खूंटीः जिला के अतिनक्सल प्रभावित अड़की के स्वास्थ्य केंद्र में अमानवीय हरकत देखने को मिली. एक दंपती साइकिल से किसी तरह अस्पताल पहुंचा. लेकिन एडमिट करने के बजाए सीएचसी कर्मचारियों ने गर्भवती महिला को भगा दिया.
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खूंटी के अड़की सीएचसी में कर्मचारियों ने इलाज के लिए आई गर्भवती महिला को भगा दिया. इस मामले की जानकारी झामुमो नेताओं की हुई तो अस्पताल पहुंचकर उन्होंने खूब हंगामा किया. बीस सूत्री के उपाध्यक्ष जुबेर आलम ने डॉक्टर को जमकर फटकार लगाई और कहा कि भाजपा की सरकार नहीं है, नौकरी करनी है तो इलाज करें नहीं तो बाहर का रास्ता देखें. डॉक्टर ने नेताओं से माफी मांगी और कहा कि आगे से ऐसा नहीं होगा.
नक्सल प्रभावित अड़की के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को लेकर सोनपुर गांव के उसका पति साइकिल से अड़की सीएचसी पहुंचा था. लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्साकर्मियों ने प्रसव कराने आई महिला को एडमिट नहीं किया और शाम में ही वापस भेज दिया. साइकिल से जाते हुए रास्ते में ही महिला को प्रसव पीड़ा हुई और रास्ते में ही प्रसव भी हो गया. इस बात की जानकारी मिलने पर बीस सूत्री उपाध्यक्ष जुबेर अहमद और अड़की प्रमुख सीता नाग स्वस्थ्य केंद्र पहुंचे और मामले की जानकारी ली.
अड़की सीएचसी प्रभारी से जब बीससूत्री उपाध्यक्ष सह झामुमो जिलाध्यक्ष जुबेर अहमद ने कई सवाल किए जिसका गोलमोल जवाब अड़की स्वास्थ्य प्रभारी ने दिया. जिलाध्यक्ष ने चिकित्सा प्रभारी को फटकार लगायी और कहा कि अभी भाजपा की सरकार नहीं है, जेएमएम की सरकार है, ड्यूटी नहीं करने वाले कर्मियों को अभी बैठे-बैठे सस्पेंड करवा देंगे. उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि सभी लोग अपनी ड्यूटी निभाएं गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार ना करें. मरीजों और खासकर प्रसवकाल की महिला मरीजों के साथ इस तरह का व्यवहार न करें. अड़की प्रमुख सीता नाग ने भी चिकित्साकर्मियों के इस रवैये को अनुचित बताया और कहा कि इससे मरीजों की जान भी जा सकती है. इसलिए सीएचसी में इलाज के लाए गए मरीजों को चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए.