खूंटीः देश के पांच राज्यों में चुनावी माहौल नजर आ रहा है. भले ही झारखंड में इसके लिए अभी समय है लेकिन तैयारी, सभा और संबोधन में अभी से इसकी झलक दिखाई देनी शुरू हो गयी है. खूंटी में विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा शिलान्यास कार्यक्रम के बाद आमसभा में पूरे चुनावी तेवर में भाषण दिया.
इसे भी पढ़ें- खूंटी में दिशा की बैठकः केंद्रीय मंत्री ने की विभागवार योजनाओं की समीक्षा
भाजपा से लगातार 5 बार विधायक बने नीलकंठ सिंह मुंडा अपने विधानसभा क्षेत्र में शिलान्यास के बहाने वोट बैंक जुटाने में लग गए हैं. आदिवासी और मिशन बहुल इलाके में शिलान्यास और उद्घाटन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसके साथ उन क्षेत्रों प्रबुद्ध व्यक्तियोंं को शामिल कर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. शुक्रवार को नीलकंठ सिंह मुंडा मुरहू प्रखंड के घघारी में पंचघाघ जलप्रपात के नीचे बनई नदी पर पुल निर्माण के शिलान्यास के बाद आमसभा को संबोधित किया.
बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि आप लोग वैसे जनप्रतिनिधि को चुनें जो आपके बीच दिन रात रहता हो और आपका नीलकंठ सिंह मुंडा आपके गांव घर का है. आपके विधानसभा क्षेत्र, आपके प्रखंड और आपके पंचायत का है. उन्होंने कहा कि मेरी नाभि भी यहीं गड़ी हुई है, मैं चौबीसों घंटे आपकी सेवा में तत्पर हूं. उन्होंने कहा कि आप लोगों को मैं विकास कार्यों के माध्यम से दे भी सकता हूं और आप लोगों से कुछ मांग भी सकता हूं यह मेरा हक है.
विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि विधानसभा की लेखा समिति का अध्यक्ष होने के नाते मैंने ग्रामीण विकास विभाग से मुरहू के लोगों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के लिए बियर बांध बनवाने की स्वीकृति दिलायी है, जल्द ही इसपर कार्य आरंभ होगा. साथ ही वृद्धा और विधवा पेंशन मामले में पूर्व में एसडीओ और डीसी स्तर पर स्वीकृति दी जाती थी लेकिन मैंने इसे प्रखंड स्तर पर करवाने का सफल प्रयास किया है. इसलिए गांव के जरूरतमंद व्यक्तियों को मुखिया और ग्रामसभा के माध्यम से विकास कार्यों का लाभ लेने की जरूरत है.
बनई नदी पर पुल निर्माणः शुक्रवार को खूंटी से बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने मुरहू प्रखंड के पंचघाघ जलप्रपात के नीचे घघारी स्थित बनई नदी पर पुल निर्माण का शिलान्यास शुक्रवार को किया गया. तीन करोड़ 41 लाख से लागत से इसका निर्माण किया जाएगा. इस पुल के बन जाने से आसपास के दर्जनों गांव के लोगों की आवागमन में सुविधा होगी. पुल न होने से आसपास के लोगों को नदी के किनारे दूसरी तरफ से घूम कर जाना पड़ता था. लोगों को खूंटी या चाईबासा जाने के लिए गौरबेड़ा जाने की जरूरत नहीं होगी. यहां आने जाने वाले स्कूली विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती थी. इसके बन जाने से विद्यार्थियों को पुल के निर्माण होने से समय की बचत होगी.