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पानी की किल्लत से मचा हाहाकार, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग

बांदरचुआ गांव के ग्रामीण पानी की समस्याओं से सालों से जूझ रहे हैं. गांव में पानी की किल्लत इतनी है कि हाहाकार मचा हुआ है. इलाके के सभी नदी-तालाब भी सूख गए हैं. ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अंतर्गत जो भी जल मीनार बनाए गए हैं वह भी बेकार पड़ा हुआ है.

पानी की किल्लत से लोग परेशान
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Published : Jun 16, 2019, 4:49 PM IST

जामताड़ा: जिले के बांदरचुआ गांव के ग्रामीण पानी की समस्याओं से सालों से जूझ रहे हैं. गांव में बने पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा बनाए गए लाखों की जलापूर्ति योजना भी फेल हो गई है. गांव में पानी की किल्लत इतनी है कि हाहाकार मचा हुआ है.

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सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों भीषण गर्मी और जल संकट को लेकर ग्रामीण काफी परेशान हैं. बांदरचुआ गांव में चापाकल खराब पड़ा हुआ है. इस इलाके के सभी नदी-तालाब भी सूख गए हैं. ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अंतर्गत जो भी जल मीनार बनाए गए हैं वह भी बेकार पड़ा हुआ है.


स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दिन तक जलापूर्ति योजना सही तरीके से चला लेकिन अब यह खराब पड़ा हुआ है. इस मामले में बीडीओ का कहना है कि उन्हें ग्रामीणों की समस्या के बारे में पता नहीं है. हालांकि उन्होंने ये जरुर कहा कि अगर क्षेत्र में चापाकल खराब हैं तो उन्हें जल्द ठीक करा दिया जाएगा.

जामताड़ा: जिले के बांदरचुआ गांव के ग्रामीण पानी की समस्याओं से सालों से जूझ रहे हैं. गांव में बने पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा बनाए गए लाखों की जलापूर्ति योजना भी फेल हो गई है. गांव में पानी की किल्लत इतनी है कि हाहाकार मचा हुआ है.

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सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों भीषण गर्मी और जल संकट को लेकर ग्रामीण काफी परेशान हैं. बांदरचुआ गांव में चापाकल खराब पड़ा हुआ है. इस इलाके के सभी नदी-तालाब भी सूख गए हैं. ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अंतर्गत जो भी जल मीनार बनाए गए हैं वह भी बेकार पड़ा हुआ है.


स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दिन तक जलापूर्ति योजना सही तरीके से चला लेकिन अब यह खराब पड़ा हुआ है. इस मामले में बीडीओ का कहना है कि उन्हें ग्रामीणों की समस्या के बारे में पता नहीं है. हालांकि उन्होंने ये जरुर कहा कि अगर क्षेत्र में चापाकल खराब हैं तो उन्हें जल्द ठीक करा दिया जाएगा.

Intro:जामताड़ा के बांदरचुआ गांव के ग्रामीण पानी की समस्या से काफी परेशान है। गांव में बने पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा लाखों का जलापूर्ति योजना भी फेल है। इसका लाभ ग्रामीण जनता को नहीं मिल पा रहा है। पदाधिकारी ग्रामीणों की समस्या से बेखबर है।


Body:जामताड़ा के ग्रामीण सुदूर क्षेत्रों में इन दिनों भीषण गर्मी और जल संकट को लेकर ग्रामीण जनता परेशान है। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकल खराब पड़ा हुआ है ।पोखरा सूख गए हैं ।ग्रामीण जलापूर्ति योजना अंतर्गत जो भी जल मीनार बनाए गए हैं वह भी बेकार पड़ा हुआ है। गांव में इसका लाभ ग्रामीण जनता को नहीं मिल पा रहा है। जामताड़ा जिला के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत बांदरचुआ गांव के ग्रामीण जनता का हाल यह है कि गांव में पानी के लिए ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है। यहां अधिकतर चापाकल खराब पड़े हुए हैं ।जो भी पोखरा गांव में है वह भी सूख गए हैं। कहने के लिए तो पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा गांव में प्यास बुझाने के लिए लाखों की लागत से सौर ऊर्जा द्वारा चलित जलापूर्ति योजना का निर्माण कराया गया है। लेकिन वह भी पूरा लाभ ग्रामीण जनता को नहीं मिल पा रहा है ।ग्रामीण जनता का कहना है कि कुछ दिन तक जलापूर्ति योजना ठीक-ठाक चला लेकिन अब खराब पड़ा हुआ है। किसी तरह बिजली से बोरिंग से पानी कुछ देर के लिए निकलता है तो आसपास के ग्रामीण पानी मिल जाता है ।लेकिन पूरे गांव के लोगों को पानी नहीं मिल पाता है ।ऐसी स्थिति में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस गांव के ग्रामीण जनता की समस्या के बारे में जब प्रखंड के वी झील ओ से संपर्क साधा गया तो उन्होंने ग्रामीण की समस्या से अनभिज्ञता प्रकट कि और जानकारी देते हुए बताया कि जो भी खराब चापाकल पड़े हुए हैं गांव में उसे पेयजल और स्वच्छता विभाग के द्वारा ठीक करा दिया जाएगा।
बाईट 1 वी ङी ओ नारायणपुर
बाईट 2&3 ग्रामीण जनता


Conclusion:यह हाल सिर्फ एक गांव का नहीं है। कमोवेश लगभग पूरे जिले में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में यही स्थिति है। पानी को लेकर हाहाकार है। अधिकतर चापाकल खराब पड़े हुए नदी नाला पोखरा सूखे हुए है लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी और प्रशासन बेखबर है।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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