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बंगाल के तीर्थ यात्रियों को अपने ही राज्य में नहीं दी गई एंट्री, सीमा से वाहन सहित लौटाया - corona cases in jamtara

लॉकडाउन में फंसे जामताड़ा के मिहिजाम में बंगाल के तीर्थ यात्रियों को छोड़े जाने के बाद भी बंगाल प्रशासन ने प्रवेश नहीं दिया. वाहन समेत उन्हें वापस उन्हें लौटाया गया.

Pilgrims of Bengal were not given entry in their own state
बंगाल के तीर्थ यात्रियों को अपने ही राज्य में नहीं दी गई एंट्री
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Published : May 4, 2020, 6:14 PM IST

जामताड़ा: लॉकडाउन में तीर्थाटन कर बंगाल लौट रहे पश्चिम बंगाल के करीब 44 की संख्या में तीर्थ यात्रियों को बंगाल में प्रवेश नहीं दिया गया. इस कारण उन्हें मिहिजाम जामताड़ा की सीमा पर ही क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था. क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखकर उनके लिए जिला प्रशासन द्वारा खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने के पश्चात करीब महीने भर से इन्हें छोड़ा नहीं जा रहा था. इससे यह घर जाने को व्याकुल थे.

देखें पूरी खबर

राज्य सरकार के आदेश मिलने के बाद जामताड़ा जिला प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल करते हुए कुल 12 गाड़ी के साथ इन्हें वापस बंगाल जाने के लिए अनुमति दे दी. लेकिन बंगाल सीमा पर जाते ही फिर से बंगाल के यात्रियों को बंगाल प्रशासन और पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया है कि कि उन्हें यह सूचना नहीं है. जिला प्रशासन के आदेश को उन्होंने मानने से इंकार कर दिया.

सभी लोग वाहन समेत वापस लौट आए. यात्रियों को वापस लौटकर फिर से मिहिजाम नगर भवन में शरण लेनी पड़ी. यही नहीं झारखंड से जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए अनुमति और आदेश को भी बंगाल प्रशासन नहीं मान रही है. नतीजा कई लोगों को बंगाल में जरूरी काम के लिए भी जाने से वंचित रहना पड़ रहा है. इस बारे में जामताड़ा जिले के उपायुक्त गणेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन में पश्चिम बंगाल के तीर्थ यात्रियों को उन्हें छोड़ने के लिए कुल 12 वाहन गाड़ी के साथ अनुमति दी गई थी.

ये भी पढ़ें: रांची: कोरोना वॉरियर्स की गाड़ियों में मुफ्त में भरा जा रहा पेट्रोल-डीजल

पास भी निर्गत किए गए थे. बावजूद इसके बंगाल प्रशासन और वहां की सरकार ने मानने से इनकार किया और लौटा दिया. इस बारे में उपायुक्त गणेश कुमार का कहना है कि जबकि इस संबंध में वहां के डीएम और संबंधित पदाधिकारी को मैसेज कर यह जानकारी दी गई है कि जो उनके लोग फंसे हुए हैं वह स्वीकार करें. उपायुक्त ने बंगाल प्रशासन और सरकार के अड़ियल रवैए को देखते हुए फिलहाल बंगाल जाने के लिए किसी को भी अनुमति देने से रोक लगा दी है.

वापस लौटे मिहिजाम नगर भवन में रह रहे तीर्थ यात्रियों का कहना था कि बंगाल जाने के लिए जामताड़ा जिला प्रशासन द्वारा उन्हें गाड़ी के साथ छोड़ा गया. महीनों से वह लोग क्वॉरेंटाइन में रह रहे थे, लेकिन बंगाल सीमा पर प्रवेश करते ही उन्हें रोक दिया गया और यह कहकर लौटा दिया गया कि उन्हें इसकी सूचना नहीं है. जबकि जिला प्रशासन द्वारा गाड़ी की अनुमति के साथ उन्हें जाने का आदेश दिया गया था.

जामताड़ा: लॉकडाउन में तीर्थाटन कर बंगाल लौट रहे पश्चिम बंगाल के करीब 44 की संख्या में तीर्थ यात्रियों को बंगाल में प्रवेश नहीं दिया गया. इस कारण उन्हें मिहिजाम जामताड़ा की सीमा पर ही क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था. क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखकर उनके लिए जिला प्रशासन द्वारा खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने के पश्चात करीब महीने भर से इन्हें छोड़ा नहीं जा रहा था. इससे यह घर जाने को व्याकुल थे.

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राज्य सरकार के आदेश मिलने के बाद जामताड़ा जिला प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल करते हुए कुल 12 गाड़ी के साथ इन्हें वापस बंगाल जाने के लिए अनुमति दे दी. लेकिन बंगाल सीमा पर जाते ही फिर से बंगाल के यात्रियों को बंगाल प्रशासन और पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया है कि कि उन्हें यह सूचना नहीं है. जिला प्रशासन के आदेश को उन्होंने मानने से इंकार कर दिया.

सभी लोग वाहन समेत वापस लौट आए. यात्रियों को वापस लौटकर फिर से मिहिजाम नगर भवन में शरण लेनी पड़ी. यही नहीं झारखंड से जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए अनुमति और आदेश को भी बंगाल प्रशासन नहीं मान रही है. नतीजा कई लोगों को बंगाल में जरूरी काम के लिए भी जाने से वंचित रहना पड़ रहा है. इस बारे में जामताड़ा जिले के उपायुक्त गणेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉकडाउन में पश्चिम बंगाल के तीर्थ यात्रियों को उन्हें छोड़ने के लिए कुल 12 वाहन गाड़ी के साथ अनुमति दी गई थी.

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पास भी निर्गत किए गए थे. बावजूद इसके बंगाल प्रशासन और वहां की सरकार ने मानने से इनकार किया और लौटा दिया. इस बारे में उपायुक्त गणेश कुमार का कहना है कि जबकि इस संबंध में वहां के डीएम और संबंधित पदाधिकारी को मैसेज कर यह जानकारी दी गई है कि जो उनके लोग फंसे हुए हैं वह स्वीकार करें. उपायुक्त ने बंगाल प्रशासन और सरकार के अड़ियल रवैए को देखते हुए फिलहाल बंगाल जाने के लिए किसी को भी अनुमति देने से रोक लगा दी है.

वापस लौटे मिहिजाम नगर भवन में रह रहे तीर्थ यात्रियों का कहना था कि बंगाल जाने के लिए जामताड़ा जिला प्रशासन द्वारा उन्हें गाड़ी के साथ छोड़ा गया. महीनों से वह लोग क्वॉरेंटाइन में रह रहे थे, लेकिन बंगाल सीमा पर प्रवेश करते ही उन्हें रोक दिया गया और यह कहकर लौटा दिया गया कि उन्हें इसकी सूचना नहीं है. जबकि जिला प्रशासन द्वारा गाड़ी की अनुमति के साथ उन्हें जाने का आदेश दिया गया था.

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