खूंटी: झारखंड के 3 दिग्गज मंत्रियों ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. बीते लोकसभा चुनाव का विश्लेषण करते हुए जिलाध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्षों को पूरे 4 साल तक डटे रहने का निर्देश दिया. खूंटी लोकसभा क्षेत्र से पहुंचे सभी जिलाध्यक्ष प्रखंड अध्यक्ष से लेकर बूथ स्तर तक के नेता मौजूद रहे.
झारखंड के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और खूंटी लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी रहे कालीचरण मुंडा के पास पहुंचे. यहां बीते लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई. 2014 में कांग्रेस को कम मत मिलने को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व की गलतियों को नहीं दोहराने को लेकर टिप्स दी गई.
ये भी पढ़ें- बेरमो उपचुनाव: बीजेपी के वंशवाद के बयान पर कांग्रेस का तंज, कहा- अपनी गिरेबां में भी झांके BJP
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने 2014 में हुए लोकसभा चुनाव को लेकर बताया कि किस तरीके से भाजपा ने कांग्रेस को शिकस्त दी थी. उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने चक्रव्यूह रचकर कांग्रेस प्रत्याशी को मात दी थी. भाजपा पर कटाक्ष करते हुए बादल पत्रलेख ने भाजपा सांसद अर्जुन मुंडा को रावण बता दिया, जबकि कांग्रेस नेता कालीचरण मुंडा को राम कहा और कालीचरण मुंडा को राम.
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के बावजूद झारखंड सरकार ने मात्र 9 माह में बेहतर कार्य किए हैं. प्रवासी मजदूरों को बाहर से अपना घर पहुंचाना हो या सुदूरवर्ती इलाकों में गरीबों असहायों के लिए दीदी किचन के माध्यम से भोजन की व्यवस्था करना हो, प्रत्येक कार्य झारखंड सरकार ने चुनौतियों के बावजूद पूरा किया. मनरेगा योजनाओं को धरताल पर उतारकर ग्रामीण मजदूरों और बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने का कार्य कर रही है.
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हमें रुकना नहीं है, अपना कार्य करते रहना है सफलता निश्चित मिलेगी. दुमका का उपचुनाव हो या बेरमो का, हर हाल में वर्तमान सरकार अपना परचम लहराएगी. खूंटी लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ लोहरदगा, गुमला, गोड्डा हर इलाके में कांग्रेस के कार्यकर्ता आने वाले चुनाव में अपनी जीत दर्ज करेंगे.
वित्त मंत्री ने खाद्य आपूर्ति मामले में कहा कि वर्तमान सरकार जरूरतमंदों और गरीबों के लिए नया ग्रीन राशन कार्ड बनाने का कार्य आरंभ करेगी. साथ ही कहा कि केंद्र सरकार की कृषि बिल को किसानों के लिए अहितकर बताया और कहा कि कृषि बिल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बिल है. किसानों और उपभोक्ताओं को कृषि बिल से फायदा नहीं पहुंचेगा.