खूंटीः जिले में पहली बार ईस्ट जोन की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है. इस प्रतियोगिता में ईस्ट जोन की कुल 13 टीमें भाग ले रही हैं. बिरसा मुंडा परिसर स्थित ब्लू एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों का भी चयन होना है. जो आगे चलकर राष्ट्रीय स्तर पर मैच खेलेंगे. हॉकी इंडिया ने चार चयनकर्ताओं की टीम खूंटी भेजी है. जिसमे हॉकी इंडिया की पूर्व कप्तान असुंता लकड़ा, ओडिशा निवासी सुभद्रा प्रधान, नार्थ ईस्ट से चिल्लेनसाना और ओडिशा से लाजरूस बरला शामिल हैं.
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भगवान बिरसा मुंडा की धरती खूंटी जिले मे हो रही ईस्ट जोन की राष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट से हॉकी की प्रतिभाओं को निखारने का मौका मिलेगा. खूंटी में बेहतर खेल का प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिये कैंप का आयोजन किया जाएगा और हॉकी इंडिया के तहत उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. हॉकी में खिलाड़ियों को फिजिकली और मेंटली फिट बनाने के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं दी जाएंगी.
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान असुंता लकड़ा और सुभद्रा प्रधान ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों को बेहतर डाइट और मूलभूत सुविधाएं मिले तो हॉकी में और मेडल देश के नाम होंगे. झारखंड में खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. लेकिन फिजिकली फिटनेस नहीं रहने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर हमारे बच्चे अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाते हैं. उन्हें बेहतर डाइट और आधुनिक खेल उपकरण की आवश्यकता है. सरकार अगर खेल के प्रति अपनी उदारता दिखा दे तो झारखंड को खेल के क्षेत्र में कई खेल रत्न मिलेंगे और ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स समेत अंतरर्राष्ट्रीय स्तर के मैचों में अधिक से अधिक मेडल राज्य और देश के नाम होगा.
झारखण्ड की बेटी और हॉकी इंडिया की पूर्व कप्तान असुंता लकड़ा ने सरकार से व्यवस्थाओं को सुधारने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि अगर ये सभी सुविधाएं खेल के क्षेत्र में दुरुस्त की जाए तो मरांग गोमके के जिले से लेकर पूरे झारखंड का डंका राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अंतरराष्ट्रीय जगत में भी बजेगा.