खूंटी: राज्यकीकृत मध्य सह उत्क्रमित उच्च विद्यालय अनिगड़ा का स्वर्णिम इतिहास रहा है. एक जनवरी 1922 को स्थापित इस विद्यालय का शनिवार को स्थापना शताब्दी समारोह मनाया गया ( 100 years of school In khunti). विद्यालय स्थापना शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और विशिष्ट अतिथि स्कूल के पूर्ववर्ती छात्र पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष सह पद्मभूषण से सम्मनित कड़िया मुंडा रहे.
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कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि 'अभी हमारा सपना अधूरा है जिसे हमारे पूर्वजों ने देखा है. जिस दिन हमारे हर घर मे ज्ञान का मंदिर होगा, हर व्यक्ति हर समाज शिक्षित होगा, शिक्षा का दीप जलेगा, जंगलों के बीच से शिक्षा की गूंज सुनाई देगी, तभी हमारे पूर्वजों के सपने साकार होंगे. शिक्षा और ज्ञान के प्रसार से ही खूंटी की पावन धरती के ऐतिहासिक पावन सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकेगी.
विद्यालय स्थापना शताब्दी समारोह में स्कूल के स्वर्णिम इतिहास पर विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम मे विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, डीसी शशि रंजन, उपविकास आयुक्त नीतीश कुमार, एसडीओ अनिकेत सचान समेत कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे. विद्यालय स्थापना शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने वाले अतिथियों का विद्यालय के छात्रों द्वारा विभिन्न रंगों के झंडा लेकर मार्च पास्ट कर कार्यक्रम स्थल पर लाया गया.
स्कूल में कक्षा 1 से 10 तक में 900 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. इस सरकारी विद्यालय का मैट्रिक में प्रत्येक वर्ष शानदार प्रदर्शन रहता है. प्रत्येक वर्ष लगभग 80 से 85 प्रतिशत छात्र-छात्राएं मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं. विद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने पर स्कूली विद्यार्थियों के साथ साथ स्थानीय ग्रामीण, जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी और स्थानीय सांसद विधायक और शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे.
राज्यकीकृत मध्य सह उत्क्रमित उच्च विद्यालय अनिगड़ा की शिक्षिका चंद्रावती सारू ने बताया कि 'अनिगड़ा निवासी दसाय मुंडा असम के चाय बागान में काम करने गए थे. काम के दौरान ही कुछ पढ़ना- लिखना सीखा और गांव के बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लेकर काम छोड़कर गांव लौट आए. गांव बुजुगों के साथ बैठकर बच्चों को पढ़ाने पर विमर्श किया. गांव के लोगों के सहमत होने पर अपने में एक जनवरी 1922 को गांव के तीन छात्रों को पहली कक्षा में पढ़ाना शुरू किया. धीरे-धीरे दसाय मुंडा ने कक्षा तीन तक की पढ़ाई शुरू की खूंटी के पूर्व सांसद कड़िया मुंडा ने भी इसी स्कूल में तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई की थी.
विद्यालय की शिक्षिका और पूर्व सांसद कड़िया मुंडा की बेटी चंद्रावती सारू ने बताया कि सन 1948 में आदिम जाति सेवा मंडल की स्थापना हुई. जिसके तहत खूंटी के बिरह अनिगड़ा, मारंगहादा के जोजोहातू एवं अड़की के बिल में स्कूल की स्थापना हुई. जिसमें बिरहु को छोड़ सभी 3 विद्यालयों में स्कूल के साथ छात्रावास का भी निर्माण कराया गया. आदिम जाति सेवा मंडल के तहत पहली से सातवीं कक्षा तक की शिक्षा दी जाती थी. इस समय भी दसाय मुंडा अपने सहयोगी राम मुंडा के साथ बच्चों को पढ़ाया करते थे. दसा मुंडा ने 1950 तक छात्रों को पढ़ाया. जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई. राजकीयकृत मध्य सह उत्क्रमित उच्च विद्यालय अनिगड़ा का 1975 में सरकारीकरण हुआ.