वालों के खिलाफ कोई आवाज तक नहीं उठाता है और न ही खुलकर कुछ बोल पाता है. ग्रामीण दबी जुबान से कहते हैं कि आज आवाज उठाएंगे तो कल माफिया झूठे केस में फंसा देगा और जेल जाना पड़ेगा. यही कारण है कि बालू माफिया खुलेआम दिन के उजाले में भी अवैध खनन करते हैं.

रनिया में खनन विभाग के स्टॉक यार्ड में कैसे पहुंच रहा बालूः बताते चलें कि जिला खनन विभाग के द्वारा रनिया प्रखंड के सोदे गांव में स्टॉक यार्ड बनाया गया है. जहां से पिछले कई महीनों से शाम होते ही काफी संख्या में हाइवा से बालू का उठाव और परिवहन किया जाता है. स्टॉक यार्ड से बालू के वैध और अवैध परिवहन पर क्षेत्र के लोगों को कार्रवाई करने वालों पर शंका होने लगी है. जबकि, एनजीटी की रोक के बाद बालू का खनन नहीं होने के बाद भी स्टॉक यार्ड में बालू की कमी देखने को नहीं मिल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि एनजीटी ने जब बालू उठाव पर रोक लगाई है तो स्टॉक यार्ड में बालू कहां से आ रहा है.

प्रशासन पर उठने लगे सवालः रनिया प्रखंड क्षेत्र के कारो नदी के पुल के आसपास से दिनदहाड़े अवैध बालू का उठाव होना कई तरह के सवाल खड़े करता है. बताया जाता है कि तस्करों को स्थानीय प्रशासन का सरंक्षण प्राप्त है. शायद इसलिए माफिया दिनदहाड़े बालू की अवैध तस्करी में लगे हैं और माफिया-प्रशासन का मजबूत गठजोड़ होने के कारण कोई आवाज नहीं उठा पाता है.

ये भी पढ़ें-Khunti Crime: बालू माफियाओं ने रोका एसडीओ का रास्ता, सड़क पर रेत गिरा का आवागमन बाधित करने की कोशिश

पिछले वर्ष तोरपा में गिडुम नदी का पुल चढ़ गया था अवैध खनन की भेंटः गौरतलब हो कि पिछले वर्ष तोरपा प्रखंड क्षेत्र के गिडुम नदी पर बना करोड़ो का पुल अवैध खनन की भेंट चढ़ गया था. जबकि तोरपा प्रखंड क्षेत्र के ही डोड़मा बालू घाट पर बना पुल भी टूट कर बिखर गया. नतीजतन पुल टूटने के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आवाजाही करने में परेशानी हो रही है.

खूंटी: नदियों से बालू उठाव पर एनजीटी की रोक के बावजूद बालू माफिया नदियों का सीना चीर कर बालू का खनन कर रहे हैं. इस कारण नदियों का अस्तित्व तो खत्म होता जा ही रहा है, साथ ही नदियों के ऊपर बने पुल पर भी खतरा मंडराने लगा है. पिछले वर्ष बालू खनन के कारण दो बड़े पुल टूट गए थे और लगातार बालू खनन से कई जगहों पर कई पुल टूटने के कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं सिस्टम बालू के अवैध खनन और उठाव पर रोक लगाने में विफल साबित हो रहा है. लगातार कार्रवाई नहीं होने के कारण बालू माफियाओं का मनोबल काफी बढ़ गया है. ग्रामीणों का कहना है कि बालू माफिया दिनदहाड़े नदियों से अवैध रूप से बालू का खनन कर उसे डंप कर रहे हैं. दिन भर ट्रैक्टर से बालू एक नीयत स्थान पर डंप किया जाता है और आधी रात से बालू की तस्करी शुरू हो जाती है.

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कोयल और कारो नदी से धड़ल्ले से हो रहा है बालू का उठावः जिले में एक ओर अवैध खनन के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करने का दावा करता है तो दूसरी ओर रनिया प्रखंड के कोयल और कारो नदी से धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन हो रहा है. प्रतिदिन सुबह से शाम तक ट्रैक्टर से अवैध बालू का उठाव जारी है. खनन माफियाओं के नेटवर्क के आगे खनन विभाग और टास्क फोर्स की कार्रवाई भी नाकाफी साबित हो रही है. लगातार हो रहे बालू उठाव से कोयल और कारो नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से बने पुलों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.

दबंग माफियाओं के डर से कोई मुंह खोलने को तैयार नहींः इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन मामले पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं. वहीं ग्रामीणों में दबंग बालू माफियाओं का इतना भय है कि अवैध बालू उठाने वालों के खिलाफ कोई आवाज तक नहीं उठाता है और न ही खुलकर कुछ बोल पाता है. ग्रामीण दबी जुबान से कहते हैं कि आज आवाज उठाएंगे तो कल माफिया झूठे केस में फंसा देगा और जेल जाना पड़ेगा. यही कारण है कि बालू माफिया खुलेआम दिन के उजाले में भी अवैध खनन करते हैं.

रनिया में खनन विभाग के स्टॉक यार्ड में कैसे पहुंच रहा बालूः बताते चलें कि जिला खनन विभाग के द्वारा रनिया प्रखंड के सोदे गांव में स्टॉक यार्ड बनाया गया है. जहां से पिछले कई महीनों से शाम होते ही काफी संख्या में हाइवा से बालू का उठाव और परिवहन किया जाता है. स्टॉक यार्ड से बालू के वैध और अवैध परिवहन पर क्षेत्र के लोगों को कार्रवाई करने वालों पर शंका होने लगी है. जबकि, एनजीटी की रोक के बाद बालू का खनन नहीं होने के बाद भी स्टॉक यार्ड में बालू की कमी देखने को नहीं मिल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि एनजीटी ने जब बालू उठाव पर रोक लगाई है तो स्टॉक यार्ड में बालू कहां से आ रहा है.

प्रशासन पर उठने लगे सवालः रनिया प्रखंड क्षेत्र के कारो नदी के पुल के आसपास से दिनदहाड़े अवैध बालू का उठाव होना कई तरह के सवाल खड़े करता है. बताया जाता है कि तस्करों को स्थानीय प्रशासन का सरंक्षण प्राप्त है. शायद इसलिए माफिया दिनदहाड़े बालू की अवैध तस्करी में लगे हैं और माफिया-प्रशासन का मजबूत गठजोड़ होने के कारण कोई आवाज नहीं उठा पाता है.

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पिछले वर्ष तोरपा में गिडुम नदी का पुल चढ़ गया था अवैध खनन की भेंटः गौरतलब हो कि पिछले वर्ष तोरपा प्रखंड क्षेत्र के गिडुम नदी पर बना करोड़ो का पुल अवैध खनन की भेंट चढ़ गया था. जबकि तोरपा प्रखंड क्षेत्र के ही डोड़मा बालू घाट पर बना पुल भी टूट कर बिखर गया. नतीजतन पुल टूटने के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आवाजाही करने में परेशानी हो रही है.

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