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सुप्रीमो दिनेश गोप का करीबी गिरफ्तार, हथियार और कारतूस के साथ लेवी का एक लाख रुपए भी बरामद - नीलांबर गोप

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के काफी खास रहे नीलांबर गोप को खूंटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके पास से कई हथियार और सामान भी बरामद किए गए हैं. पुलिस ने गिरफ्तारी का खुलासा किया है.

Khunti police arrested nilamber gope
Khunti police arrested nilamber gope
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Published : Jul 17, 2023, 4:59 PM IST

ओम प्रकाश तिवारी, डीएसपी

खूंटी: नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के खास सहयोगी नीलांबर गोप को खूंटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसे गुमला जिले के पालकोट के पास से पुलिस ने गिरफ्तार किया है. नीलांबर गोप की निशानदेही पर पुलिस ने कई हथियार और सामान के साथ लेवी के एक लाख रुपए नगद भी बरामद किया है. तोरपा डीएसपी ओम प्रकाश तिवारी ने गिरफ्तारी का खुलासा किया है.

यह भी पढ़ें: गुमला में पीएलएफआई के तीन उग्रवादी गिरफ्तार, तीन राइफल भी बरामद

डीएसपी ने बताया कि कई नक्सली कांडो में वांछित रहा नीलांबर गोप के गुमला जिले के पालकोट इलाके में भ्रमणशील होने की सूचना मिली थी. एसपी अमन कुमार के निर्देश पर डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. जिसमें इंसपेक्टर दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में जरियागड़ और रनिया थाना प्रभारी दलबल के साथ पालकोट गए.

नीलांबर ने अपनी पत्नी और कुछ दोस्तों को जरूरी सामान लेकर पालकोट बुलाया था, जहां वह पालकोट की सड़क पर बेखौफ घूमते हुए अपनी पत्नी और दोस्तों का इंतजार कर रहा था. नीलाबंर पत्नी और दोस्तों से मुलाकात कर पाता कि उससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर रनिया क्षेत्र के विभिन्न ठिकानों में छापेमारी कर हथियार बनाने वाली एक लेथ मशीन के अलावा लेवी के एक लाख रुपए समेत हथियार और दर्जनों कारतूस बरामद किया गया.

दिनेश गोप का काफी करीबी रहा है नीलांबर गोप: डीएसपी ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि नीलांबर गोप पहले से पीएलएफआई संगठन से जुड़ा रहा है. वह सुप्रीमो दिनेश गोप का काफी करीबी भी रहा है. पुलिसिया मुठभेड़ में घायल होने के बाद सुप्रीमो दिनेश गोप की इलाज कराने से लेकर उसके नेपाल जाने में तक में नीलांबर ने मदद की थी. साथ ही नीलांबर नेपाल जाकर दिनेश गोप से मिलता जुलता रहता था.

हाल के दिनों में नीलांबर के खिलाफ आर्म्स एक्ट और रंगदारी का मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद वह फरार चल रहा था. गिरफ्तार नक्सली सदस्य नीलांबर के खिलाफ तोरपा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्जनों मामले दर्ज हैं. वह कुछ मामलों में जेल भी जा चुका है. जेल से निकलने के बाद उसने संगठन से जुड़ कर रंगदारी और लेवी वसूलने लेने का काम शुरू कर दिया था.

ओम प्रकाश तिवारी, डीएसपी

खूंटी: नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के खास सहयोगी नीलांबर गोप को खूंटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसे गुमला जिले के पालकोट के पास से पुलिस ने गिरफ्तार किया है. नीलांबर गोप की निशानदेही पर पुलिस ने कई हथियार और सामान के साथ लेवी के एक लाख रुपए नगद भी बरामद किया है. तोरपा डीएसपी ओम प्रकाश तिवारी ने गिरफ्तारी का खुलासा किया है.

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डीएसपी ने बताया कि कई नक्सली कांडो में वांछित रहा नीलांबर गोप के गुमला जिले के पालकोट इलाके में भ्रमणशील होने की सूचना मिली थी. एसपी अमन कुमार के निर्देश पर डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. जिसमें इंसपेक्टर दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में जरियागड़ और रनिया थाना प्रभारी दलबल के साथ पालकोट गए.

नीलांबर ने अपनी पत्नी और कुछ दोस्तों को जरूरी सामान लेकर पालकोट बुलाया था, जहां वह पालकोट की सड़क पर बेखौफ घूमते हुए अपनी पत्नी और दोस्तों का इंतजार कर रहा था. नीलाबंर पत्नी और दोस्तों से मुलाकात कर पाता कि उससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर रनिया क्षेत्र के विभिन्न ठिकानों में छापेमारी कर हथियार बनाने वाली एक लेथ मशीन के अलावा लेवी के एक लाख रुपए समेत हथियार और दर्जनों कारतूस बरामद किया गया.

दिनेश गोप का काफी करीबी रहा है नीलांबर गोप: डीएसपी ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि नीलांबर गोप पहले से पीएलएफआई संगठन से जुड़ा रहा है. वह सुप्रीमो दिनेश गोप का काफी करीबी भी रहा है. पुलिसिया मुठभेड़ में घायल होने के बाद सुप्रीमो दिनेश गोप की इलाज कराने से लेकर उसके नेपाल जाने में तक में नीलांबर ने मदद की थी. साथ ही नीलांबर नेपाल जाकर दिनेश गोप से मिलता जुलता रहता था.

हाल के दिनों में नीलांबर के खिलाफ आर्म्स एक्ट और रंगदारी का मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद वह फरार चल रहा था. गिरफ्तार नक्सली सदस्य नीलांबर के खिलाफ तोरपा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्जनों मामले दर्ज हैं. वह कुछ मामलों में जेल भी जा चुका है. जेल से निकलने के बाद उसने संगठन से जुड़ कर रंगदारी और लेवी वसूलने लेने का काम शुरू कर दिया था.

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