जामताड़ाः जिला के नारायणपुर प्रखंड में आजसू पार्टी द्वारा आदिवासी महासम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत के अलावा काफी संख्या में कार्यकर्ता, आदिवासी समाज के माझी हड़ाम ग्राम प्रधानों ने भाग लिया. सभी को संबोधित करते हुए पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने आदिवासी समाज से अपने हक और सम्मान के लिए एकजुट होने का संकल्प लेने एवं संघर्ष करने का आह्वान किया.
इसे भी पढ़ें- AJSU Program In Jamtara: जामताड़ा के नारायणपुर में 19 मार्च को आजसू का विराट महासम्मेलन, आदिवासियों को किया जाएगा सम्मानित
जामताड़ा में आदिवासी महासम्मेलन में सुदेश महतो ने आदिवासी समाज से एकजुट होने का आह्वान किया. संथाल में आदिवासी समाज में अपने पैर जमाने और ट्राइबल वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित करने और झामुमो के गढ़ में सेंधमारी करने के उद्देश्य से आजसू पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इसी के तहत रविवार को जामताड़ा के नारायणपुर प्रखंड में आदिवासी महासम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें काफी संख्या में आदिवासी समाज के लोग माझी हड़ाम ग्राम प्रधान ने भाग लिया.
इस सम्मेलन में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के अलावा पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत के साथ साथ पार्टी के कई बड़े नेताओं ने भाग लिया. सुदेश महतो ने इस सम्मेलन में आदिवासियों के मौजूदा हालात पर चर्चा करते हुए, आदिवासी समाज से अपने अधिकार और सम्मान के लिए संकल्पित होने और एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि लंबे समय के संघर्ष के बाद झारखंड राज्य बना लेकिन ग्राम सभा को अधिकार नहीं मिला.
सुदेश महतो ने झारखंड सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि कड़े संघर्षों के बाद राज्य बना लेकिन आज भी ग्राम सभा और आदिवासियों को उनके अधिकार से वंचित रहना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के बाद एक लंबे समय से झारखंड आंदोलन के नेतृत्व करने वाले इस राज्य के अगुवाई करते रहे हैं लेकिन झारखंड के आदिवासी समाज और ग्राम प्रधानों के उत्थान के लिए उनके पास कोई योजना नहीं है.
आजसू सुप्रीमो ने सरकार से ग्राम प्रधानों को उनके अधिकार देने और अन्य जनप्रतिनिधियों की तरह ग्राम प्रधानों को भी सम्मान देने की मांग की. झारखंड की शिक्षा स्वास्थ्य व्यवस्था की चर्चा करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि यहां की शिक्षा स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट हो गयी है. आदिवासी समाज शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा से वंचित होने के कारण उनका उत्थान नहीं हो पा रहा है. झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सिर्फ भवन का उद्घाटन और शिलान्यास होता है पर सेवा नहीं मिलती क्योंकि यहां डॉक्टर और शिक्षकों की कमी है. आदिवासी समाज के बच्चे अधिकतर सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं लेकिन आज विद्यालय की स्थिति एक से पांच खिचड़ी और 5 से 10 पास स्कूल बनकर रह गया है. इसका नतीजा यह है कि उनका विकास नहीं हो पा रहा है और रोजगार के लिए यहां के नौजवान पलायन कर रहे हैं.
अंतिम सर्वे बने नियोजन का आधार- सुदेश महतोः इस सम्मेलन के बाद मीडिया से बात करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने सरकार के 3 साल के कार्यकाल को पूरी तरह से विफल करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार 3 साल में कोई प्राथमिकता तय नहीं कर पाई है और ये सिर्फ अपने फायदे के ऐजंडे पर काम कर रही है और समय बिता रही है. 1932 खतियान और नियोजन नीति के सवाल पर नौजवानों द्वारा किए जा रहे विरोध को लेकर आजसू सुप्रीमो ने कहा कि हेमंत सरकार ने चुनाव से पूर्व यह वादा किया था कि बहुमत आने के बाद वह नियोजन नीति लाएंगे, स्थानीय नीति बनाएंगे, नौजवानों को रोजगार देंगे. लेकिन ना नौजवानों को नौकरी मिला ना, स्थानीय नीति ही सही ढंग से बन पायी. उन्होंने कहा कि अंतिम सर्वे के आधार पर सरकार नियोजन नीति बनाए और यहां के नौजवानों को मौका दे.
जामताड़ा में आदिवासी सम्मेलन में आजसू पार्टी द्वारा ग्राम प्रधानों और आदिवासी कलाकारों को सम्मानित किया गया. पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया. इस सम्मेलन में आदिवासी कलाकारों का रंगारंग कार्यक्रम भी हुआ. जिसमें आदिवासी कलाकारों ने नृत्य, गीत संगीत की प्रस्तुति देकर सम्मेलन में उपस्थित लोगों को खूब मनोरंजन किया.