ETV Bharat / state

जामताड़ा में बिना मानदेय के काम करने को मजबूर हैं पशुधन मित्र, 2016 से ही दे रहे हैं सेवा - पशुधन मित्र के वेतन भुगतान का मामला

जामताड़ा जिला पशुपालन विभाग में 2016 से सेवा देते आ रहे पशुधन मित्र अपने मानदेय और प्रोत्साहन राशि की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. पशुधन मित्र बिना मानदेय के काम करने को मजबूर हैं.

pashudhan mitra in jamtara
पशुधन मित्र
author img

By

Published : Nov 10, 2020, 8:47 AM IST

जामताड़ा: जिला पशुपालन विभाग में कार्यरत मित्र अपने मानदेय और प्रोत्साहन राशि की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन न मानदेय मिल रहा है न प्रोत्साहन राशि. बिना मानदेय के काम करने को पशुधन मित्र मजबूर हैं. इनका कहना है कि 2016 से विभाग की ओर से उनसे सारा काम लिया जा रहा है, लेकिन आज तक उन्हें न मानदेय दिया जा रहा है न कोई प्रोत्साहन राशि. नतीजा उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-नियमित डीजीपी मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने पर असमंजस, सरकार को मांगनी है यूपीएससी के लिए गाइडलाइन

2016 में किया गया था चयन

2016 में जामताड़ा जिला पशुपालन विभाग में विभाग के सहयोग के लिए पशुधन मित्र का चयन किया गया था. बताया जाता है कि विभाग के पशुओं के इलाज टीकाकरण कार्य में सहयोग के लिए इन पशुधन मित्र की सेवा ली जाती है. पशुधन मित्र विभाग के पशुओं के इलाज का हो या टीकाकरण का ये विभाग के हर काम में सेवा देते आ रहे हैं और अपनी स्वेच्छा से कार्य करते आ रहे हैं.

निर्धारित नहीं की गई है मानदेय और प्रोत्साहन राशि

बताया जाता है कि पशुपालन विभाग में पशुधन मित्र का चयन तो किया गया. इनसे सेवा ली जाती रही है और ये अपनी सेवा देते रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से आज तक इनके लिए न मानदेय निर्धारित की गई है और ना कोई प्रोत्साहन राशि.

पशुओं का टीकाकरण और टैगिंग

जिला के पशुपालन पदाधिकारी इंद्र भूषण सिन्हा की ओर से इस बारे में संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि पशुधन मित्र का स्वेच्छा से चयन 2016 में किया गया, ताकि विभाग को जब भी जरूरत और सहयोग की जरूरत हो तो इन पशुधन मित्र की मदद ली जा सके, लेकिन सरकार की ओर से कोई निर्धारित मानदेय और प्रोत्साहन राशि निर्धारित नहीं है. जिला पशुपालन पदाधिकारी का कहना था कि अब जिला में वैक्सीनेटर और पशुओं के टैगिंग का काम जारी है. जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेटर और टैगिंग के लिए पशुधन मित्र को 5 रूपए डीबीटी के माध्यम से दिया जाना है.

जामताड़ा: जिला पशुपालन विभाग में कार्यरत मित्र अपने मानदेय और प्रोत्साहन राशि की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन न मानदेय मिल रहा है न प्रोत्साहन राशि. बिना मानदेय के काम करने को पशुधन मित्र मजबूर हैं. इनका कहना है कि 2016 से विभाग की ओर से उनसे सारा काम लिया जा रहा है, लेकिन आज तक उन्हें न मानदेय दिया जा रहा है न कोई प्रोत्साहन राशि. नतीजा उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-नियमित डीजीपी मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने पर असमंजस, सरकार को मांगनी है यूपीएससी के लिए गाइडलाइन

2016 में किया गया था चयन

2016 में जामताड़ा जिला पशुपालन विभाग में विभाग के सहयोग के लिए पशुधन मित्र का चयन किया गया था. बताया जाता है कि विभाग के पशुओं के इलाज टीकाकरण कार्य में सहयोग के लिए इन पशुधन मित्र की सेवा ली जाती है. पशुधन मित्र विभाग के पशुओं के इलाज का हो या टीकाकरण का ये विभाग के हर काम में सेवा देते आ रहे हैं और अपनी स्वेच्छा से कार्य करते आ रहे हैं.

निर्धारित नहीं की गई है मानदेय और प्रोत्साहन राशि

बताया जाता है कि पशुपालन विभाग में पशुधन मित्र का चयन तो किया गया. इनसे सेवा ली जाती रही है और ये अपनी सेवा देते रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से आज तक इनके लिए न मानदेय निर्धारित की गई है और ना कोई प्रोत्साहन राशि.

पशुओं का टीकाकरण और टैगिंग

जिला के पशुपालन पदाधिकारी इंद्र भूषण सिन्हा की ओर से इस बारे में संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि पशुधन मित्र का स्वेच्छा से चयन 2016 में किया गया, ताकि विभाग को जब भी जरूरत और सहयोग की जरूरत हो तो इन पशुधन मित्र की मदद ली जा सके, लेकिन सरकार की ओर से कोई निर्धारित मानदेय और प्रोत्साहन राशि निर्धारित नहीं है. जिला पशुपालन पदाधिकारी का कहना था कि अब जिला में वैक्सीनेटर और पशुओं के टैगिंग का काम जारी है. जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेटर और टैगिंग के लिए पशुधन मित्र को 5 रूपए डीबीटी के माध्यम से दिया जाना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.