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जामताड़ा में घंटों इधर-उधर भटकता रहा मरीज, उपायुक्त की पहल पर भेजा कोविड-19 अस्पताल - jamtara corona virus

कोलकाता से जामताड़ा पहुंचे एक मरीज को क्वॉरेंटाइन करते हुए एंबुलेंस से क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा गया. यहां एंबुलेंस में मरीज घंटों इधर-उधर भटकता रहा. बाद में उपायुक्त की पहल पर उसे कोविड-19 अस्पताल भेज दिया गया.

one patient sent to covid-19 Hospital on the initiative of Deputy Commissioner in jamtara
जामताड़ा में घंटों इधर-उधर भटकता रहा मरीज
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Published : May 9, 2020, 7:34 PM IST

जामताड़ा: एंबुलेंस में घंटों इधर-उधर भटक रहा मरीज जामताड़ा सदर अस्पताल का है. जहां बताया जाता है कि कोलकाता से सदर अस्पताल में एक मरीज पहुंचा था. कोलकाता हॉटस्पॉट से जामताड़ा सदर अस्पताल पहुंचने पर अस्पताल द्वारा उसे क्वॉरेंटाइन करते हुए राजकीय कन्या विद्यालय में एंबुलेंस के द्वारा भेज दिया गया. जहां विद्यालय बंद पाया गया.

देखें पूरी खबर

नतीजन मरीज घंटों एंबुलेंस में रहा, लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली. जिस क्वॉरेंटाइन सेंटर विद्यालय में एंबुलेंस से मरीज को भेजा गया, वह क्वॉरेंटाइन सेंटर था ही नहीं. बताया जाता है कि जिस क्वॉरेंटाइन सेंटर विद्यालय में मरीज को क्वॉरेंटाइन करने के लिए एंबुलेंस से भेजा गया था. वह विद्यालय क्वॉरेंटाइन सेंटर था ही नहीं और न ही उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था.

बाद में इसकी सूचना जब जिला के उपायुक्त को दी गई, तब उपायुक्त की पहल पर उसे कोविड-19 अस्पताल में भेज दिया गया. इस मामले में जामताड़ा जिले के उपायुक्त ने सदर अस्पताल के सीएस को चेतावनी दी और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के लिए पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया. जामताड़ा जिले के उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि समन्वय की कमी रहने के कारण इस तरह की लापरवाही सामने आई है. इसके लेकर सदर अस्पताल के सीएस को चेतावनी दी गई है. क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के लिए पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.

जामताड़ा: एंबुलेंस में घंटों इधर-उधर भटक रहा मरीज जामताड़ा सदर अस्पताल का है. जहां बताया जाता है कि कोलकाता से सदर अस्पताल में एक मरीज पहुंचा था. कोलकाता हॉटस्पॉट से जामताड़ा सदर अस्पताल पहुंचने पर अस्पताल द्वारा उसे क्वॉरेंटाइन करते हुए राजकीय कन्या विद्यालय में एंबुलेंस के द्वारा भेज दिया गया. जहां विद्यालय बंद पाया गया.

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नतीजन मरीज घंटों एंबुलेंस में रहा, लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली. जिस क्वॉरेंटाइन सेंटर विद्यालय में एंबुलेंस से मरीज को भेजा गया, वह क्वॉरेंटाइन सेंटर था ही नहीं. बताया जाता है कि जिस क्वॉरेंटाइन सेंटर विद्यालय में मरीज को क्वॉरेंटाइन करने के लिए एंबुलेंस से भेजा गया था. वह विद्यालय क्वॉरेंटाइन सेंटर था ही नहीं और न ही उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था.

बाद में इसकी सूचना जब जिला के उपायुक्त को दी गई, तब उपायुक्त की पहल पर उसे कोविड-19 अस्पताल में भेज दिया गया. इस मामले में जामताड़ा जिले के उपायुक्त ने सदर अस्पताल के सीएस को चेतावनी दी और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के लिए पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया. जामताड़ा जिले के उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि समन्वय की कमी रहने के कारण इस तरह की लापरवाही सामने आई है. इसके लेकर सदर अस्पताल के सीएस को चेतावनी दी गई है. क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के लिए पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.

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