जामताड़ा: बिजली टावर से गिरकर दो आदिवासी युवक की मौत पर अब सवाल उठने लगे हैं. दगअसल 32000 हजार वोल्ट के बिजली टावर पर चढ़कर काम करने के दौरान दो आदिवासी युवक की गिरकर मौत (laborers died after falling from electric tower) हो गई. इस घटना ने बिजली विभाग और संवेदक के द्वारा काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा की व्यवस्था (labor security in electricity department ) पर सवाल खड़ा कर दिया है.
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सेफ्टी बेल्ट टूटकर गिरने से मौत: घटना बीते देर शाम नारायणपुर थाना क्षेत्र के बाकुडीह गांव की है. जहां अंधेरा होने पर दो आदिवासी युवक 32000 वोल्ट के बिजली टावर पर चढ़कर काम कर रहे थे कि अचानक उनक सेफ्टी बेल्ट टूट गया. वह नीचे आ गिरे और उनकी मौत हो गई. मृतक का नाम बुलेट हेम्ब्रम और होपना किस्कू बताया गया है. बताया जाता है कि दोनों को बिजली विभाग के संवेदक द्वारा काम पर लगाया गया था. ऐसे में सवाल उठता है कि सूरज डूबने के बाद रात के अंधेरे में बिना सुरक्षा के संवेदक द्वारा किसकी प्रस्तुति में दोनों से काम लिया जा रहा था. यह जांच का विषय है.
पुलिस जांच में जुटी: फिलहाल इस मामले में घटना के बाद पुलिस छानबीन में जुटी है. दोनों को पोस्टमार्टम के लिए कानूनी कार्रवाई करते हुए सदर अस्पताल जामताड़ा भेजा गया है. वहीं इस घटना को लेकर जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी मौके पर पहुंचे. दोनों आदिवासी युवकों की मौत के लिए बिजली विभाग संवेदक को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. साथ ही मृतक के परिजन मुआवजा में सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे हैं.
विधायक इरफान अंसारी ने की मुआवजे की मांग: इस हादसे की सूचना जैसे ही जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी को मिली वे तुरंत मौके पर पहुंच गए और घटना का जायजा लिया. इस दौरान विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है. उन्होंने जीएम और कार्यपालक अभियंता से बात कर मृतकों के परिवार वालों को नौकरी और 10-10 लाख रुपए मुआवजे की मांग की.