जामताड़ा: मिहिजाम की रहने वाले तरुणी पांडे ने यूपीएससी 2021 के सिविल सर्विस परीक्षा (UPSC Civil Services Exam 2021) में सफलता प्राप्त की है. इससे पूरे जिला और परिवार का नाम तरुणी पांडे ने रोशन किया है. तरणी पांडे के सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता प्राप्त (Taruni Pandey from Jamtara Cracked UPSC 2021) करने की खबर से उन्हें बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. इसको लेकर उनके माता-पिता और परिजन ने मंदिर में जाकर माथा टेककर भगवान से आशीर्वाद लिया.
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कौन हैं तरुणी पांडे: मिहिजाम स्टेशन रोड (पालबागन) निवासी डॉ. अरुण कुमार की तीन संतानों में तरूणी पहली पुत्री हैं. जो यूपीएससी की मुख्य परीक्षा को अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल (Taruni Pandey Cracked UPSC 2021 in first attempt) की. तरुणी से छोटी उसकी एक बहन और उसका एक भाई है, जो पढ़ाई करते हैं. पिता डॉक्टर अरुण पांडे जामताड़ा जिला के पशुपालन विभाग में कार्यरत हैं. उनकी मां नीता त्रिपाठी मिहिजाम के कानगोई स्कूल में सरकारी शिक्षिका हैं.
तरूणी पांडे की ईटीवी भारत से खास बातचीत: इस बाबत अपनी सफलता के बाद तरुणी पांडे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि माता-पिता के आशीर्वाद, ईश्वर का आशीर्वाद, गुरुजनों के सहयोग और अपनी मेहनत से उन्हें यह सफलता मिली है और काफी खुशी है. तरुणी पांडे ने कहा कि छोटे से शहर में रहकर भी अगर लगन और मेहनत किया जाए तो सफलता अवश्य मिलेगी. तरुणी पांडे का कहना था कि उनके परिवार में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए प्रमोद कुमार का भी काफी सहयोग मिला था. उन्हीं की प्रेरणा से वे सिविल सर्विस में तैयारी की, ताकि देश और समाज की सेवा कर सकें.
तरुणी पांडे ने कहा कि मेरा संदेश यही है कि मेरे पिता के जैसा ही अन्य बेटियों के पिता भी अपनी बच्चियों को पढ़ाई के लिए पूरी आजादी दें. उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि मेरा पहला प्रयास हुआ कि पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन मिले लेकिन जो भी मिलेगा वह मेरे लिए बेहतर होगा. यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद तरुणी पांडे के माता-पिता भी काफी खुश हैं. उनके माता-पिता का कहना है कि बेटी की सफलता से वो काफी खुश हैं और हर घर को ऐसी बेटी मिले.