खूंटीः कल तक जो महिलाएं बैंकों से ऋण लेने से कतराती थीं, उन्हें दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत कार्यशाला में विस्तार पूर्वक बैंक ऋण संबंधी जानकारी दी गयी. महिलाओं को यह भी बताया गया कि बैंकों को ससमय प्रत्येक माह ऋण की राशि वापस करने से ब्याज दर में कमी आती-जाती है. साथ ही महिला मंडल में बचत करने के फायदे और महिलाओं को ऋण देने के फायदे की भी जानकारी दी गयी.
और पढ़ें- नोएडा के बहुचर्चित गौरव चंदेल हत्याकांड में पुलिस मुठभेड़, आरोपी गिरफ्तार
ऋण के लेन-देन और आय-व्यय की दी गई जानकारी
प्रत्येक सखी मंडलों को सात अलग अलग रजिस्टर का रख रखाव करना होता है. सभी रजिस्टर की क्या विशेषता है. किन-किन चीजों को रजिस्टर में लिखना है. प्रत्येक दिन कैसे रजिस्टर को अपडेट करना है, इसकी बारीकियां भी लिखित रूप में समझाई गई. प्रशिक्षण में सखी मंडलों को अपने समूह में आपसी ऋण के लेन-देन अथवा बैंक से ऋण लेने पर किस तरह रजिस्टर में प्रतिदिन के आय-व्यय का लेखा-जोखा रखना है और ऋण लेने और देने पर किस तरह ब्याज की राशि बढ़ती घटती जाती है इसको लेकर सखी मंडलों को प्रायोगिक तौर पर प्रशिक्षण दिया गया.
खूंटी नगर पंचायत इलाके में महिलाएं लगातार छोटे-छोटे काम कर अपनी आमदनी को बढ़ा रही हैं कई सखी मंडल मशरूम उत्पादन, दोना पत्तल निर्माण, सिलाई-कढ़ाई, अचार-पापड़ बनाना और साग सब्जी दुकान समेत होटल चलाने का भी काम कर रही हैं. ऐसे में उन्हें प्रतिदिन की आय और व्यय का संधारण कैसे करना है. बचत के क्या फायदे हैं, इसकी पूरी जानकारी दी गई. प्रशिक्षण के बाद महिलाओं ने बताया कि अब पहले से बेहतर तरीके से आर्थिक आय वृद्धि का काम कर सकेंगी.