जामताड़ा: नोवेल कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया जहां त्राहिमाम कर रहा है, केंद्र सरकार और राज्य सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. सभी शैक्षणिक संस्थान सरकारी कार्यक्रम प्रतिष्ठान बंद कर दिया गया है. सरकारी दफ्तरों में अनावश्यक लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. वहीं, जब ईटीवी भारत की टीम ने जामताड़ा के सदर अस्पताल, सार्वजनिक बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों की व्यवस्था की जांच की तो वहां पर सरकारी स्तर पर कोई सतर्कता नहीं बरती जा रही है और ना कोई व्यवस्था की गई है. लोग अपने स्तर से सतर्कता बरत रहे हैं. इन स्थानों पर आने जाने वाले यात्रियों को जागरूक नहीं किया जा रहा है.
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जबकि जिला समाहरणालय में सैनेटाईजेशन की व्यवस्था की गई है, आम लोगों को प्रवेश नहीं कराया जा रहा है, अनुमति लेकर ही हाथ धोकर ही जिला समाहरणालय में प्रवेश कराया जा रहा है. जबकि दूसरे सरकारी दफ्तरों में व्यवस्था अभी तक लागू नहीं की गई है. जिला सदर अस्पताल में किसी भी तरह के सेनेटाइजेशन और सतर्कता कोरोना वायरस को लेकर नहीं देखा गया, आने जाने वाले मरीज लोग जैसे तैसे आते जाते दिखे. बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन में किसी भी तरह की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं की गई. जबकि सार्वजनिक स्थान और भीड़भाड़ वाले जगह पर आने जाने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. बावजूद इसके यहां पालन नहीं किया जा रहा है.
सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठा सवाल
सरकारी स्तर पर व्यवस्था नहीं किए जाने के सवाल पर उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. बस स्टैंड के लिए कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. वहीं, उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन के लिए डीआरएम से पत्राचार करेंगे. साथ ही सदर अस्पताल में पूरी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी.
कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश भर में जनता कर्फ्यू का आह्वान किया गया है. देश के प्रधानमंत्री ने आम लोगों से घर से नहीं निकलने की अपील की है. लेकिन जामताड़ा में स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस से निपटने को लेकर आम लोगों के प्रति कितनी संजीदा है इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.