रांची/जामताड़ाः झारखंड में जंगली हाथियों का आतंक हमेशा से रहा है. भोजन की तलाश में हाथियों का झुंड ग्रामीण इलाकों में अक्सर घुस आता है. इनके आतंक से प्रदेश का कई जिला प्रभावित है. इन दिनों झुंड से बिछड़ा एक जंगली हाथी जामताड़ा जिले में चर्चा का विशेष बना हुआ है. बात यहां तक सामने आ रही है कि ना सिर्फ आम लोग बल्कि जनप्रतिनिधि भी इस जंगली हाथी (Wild elephant) को मारने की मांग कर रहे हैं.
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जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र (Jamtara Assembly Constituency) में एक जंगली हाथी (Wild elephant) की वजह से इलाके के लोग परेशान हैं. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी (Congress MLA Irfan Ansari) का कहना है कि यह हाथी पागल हो चुका है और अब इसे जान से मार देना चाहिए. क्योंकि यह हाथी अब तक कई ग्रामीणों को कुचल कर मार चुका है, फसल और घरों को भी नष्ट कर चुका है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि अगर इस हाथी को जल्द नहीं मारा गया तो ना जाने और कितने निर्दोष ग्रामीणों की जान चली जाएगी.
जंगली हाथी के आतंक से ग्रामीण त्रस्त
जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी (Jamtara MLA Irfan Ansari) ने जंगली हाथी के आतंक से त्रस्त कदरूडीह, करमाटांड़ गांव का दौरा किया. ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि जब ये हाथी गांव में घुसा तो गांव में हड़कंप मच गया, जंगली हाथी ने कई घरों को रौंद डाला, वहां रखा अनाज खा गया. विधायक इरफान अंसारी ने ग्रामीणों के साथ बैठक के दौरान मौजूद वन विभाग के पदाधिकारी को सभी ध्वस्त मकानों को अविलंब मरम्मत कराने का निर्देश दिया.
झारखंड में जंगली हाथियों के हमले से हर साल कई ग्रामीणों की जान चली गई है. भोजन की तलाश में हाथी अक्सर गांव में घुस आते हैं और अनाज चट कर जाते हैं. जंगली हाथी को गांव में घुसने से रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को वन विभाग (Forest Department) की तरफ से पटाखा (Crackers) मुहैया कराया जाता है. लेकिन कई बार जंगली हाथियों पर पटाखों का भी कोई असर नहीं होता है. जामताड़ा के इस जंगली हाथी के सामने आजमाए गए सारे हथकंडे बेकार साबित हुए. इसके सामने सारी कवायद बेअसर होने के बाद ही ग्रामीण उस हाथी को जान से मारने की अपील कर रहे हैं.
जंगली हाथी ने दंपती को कुचला
जामताड़ा में झुंड से बिछड़ा एक जंगली हाथी (Wild Elephant) पिछले कुछ दिनों से फतेहपुर क्षेत्र में भटककर आया है और इलाके में काफी उत्पात मचा रहा है. पिछले दिन इस जंगली हाथी ने एक दंपती को मार डाला. इसके बाद से गांव में हाथी को लेकर दहशत (Terror of Wild Elephant) का माहौल है. वन विभाग (Forest Department) की टीम हाथी को भगाने की कवायद में जुटी है. लेकिन अब तक उसमें सफल नहीं हो पाई है.
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झारखंड के 6 जिलों में जंगली हाथियों ने अप्रैल की शुरुआत से अब तक कथित तौर पर नौ लोगों की जान ले चुका है. अगर पिछले दो महीनों की बात करें तो एक ही हाथी ने 10 से ज्यादा लोगों को अपने पांव तले कुचल चुका है. जानकार बताते हैं कि ये नर हाथी 22 हाथियों के झुंड से अलग होने के बाद से संथाल परगना (Santhal Pargana) समेत राज्य में जंगल से सटे ग्रामीण इलाकों में उत्पात मचा रहा है. हाल में दुमका, साहिबगंज समेत कई इलाकों में हाथी का आतंक देखने को मिला.
इसके अलावा राजधानी रांची से सटे इलाकों में भी हाथियों का काफी आतंक है. बेड़ो, अनगड़ा और सिल्ली प्रक्षेत्र में भी हाथियों का झुंड अक्सर देखा गया है. पिछले दिनों रांची से सटे कई इलाकों में हाथियों का उत्पात देखने को मिला. जंगली हाथियों ने कई घरों को नुकसान पहुंचाया, फसल नष्ट कर दी तो इसके दहशत से कइयों की जान पर बन आई.