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जामताड़ा: समूह बना कर महिलाएं कर रही हैं मशरूम की खेती, दूसरों को भी सिखा रहीं रोजगार के गुर - mushrooms farming in jamtara

जामताड़ा के अमलाचातर गांव के रहने वाली ग्रामीण महिलाएं मशरूम की खेती कर रहीं हैं. महिलाएं आपस में समूह बनाकर रोजगार प्राप्त कर रही हैं और दूसरे महिलाओं को भी रोजगार देने का काम कर रही हैं. उनका कहना है कि अगर महिलाएं दृढ़ इच्छा शक्ति और लगन से काम करें तो वे पुरुषों की तुलना में काफी आगे बढ़ सकती है.

जामताड़ा में मशरूम की खेती
Women are cultivating mushrooms
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Published : Mar 7, 2020, 3:22 PM IST

जामताड़ा: कल तक घर में चूल्हा चौका का काम करने वाली ग्रामीण महिलाएं, आज अपने घर में ही समूह बनाकर मशरूम की खेती कर रही हैं. महिलाएं मशरूम की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं और अच्छा आमदनी प्राप्त कर रही हैं. ग्रामीण महिलाएं समूह बनाकर मशरूम की खेती कर के स्वावलंबी बनती हैं.

देखें पूरी खबर

समूह बनाकर रोजगार की प्राप्ती

जामताड़ा के अमलाचातर गांव के रहने वाली ग्रामीण महिलाएं मशरूम की खेती कर रहीं हैं. महिलाएं आपस में समूह बनाकर रोजगार प्राप्त कर रही हैं और दूसरे महिलाओं को भी रोजगार देने का काम कर रही हैं. गांव की दो-तीन महिलाएं पहले मिलकर इस मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लिया और मशरूम की खेती शुरू की.

ये भी पढ़ें-मुख्य सचिव ने किया RIMS का निरीक्षण, कोरोना को लेकर झूठी अफवाह न फैलाने की लोगों से की अपील

मशरूम की खेती से प्रेरित

गांव की महिलाएं बताती हैं कि पहले आमदनी नहीं होता था और वे घर की काम करती थी. लेकिन प्रशिक्षण लेने के बाद अब वे मशरूम की खेती कर रही हैं और उन्हें अच्छा आमदनी हो जाता है. गांव की अन्य महिलाएं भी मशरूम की खेती से प्रेरित हो रही हैं. वे कहती हैं कि पहले वह मशरूम की खेती का नाम सुनती थी, लेकिन जब गांव में ही महिलाएं मशरूम की खेती देख रही हैं तो उनके मन में भी अब मशरूम की खेती करने की इच्छा होती है. वे भी इस मशरूम की खेती से जुड़ना चाहती हैं.

सरकार से है मदद की उम्मीद

महिला समूह चलाने वाली महिला का कहना है कि मशरूम का बीज महिलाएं अपने समूह के पैसे से खरीद कर खेती करती हैं. अगर सरकार मशरूम का बीज और सुविधा उपलब्ध करा दें तो महिलाएं इससे जुड़कर गांव में अच्छी आमदनी कर सकती है.

जामताड़ा: कल तक घर में चूल्हा चौका का काम करने वाली ग्रामीण महिलाएं, आज अपने घर में ही समूह बनाकर मशरूम की खेती कर रही हैं. महिलाएं मशरूम की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं और अच्छा आमदनी प्राप्त कर रही हैं. ग्रामीण महिलाएं समूह बनाकर मशरूम की खेती कर के स्वावलंबी बनती हैं.

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समूह बनाकर रोजगार की प्राप्ती

जामताड़ा के अमलाचातर गांव के रहने वाली ग्रामीण महिलाएं मशरूम की खेती कर रहीं हैं. महिलाएं आपस में समूह बनाकर रोजगार प्राप्त कर रही हैं और दूसरे महिलाओं को भी रोजगार देने का काम कर रही हैं. गांव की दो-तीन महिलाएं पहले मिलकर इस मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लिया और मशरूम की खेती शुरू की.

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मशरूम की खेती से प्रेरित

गांव की महिलाएं बताती हैं कि पहले आमदनी नहीं होता था और वे घर की काम करती थी. लेकिन प्रशिक्षण लेने के बाद अब वे मशरूम की खेती कर रही हैं और उन्हें अच्छा आमदनी हो जाता है. गांव की अन्य महिलाएं भी मशरूम की खेती से प्रेरित हो रही हैं. वे कहती हैं कि पहले वह मशरूम की खेती का नाम सुनती थी, लेकिन जब गांव में ही महिलाएं मशरूम की खेती देख रही हैं तो उनके मन में भी अब मशरूम की खेती करने की इच्छा होती है. वे भी इस मशरूम की खेती से जुड़ना चाहती हैं.

सरकार से है मदद की उम्मीद

महिला समूह चलाने वाली महिला का कहना है कि मशरूम का बीज महिलाएं अपने समूह के पैसे से खरीद कर खेती करती हैं. अगर सरकार मशरूम का बीज और सुविधा उपलब्ध करा दें तो महिलाएं इससे जुड़कर गांव में अच्छी आमदनी कर सकती है.

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