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स्वतंत्रता दिवस पर आजाद होंगे खूंटी जेल में बंद 19 कैदी, पूरे झारखंड में 110 बंदी हो रहे रिहा - Khunti News

खूंटी में आजादी के अमृत महोत्सव पर 19 कैदियों को आजाद किया जाएगा. प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किन बंदियों को इस अवसर का लाभ मिल रहा है. रिहा करने लिए चुने गए कैदियों को Independence Day पर आजाद करने की पूरी तैयारी कर ली गई है.

prisoners of Khunti jail will released
prisoners of Khunti jail will released
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Published : Aug 14, 2022, 4:44 PM IST

खूंटी: झारखंड के विभिन्न जेलों में सजा काट रहे सैकड़ों बंदियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिहा किया जाएगा. इसी के तहत खूंटी जिला के उपकारा (Khunti jail) में सजा काट रहे 19 बंदियों को भी आजादी के अमृत मोहोत्सव में खुली हवा में सांस लेने का तोहफा मिलने जा रहा है. जेल में इन बंदियों के अच्छे आचरण को देखते हुए उनकी आधी सजा माफ कर उन्हें रिहा किया जा रहा है. ये सभी बंदी 15 अगस्त को जेल से रिहा होंगे.

इसे भी पढ़ें: झारखंड की जेलों से 110 कैदी 15 अगस्त को होंगे रिहा, अच्छे आचरण के इनाम में मिली आजादी

रिहा करने की तैयारी पूरी: चयनित बंदियों को रिहा करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी है. यह जानकारी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश ने दी है. उन्होंने बताया कि अंडरट्रायल प्रिजनर्स-75 के तहत वैसे बंदी जिन्हें सात वर्ष की सजा मिली है और उन्होंने अपनी आधी सजा काट ली है या वैसे बंदी जिन्हें तीन वर्ष की सजा हुई है और उन्होंने एक वर्ष से अधिक की सजा काट ली है, और जेल में बिताए गए समय में उनका अच्छा आचरण रहा है, उन्हें रिहा किया जा रहा है.

सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश

कमेटी ने ऐसे बंदियों को दी है मंजूरी: खूंटी जिले के जेल में बंद 19 कैदियों को आजादी के दिन आजाद कर दिया जाएगा. इसके लिए कमेटी ने अपनी मंजूरी दे दी है. व्यवहार न्यायालय के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि सात साल से कम सजा पाने वाले बंदियों के आचरण व उनको मिली सजा का आकलन के बाद उन बंदियों को रिहा करने का फैसला लिया गया है.


ऐसे बंदियों को नहीं मिला लाभ: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गृह विभाग में राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी कैदियों की जेल की शर्तों को कम करने का फैसला करती है और राज्य कैबिनेट को इसकी सिफारिश करती है, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्यों में कुछ मानदंडों को पूरा करने वाले कैदियों की सजा माफ करने का निर्देश दिया है. मृत्युदंड और आजीवन कारावास के दोषी, आतंकी गतिविधियों में शामिल कैदी, एनडीपीएस के आरोप में दोषी, बलात्कार, मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी सजा की माफी का लाभ नहीं दिया जाता है.


रिहा होने वाले लोग: खूंटी जेल से बाहर निकलने वालों में मनोज स्वांसी, हरे कृष्ण लोहरा, योगेंद्र भुइयां, सोमू नाग उर्फ तुयू नाग, महानंद जुनुल स्वांसी, हदुआ मुंडा उर्फ हादु, सनिका पहान, सुशील सिंह मुंडा, छोटे मुंडा, रिजा नायक उर्फ राज, रोशन आईन्द, मोदी उरांव, बलदेव महतो, भोलू महतो, अवधेश कुमार मिश्रा, मोहित महतो, नितेश महतो, प्रमोद महतो और संजय मिश्रा शामिल हैं.

खूंटी: झारखंड के विभिन्न जेलों में सजा काट रहे सैकड़ों बंदियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिहा किया जाएगा. इसी के तहत खूंटी जिला के उपकारा (Khunti jail) में सजा काट रहे 19 बंदियों को भी आजादी के अमृत मोहोत्सव में खुली हवा में सांस लेने का तोहफा मिलने जा रहा है. जेल में इन बंदियों के अच्छे आचरण को देखते हुए उनकी आधी सजा माफ कर उन्हें रिहा किया जा रहा है. ये सभी बंदी 15 अगस्त को जेल से रिहा होंगे.

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रिहा करने की तैयारी पूरी: चयनित बंदियों को रिहा करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी है. यह जानकारी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश ने दी है. उन्होंने बताया कि अंडरट्रायल प्रिजनर्स-75 के तहत वैसे बंदी जिन्हें सात वर्ष की सजा मिली है और उन्होंने अपनी आधी सजा काट ली है या वैसे बंदी जिन्हें तीन वर्ष की सजा हुई है और उन्होंने एक वर्ष से अधिक की सजा काट ली है, और जेल में बिताए गए समय में उनका अच्छा आचरण रहा है, उन्हें रिहा किया जा रहा है.

सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश

कमेटी ने ऐसे बंदियों को दी है मंजूरी: खूंटी जिले के जेल में बंद 19 कैदियों को आजादी के दिन आजाद कर दिया जाएगा. इसके लिए कमेटी ने अपनी मंजूरी दे दी है. व्यवहार न्यायालय के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि सात साल से कम सजा पाने वाले बंदियों के आचरण व उनको मिली सजा का आकलन के बाद उन बंदियों को रिहा करने का फैसला लिया गया है.


ऐसे बंदियों को नहीं मिला लाभ: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गृह विभाग में राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी कैदियों की जेल की शर्तों को कम करने का फैसला करती है और राज्य कैबिनेट को इसकी सिफारिश करती है, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्यों में कुछ मानदंडों को पूरा करने वाले कैदियों की सजा माफ करने का निर्देश दिया है. मृत्युदंड और आजीवन कारावास के दोषी, आतंकी गतिविधियों में शामिल कैदी, एनडीपीएस के आरोप में दोषी, बलात्कार, मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी सजा की माफी का लाभ नहीं दिया जाता है.


रिहा होने वाले लोग: खूंटी जेल से बाहर निकलने वालों में मनोज स्वांसी, हरे कृष्ण लोहरा, योगेंद्र भुइयां, सोमू नाग उर्फ तुयू नाग, महानंद जुनुल स्वांसी, हदुआ मुंडा उर्फ हादु, सनिका पहान, सुशील सिंह मुंडा, छोटे मुंडा, रिजा नायक उर्फ राज, रोशन आईन्द, मोदी उरांव, बलदेव महतो, भोलू महतो, अवधेश कुमार मिश्रा, मोहित महतो, नितेश महतो, प्रमोद महतो और संजय मिश्रा शामिल हैं.

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