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सरकारी सुविधा से वंचित आदिवासी छात्रावास, छात्रों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना - jharkhand news

जामताड़ा में आदिवासी छात्रों के लिए 100 बेड वाले छात्रावास का निर्माण कराया गया है. लेकिन यहां छात्रों को किसी भी तरह के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है.

tribal hostel located at Chakri in Jamtara
tribal hostel located at Chakri in Jamtara
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 10, 2023, 5:29 PM IST

देखें पूरी खबर

जामताड़ा: राज्य सरकार एक तरफ आदिवासियों के हित की बात करती है. आदिवासी छात्रों को अच्छी शिक्षा और अच्छा भविष्य देने की बात करती है. दूसरी ओर जामताड़ा में चाकरी स्थित आदिवासी छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है. सुविधाओं के अभाव में किसी तरह छात्रावास में रहकर छात्र अपनी पढ़ाई करते हैं.

यह भी पढ़ें: रिम्स मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की स्थिति जर्जर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, डर के साये में रहते हैं छात्र

हालत यह है कि छात्रावास में रहने वाले छात्रों को ना सही से पानी मिल पाता है और ना ही कोई सरकारी सुविधा का लाभ मिल पाता है. पढ़ने के लिए टेबल कुर्सी के साथ ही बेड भी जर्जर हो चुके हैं. मच्छर से छात्र परेशान रहते हैं. बच्चों को मच्छरदानी तक नहीं मिल पाता है. छात्रावास में पुस्तकालय बना है लेकिन यहां एक पुस्तक तक उपलब्ध नहीं है.

क्या कहते हैं छात्र: आदिवासी छात्रावास में रह कर पढ़ाई-लिखाई करने वाले छात्र बताते हैं कि यहां उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. टेबुल, बेड सब टूट चुका है, बरसात में मच्छर का प्रकोप बढ़ जाता है. मच्छरदानी भी नहीं मिल पाता है. पुस्तकालय है लेकिन पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं है. छात्रों का कहना है कि वे खुद से खाना बनाते हैं और बीमार होने पर इलाज भी उन्हें खुद से ही करना पड़ता है.

विधायक इरफान अंसारी ने किया है शिलान्यास: हालांकि जर्जर छात्रावास भवन जीर्णोद्धार के लिए बीते दिनों ही जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने शिलान्यास किया है. बताया जाता है कि 30 लाख रुपए की लागत से जर्जर आदिवासी छात्रावास भवन का जीर्णोधार किया जाएगा.

इतनी बड़ी रकम से जर्जर आदिवासी छात्रावास भवन चमकेगा या ठेकेदार और संबंधित विभाग के पदाधिकारी का चेहरा चमकेगा, यह तो कहा नहीं जा सकता है. लेकिन विधायक का कहना है कि अभी छात्रावास भवन के जीर्णोधार के लिए 30 लाख रुपया दिया गया है. आगे जरूरत पड़ेगी तो और भी राशि देंगे. साथ ही छात्रावास में छात्रों को जो भी समस्या है, उसका निदान किया जाएगा.

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जामताड़ा: राज्य सरकार एक तरफ आदिवासियों के हित की बात करती है. आदिवासी छात्रों को अच्छी शिक्षा और अच्छा भविष्य देने की बात करती है. दूसरी ओर जामताड़ा में चाकरी स्थित आदिवासी छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है. सुविधाओं के अभाव में किसी तरह छात्रावास में रहकर छात्र अपनी पढ़ाई करते हैं.

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हालत यह है कि छात्रावास में रहने वाले छात्रों को ना सही से पानी मिल पाता है और ना ही कोई सरकारी सुविधा का लाभ मिल पाता है. पढ़ने के लिए टेबल कुर्सी के साथ ही बेड भी जर्जर हो चुके हैं. मच्छर से छात्र परेशान रहते हैं. बच्चों को मच्छरदानी तक नहीं मिल पाता है. छात्रावास में पुस्तकालय बना है लेकिन यहां एक पुस्तक तक उपलब्ध नहीं है.

क्या कहते हैं छात्र: आदिवासी छात्रावास में रह कर पढ़ाई-लिखाई करने वाले छात्र बताते हैं कि यहां उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. टेबुल, बेड सब टूट चुका है, बरसात में मच्छर का प्रकोप बढ़ जाता है. मच्छरदानी भी नहीं मिल पाता है. पुस्तकालय है लेकिन पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं है. छात्रों का कहना है कि वे खुद से खाना बनाते हैं और बीमार होने पर इलाज भी उन्हें खुद से ही करना पड़ता है.

विधायक इरफान अंसारी ने किया है शिलान्यास: हालांकि जर्जर छात्रावास भवन जीर्णोद्धार के लिए बीते दिनों ही जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने शिलान्यास किया है. बताया जाता है कि 30 लाख रुपए की लागत से जर्जर आदिवासी छात्रावास भवन का जीर्णोधार किया जाएगा.

इतनी बड़ी रकम से जर्जर आदिवासी छात्रावास भवन चमकेगा या ठेकेदार और संबंधित विभाग के पदाधिकारी का चेहरा चमकेगा, यह तो कहा नहीं जा सकता है. लेकिन विधायक का कहना है कि अभी छात्रावास भवन के जीर्णोधार के लिए 30 लाख रुपया दिया गया है. आगे जरूरत पड़ेगी तो और भी राशि देंगे. साथ ही छात्रावास में छात्रों को जो भी समस्या है, उसका निदान किया जाएगा.

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