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जामताड़ाः बांस के पुल से आने-जाने को मजबूर हैं ग्रामीण, वर्षों बाद भी नहीं बना पुल - Veergaon Barabandia Ghat in Jamtara

जामताड़ा के बराकर नदी के वीरगांव बरबंदिया घाट पर करोड़ों की लागत से पुल निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है. स्थिति यह है कि मजबूरन लोगों को बांस के पुल का सहारा लेना पड़ रहा है.

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बांस के पुल से आने-जाने को मजबूर है ग्रामीण
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Published : May 30, 2021, 5:29 PM IST

जामताड़ा: धनबाद को जोड़ने के लिए बराकर नदी के वीरगांव बरबंदिया घाट पर करोड़ों की लागत से पुल निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, ताकि स्थानीय लोगों को आवाजाही में सहूलियत हो. लेकिन वर्षों बाद निर्माणाधीन पुल अधूरा पड़ा हुआ है. स्थिति यह है कि स्थानीय ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. मजबूरन ग्रामीणों को नाव का सहारा लेना पड़ता है या फिर बांस के बने पुल से आ-जा रहे है. इससे कभी भी हादसा हो सकता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःजामताड़ा के नाला बीडीओ को अचानक आ गया गुस्सा, जानिए किस पर

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पुल

बराकर नदी के बिरगांव बरबंदिया घाट पर करीब 10 वर्ष पहले करोड़ों की लागत से पुल निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन निर्माण कार्य के दौरान बाढ़ के पानी में कई पिलर बह गए. इसके बाद निर्माण कार्य रूका, तो अब तक रूका हुआ है.


आने-जाने का एकमात्र रास्ता

ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीणों को रोजगार के लिए धनबाद जाना है या बच्चों को स्कूल जाना है, तो जाने के लिए एकमात्र रास्ता यही है. बारिश के दिनों में स्थिति और खराब हो जाती है. मजबूरन जान जोखिम में डालकर आ-जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नदी में जलस्तर बढ़ जाता है, तो आना-जाना बंद हो जाता है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

पुल निर्माण संघर्ष समिति के सदस्य अकबर अंसारी ने बताया कि पुल निर्माण को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं. धरना-प्रदर्शन कर सरकार और प्रशासन का ध्यान दिलाया, पुल निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. स्थिति यह है कि मजबूरन नाव या बांस पुल का सहारा लेते हैं.

जामताड़ा: धनबाद को जोड़ने के लिए बराकर नदी के वीरगांव बरबंदिया घाट पर करोड़ों की लागत से पुल निर्माण का कार्य शुरू किया गया था, ताकि स्थानीय लोगों को आवाजाही में सहूलियत हो. लेकिन वर्षों बाद निर्माणाधीन पुल अधूरा पड़ा हुआ है. स्थिति यह है कि स्थानीय ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. मजबूरन ग्रामीणों को नाव का सहारा लेना पड़ता है या फिर बांस के बने पुल से आ-जा रहे है. इससे कभी भी हादसा हो सकता है.

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पुल

बराकर नदी के बिरगांव बरबंदिया घाट पर करीब 10 वर्ष पहले करोड़ों की लागत से पुल निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन निर्माण कार्य के दौरान बाढ़ के पानी में कई पिलर बह गए. इसके बाद निर्माण कार्य रूका, तो अब तक रूका हुआ है.


आने-जाने का एकमात्र रास्ता

ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीणों को रोजगार के लिए धनबाद जाना है या बच्चों को स्कूल जाना है, तो जाने के लिए एकमात्र रास्ता यही है. बारिश के दिनों में स्थिति और खराब हो जाती है. मजबूरन जान जोखिम में डालकर आ-जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नदी में जलस्तर बढ़ जाता है, तो आना-जाना बंद हो जाता है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

पुल निर्माण संघर्ष समिति के सदस्य अकबर अंसारी ने बताया कि पुल निर्माण को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं. धरना-प्रदर्शन कर सरकार और प्रशासन का ध्यान दिलाया, पुल निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. स्थिति यह है कि मजबूरन नाव या बांस पुल का सहारा लेते हैं.

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