ETV Bharat / state

इन सांपों से रहें अलर्ट...मानसून शुरू होते ही बढ़ीं सर्पदंश की घटनाएं

मानसून शुरू होते ही जामताड़ा में सांपों का निकलना शुरू हो जाता है. इन सांपों से कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है. इस वर्ष मानसून शुरू होते ही जिले में दो लोगों की मौत सांप के काटने की वजह से हो गई.

death-due-to-snakebite-in-jamtara
सांप
author img

By

Published : Jun 19, 2021, 6:06 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 10:57 PM IST

जामताड़ा: बरसात शुरू होते ही सांपों के निकलने का भी सिलसिला शुरू हो जाता है. ये सांप जंगल, पहाड़ और दलदल क्षेत्र में निकलने लगते हैं. इन सांपों से कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है. जामताड़ा जिले में जनवरी से लेकर जून तक 2 लोगों की मौत सांप काटने से हुई है.

देखें स्पेशल स्टोरी


सांपों का निकलना शुरू
संथाल परगना पहाड़ों का क्षेत्र है. संथाल परगना का जामताड़ा जिला सांपों का जिला माना जाता. पहले जंगल झाड़ अधिक होने के कारण काफी संख्या में सांप पाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे आबादी बढ़ने और जंगल कटने के कारण सांपों की संख्या अब घटने लगी है. फिर भी बरसात में इस क्षेत्र में सांपों का निकलना शुरू हो जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में सांप निकलते हैं.

तीन तरह के जहरीले सांप
सांपों की प्रजातियां अनेक हैं. काफी संख्या में तरह-तरह के सांप निकलते है, जिसमें ढोङ सांप, ग्रास स्नेक शामिल है. जिसे हरहरूआ सांप भी कहा जाता है. ये सांप काफी संख्या में निकलते हैं लेकिन ये विषैले नहीं होते है.

यहां 3 तरह के सांप विषैले पाए जाते हैं. इसमें अजगर, करैत और पताड़ सांप शामिल है. सांपों के विशेषज्ञ विनोद कुमार ने बताया कि जामताड़ा क्षेत्र में अजगर, करैत जिसे चित्ती सांप भी कहते हैं. पताड़ सांप जो काफी विषैला सांप होता है. इसके काटने से लोगों की मौत हो जाती है.

अधिकतर सांप विषैले नहीं
चिकित्सकों का कहना है कि अधिकतर सांप विषैले नहीं होते है. बरसात के मौसम में पानी बिल में भर जाने से सांप बाहर निकलते हैं. यदि किसी को सांप काटता है तो उसे ऑब्जरवेशन में कुछ देर के लिए रखते हैं और तुरंत इलाज के लिए ले जाएं. विषैले सांप के काटने का लक्षण दिखने पर उसका इलाज शुरू किया जाता है.


सांप काटने से 50 मरीज का इलाज
जामताड़ा स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते साल सदर अस्पताल में करीब 50 की संख्या में मरीजों का इलाज हुआ था. जिन्हें सांप ने काटा था. जिसमें दो या तीन लोगों की मौत हो गई थी.

इस वर्ष 2 लोगों की मौत
इस वर्ष मानसून शुरू होते ही जामताड़ा सदर अस्पताल में एक की मौत सांप काटने से हो गई जबकि एक कुंड़हित प्रखंड में सांप के काटने से मौत हुई. जिले में जनवरी से लेकर जून तक 2 लोगों की सांप काटने से मौत हो चुकी है. स्वास्थ विभाग के अनुसार सांप के काटने से मरीज के इलाज के लिए दवा और इलाज की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है.

वहीं जिले के सदर अस्पताल में एंटी वीनम इंजेक्शन (Anti Venom Injection) की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र में इंजेक्शन की सुविधा ना होने के कारण लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

जामताड़ा: बरसात शुरू होते ही सांपों के निकलने का भी सिलसिला शुरू हो जाता है. ये सांप जंगल, पहाड़ और दलदल क्षेत्र में निकलने लगते हैं. इन सांपों से कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है. जामताड़ा जिले में जनवरी से लेकर जून तक 2 लोगों की मौत सांप काटने से हुई है.

देखें स्पेशल स्टोरी


सांपों का निकलना शुरू
संथाल परगना पहाड़ों का क्षेत्र है. संथाल परगना का जामताड़ा जिला सांपों का जिला माना जाता. पहले जंगल झाड़ अधिक होने के कारण काफी संख्या में सांप पाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे आबादी बढ़ने और जंगल कटने के कारण सांपों की संख्या अब घटने लगी है. फिर भी बरसात में इस क्षेत्र में सांपों का निकलना शुरू हो जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में सांप निकलते हैं.

तीन तरह के जहरीले सांप
सांपों की प्रजातियां अनेक हैं. काफी संख्या में तरह-तरह के सांप निकलते है, जिसमें ढोङ सांप, ग्रास स्नेक शामिल है. जिसे हरहरूआ सांप भी कहा जाता है. ये सांप काफी संख्या में निकलते हैं लेकिन ये विषैले नहीं होते है.

यहां 3 तरह के सांप विषैले पाए जाते हैं. इसमें अजगर, करैत और पताड़ सांप शामिल है. सांपों के विशेषज्ञ विनोद कुमार ने बताया कि जामताड़ा क्षेत्र में अजगर, करैत जिसे चित्ती सांप भी कहते हैं. पताड़ सांप जो काफी विषैला सांप होता है. इसके काटने से लोगों की मौत हो जाती है.

अधिकतर सांप विषैले नहीं
चिकित्सकों का कहना है कि अधिकतर सांप विषैले नहीं होते है. बरसात के मौसम में पानी बिल में भर जाने से सांप बाहर निकलते हैं. यदि किसी को सांप काटता है तो उसे ऑब्जरवेशन में कुछ देर के लिए रखते हैं और तुरंत इलाज के लिए ले जाएं. विषैले सांप के काटने का लक्षण दिखने पर उसका इलाज शुरू किया जाता है.


सांप काटने से 50 मरीज का इलाज
जामताड़ा स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते साल सदर अस्पताल में करीब 50 की संख्या में मरीजों का इलाज हुआ था. जिन्हें सांप ने काटा था. जिसमें दो या तीन लोगों की मौत हो गई थी.

इस वर्ष 2 लोगों की मौत
इस वर्ष मानसून शुरू होते ही जामताड़ा सदर अस्पताल में एक की मौत सांप काटने से हो गई जबकि एक कुंड़हित प्रखंड में सांप के काटने से मौत हुई. जिले में जनवरी से लेकर जून तक 2 लोगों की सांप काटने से मौत हो चुकी है. स्वास्थ विभाग के अनुसार सांप के काटने से मरीज के इलाज के लिए दवा और इलाज की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है.

वहीं जिले के सदर अस्पताल में एंटी वीनम इंजेक्शन (Anti Venom Injection) की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र में इंजेक्शन की सुविधा ना होने के कारण लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

Last Updated : Jun 19, 2021, 10:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.