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सरकारी स्कूल में बच्चों से लगवाई जा रही झाड़ू, स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का भी उल्लंघन - जामताड़ा का मेजिया स्कूल

जामताड़ा के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के बजाय झाड़ू लगाने का काम करवाया जा रहा है. इसके साथ ही कोरोना को लेकर लापरवाही भी बरती जा रही है लेकिन प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं है.

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झाड़ू लगाते बच्चे
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Published : Mar 22, 2021, 11:08 AM IST

Updated : Mar 22, 2021, 11:16 AM IST

जामताड़ा: जिले के सरकारी स्कूल मेजिया में पढ़ने आने वाले बच्चों से झाड़ू लगवाया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां शिक्षक पढ़ाने की बजाय बच्चों को झाड़ू लगाने के काम में लगा देते हैं. वहीं कोरोना को लेकर भी लापरवाही बरती जा रही है. स्कूल में न मास्क लगवाया जा रहा है और न ही सेनिटाइजर का प्रयोग कराया जा रहा है. वहीं संबंधित विभाग के अधिकारी इन सभी बातों से बेखबर हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- जानें स्वास्थ्य मंत्री ने क्यों कहा, चोर सभी नेता बन गए, डकैत बन गए एमएलए

बच्चों से लगवाया जाता है झाड़ू

कोरोना काल में सरकार ने क्लास 8 से लेकर 10 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय खोल दिया है. अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेज रहे हैं. लेकिन स्कूल के शिक्षक छात्रों से ही झाड़ू लगवाते हैं. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चों के लिए लाखों रुपये खर्च कर पानी टंकी की व्यवस्था की गई है ताकि बच्चे ढंग से हाथ की सफाई कर सकें. लेकिन टंकी से ठीक से पानी नहीं आता. इससे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पानी के अभाव में शौचालय भी नहीं जाते हैं बच्चे
स्कूल में सिर्फ कहने के लिए शौचालय की व्यवस्था की गई है. शौचालय में गंदगी पसरी रहती है. इसमें पानी की भी व्यवस्था नहीं है. ऐसी स्थिति में बच्चों को इधर-उधर भटकना पड़ता है.

विद्यालय के प्राचार्य ने दिया गोलमोल जवाब
स्कूल में इस कुव्यवस्था को लेकर प्रभारी प्राचार्य गोलमोल जवाब देते हैं. अपने दायित्व की बात नहीं कर उन्होंने बचाव में कहा कि पानी नीचे चला गया है. जब पानी ऊपर आता है तो दिक्कत नहीं होती है, जबकि वास्तविकता में पानी चलता ही नहीं है.

जामताड़ा: जिले के सरकारी स्कूल मेजिया में पढ़ने आने वाले बच्चों से झाड़ू लगवाया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां शिक्षक पढ़ाने की बजाय बच्चों को झाड़ू लगाने के काम में लगा देते हैं. वहीं कोरोना को लेकर भी लापरवाही बरती जा रही है. स्कूल में न मास्क लगवाया जा रहा है और न ही सेनिटाइजर का प्रयोग कराया जा रहा है. वहीं संबंधित विभाग के अधिकारी इन सभी बातों से बेखबर हैं.

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बच्चों से लगवाया जाता है झाड़ू

कोरोना काल में सरकार ने क्लास 8 से लेकर 10 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय खोल दिया है. अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेज रहे हैं. लेकिन स्कूल के शिक्षक छात्रों से ही झाड़ू लगवाते हैं. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चों के लिए लाखों रुपये खर्च कर पानी टंकी की व्यवस्था की गई है ताकि बच्चे ढंग से हाथ की सफाई कर सकें. लेकिन टंकी से ठीक से पानी नहीं आता. इससे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पानी के अभाव में शौचालय भी नहीं जाते हैं बच्चे
स्कूल में सिर्फ कहने के लिए शौचालय की व्यवस्था की गई है. शौचालय में गंदगी पसरी रहती है. इसमें पानी की भी व्यवस्था नहीं है. ऐसी स्थिति में बच्चों को इधर-उधर भटकना पड़ता है.

विद्यालय के प्राचार्य ने दिया गोलमोल जवाब
स्कूल में इस कुव्यवस्था को लेकर प्रभारी प्राचार्य गोलमोल जवाब देते हैं. अपने दायित्व की बात नहीं कर उन्होंने बचाव में कहा कि पानी नीचे चला गया है. जब पानी ऊपर आता है तो दिक्कत नहीं होती है, जबकि वास्तविकता में पानी चलता ही नहीं है.

Last Updated : Mar 22, 2021, 11:16 AM IST
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