जामताड़ा: साल 2020 जामताड़ा के लिए काफी उतार-चढ़ाव का साल रहा है. राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, आपराधिक आदि सभी के दृष्टिकोण से जामताड़ा 2020 काफी सुर्खियों में रहा है.
साइबर अपराध को लेकर सुर्खियों में रहा जामताड़ा
साइबर अपराध के मामले में पूरे देश में चर्चित जामताड़ा 2020 में साइबर अपराध को लेकर सुर्खियों में रहा. लॉकडाउन में साइबर अपराधी साइबर अपराध को अंजाम देने में काफी सक्रिय रहे. लोगों को साइबर अपराधियों ने अपना शिकार बनाया. हालांकि जामताड़ा और साइबर थाने की पुलिस इस लॉकडाउन के अवधि के दौरान कई कुख्यात साइबर अपराधियों को पकड़ने में सफल रही.
आपराधिक घटनाओं को लेकर भी जामताड़ा काफी चर्चित रहा
2020 में लॉकडाउन के दौरान काफी आपराधिक घटनाएं भी घटीं. मिहिजाम गोरायनाला नाला मोड़ के पास स्थित एसबीआई ग्राहक सेवा केंद्र में दिनदहाड़े अपराधियों ने लाखों रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया. वहीं डिलीवरी ब्वॉय से दिनदहाड़े अपराधियों ने छिनतई की घटना को अंजाम दिया. इसी तरह नारायणपुर थाना क्षेत्र में ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक से अपराधियों ने गोली मारकर लाखों रुपये लूट लिए. हालांकि पुलिस अपराधियों को पकड़ने में सफल रही.
मिट्टी की चाल धंसने से तीन महिलाओं की मौत
जाते-जाते 2020 जामताड़ा के लिए काफी दर्द भरा रहा. यहां कई दिल दहला देने वाली घटनाएं घटित हुईं. नारायणपुर थाना क्षेत्र में सफेद मिट्टी की चाल धंसने से तीन महिलाओं की दबकर मौत हो गई. वहीं जामताड़ा थाना क्षेत्र के नामूपाड़ा में एक मासूम की हत्या उसके फूफा ने कर दी और शव को घर में ही दफना दिया.
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पुराना नगर भवन को लेकर कांग्रेस और भाजपा हुए आमने-सामने
जामड़ा जेबीसी हाई स्कूल परिसर में निर्मित पुराना नगर भवन के अधिकार क्षेत्र को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए. इसे लेकर दोनों के बीच काफी राजनीतिक हुई. नगर भवन नगर पंचायत के अधीन रहेगा या स्कूल के अधीन इसे लेकर अभी तक विवाद चल रहा है.
डीसी और एसपी भिड़े
जामताड़ा के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस समारोह तैयारी को लेकर बीच मैदान में ही जामताड़ा के वर्तमान उपायुक्त और तत्कालीन एसपी अंशुमन कुमार आपस में ही भिड़ गए. उपायुक्त की तरफ से यह शिकायत की गई कि पुलिस अधीक्षक समय पर नहीं पहुंचे. फिर क्या था, एसपी अंशुमन कुमार मैदान में ही उपायुक्त से भिड़ गए.
8 माह बाद लॉकडाउन में रेल परिचालन हुआ शुरू
कोरोना महामारी को लेकर रेलवे प्रशासन की तरफ से रेल परिचालन को पूरी तरह से ठप कर दिया गया था. नतीजा लोग आना-जाना नहीं कर पा रहे थे. 8 माह तक रेल परिचालन ठप रहा. जामताड़ा रेलवे स्टेशन सूना रहा. करीब 8 माह के बाद पैसेंजर ट्रेन सेवा का परिचालन शुरू हुआ और जनरल टिकट खिड़की खुली. 8 माह के बाद लोग ट्रेन से आवागमन करना शुरू हुआ.