जामताड़ाः सोलर जलमीनार निर्माण के नाम पर जामताड़ा के नारायणपुर प्रखंड के टोपाटांड पंचायत में भारी पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया है. यहां 14वें वित्त आयोग की राशि से सोलर जलमीनार निर्माण के नाम पर करीब नौ लाख रुपये की राशि निकाल ली गई, लेकिन धरातल पर अब तक कोई काम नहीं हुआ.
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अफसर तलाशते रह गए जलमीनार
ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के उद्देश्य से 14वें वित्त आयोग से मिली निधि से जामताड़ा में सोलर जलमीनार निर्माण कराया जाना था. अब जिले के नारायणपुर प्रखंड के टोपाटांड पंचायत में इस योजना में बड़े 'खेल' का मामल सामने आया है तो सरकारी विभागों में हड़कंप मचा है. टोपाटांड पंचायत में सोलर जलमीनार निर्माण का निर्माण कराया जाना था. लेकिन अरसे पहले इस योजना से निर्माण के नाम पर 9 लाख रुपये की निकासी कर ली गई, लेकिन अब तक काम भी शुरू नहीं हो सका है.
शनिवार को नारायणपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभाकर मिर्धा ने सोलर जलमीनार निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे तो जल मीनार कहीं नहीं दिखी. इस दौरान बीपीओ विद्युत मुर्मु, बीपीआरओ वेंजमीन हेम्ब्रम भी मौजूद थे.
क्या है मामला
बता दें कि, नारायणपुर प्रखंड के टोपाटांड पंचायत में 14वीं वित्त निधि से 7 सोलर जलमीनार निर्माण के लिए 9 लाख की राशि की निकाली गई है. लेकिन जमीनी स्तर पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है. 7 में से 1 जलमीनार ही बनी है, जबकि शेष जलमीनार का काम शुरुआती काम के बाद बंद कर दिया गया है.
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आरोपियों के पास सिर्फ 24 घंटे का मौकाः बीडीओ
इस संबंध में बीडीओ प्रभाकर मिर्धा ने कहा कि टोपाटांड पंचायत में 14वीं वित्त निधि से सोलर जलमीनार के लिए 9 लाख रुपये की निकासी करने और काम पूरा नहीं होने की बात सामने आई है. मैंने इस विषय को लेकर स्थलीय जांच की है. जांच में सात में से सिर्फ एक ही जलमीनार पूर्ण है, शेष छह जल मीनार अपूर्ण है. चूंकि अब 15 वीं वित्त निधि से काम शुरू कराए जा चुके हैं. ऐसे में अब अपूर्ण जल मीनार निर्माण का कार्य पूरा होना असंभव है.
इस तरह संबंधित पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव की मिलीभगत से सोलर जलमीनार निर्माण में घोर अनियमितता बरती गई है. इसलिए संबंधित पंचायत सचिव और मुखिया से 24 घंटे के अंदर मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है. यदि 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण नहीं मिलता है तो विभागीय स्तर की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.