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खनन विभाग ने किया SPT एक्ट का उल्लंघन, रैयती जमीन का किया जा रहा है खनन पट्टा

जामताड़ा में खनन विभाग की ओर से पत्थर कारोबारियों से सांठगांठ कर एसपीटी एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है. इस एक्ट का उल्लंघन कर जमाबंदी रैयती जमीन का खनन पट्टा किया जा रहा है.

Mining Department violated SPT Act in jamtara
Mining Department violated SPT Act in jamtara
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Published : Dec 21, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Dec 21, 2020, 4:11 PM IST

जामताड़ा: जिले के चंद्रढीपा मौजा जमाबंदी में रैयतों की जमीनों के पत्थर खदान का पट्टा नवीकरण किया जा रहा है, जहां 10 वर्ष के लिए एक्सप्रेस नाम की एक कंपनी को जमाबंदी रैयतों की जमीन को पत्थर खनन के लिए पट्टा दे दिया गया. लेकिन पट्टा खत्म हो जाने के बाद भी जमीन पर पट्टा दे दिया गया.

देखें पूरी खबर

एसपीटी एक्ट में पूरी तरह से पाबंदी

कानून के जानकार बताते हैं कि संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम में धारा 20 के तहत जमीन का किसी भी तरह से हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है. इस तरह से खनन विभाग की ओर से जमीन का खनन पट्टा दिया जाना पूरी तरह से अवैध है. कानून के जानकार बताते हैं कि माइनिंग एक्ट के तहत जमीन का अधिग्रहण करने के बाद मुआवजा देने के बाद ही नियमानुसार खनन पट्टा किया जा सकता है.

ये भी पढ़े- ETV BHARAT से विधायक नलिन सोरेन की खास बातचीत, गिनाई हेमंत सरकार की उपलब्धियां

क्या है एसडीओ का कहना

जामताड़ा में खनन विभाग की ओर से बड़े पैमाने पर जमाबंदी रैयतों की जमीन का खनन पट्टा और क्रशर का बड़ा-बड़ा प्लांट चलाया जा रहा है और पत्थर का कारोबार किया जा रहा है. मामले को लेकर जब जामताड़ा के एसडीओ से संपर्क कर पूछा गया और इसे लेकर उनको अवगत कराया गया, तो उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. मामले की जानकारी लेने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

पहाड़ों पर खनन जारी

जामताड़ा में कई पहाड़ों को लीज पर दिया गया है, जिससे कि पहाड़ अब समाप्ति के कगार पर हैं. उच्च न्यायालय की ओर से पहाड़ पर किसी भी तरह का खनन पट्टा दिए जाने पर रोक लगा दी गई है. बावजूद इसके जामताड़ा में पहाड़ों पर पट्टा देकर खनन किया जा रहा है. वहीं बड़े-बड़े पत्थर के कारोबारी खनन विभाग से सांठगांठ कर ग्रामीणों की जमाबंदी जमीन को हस्ताक्षर करा कर लीज करा ले रहे हैं.

जामताड़ा: जिले के चंद्रढीपा मौजा जमाबंदी में रैयतों की जमीनों के पत्थर खदान का पट्टा नवीकरण किया जा रहा है, जहां 10 वर्ष के लिए एक्सप्रेस नाम की एक कंपनी को जमाबंदी रैयतों की जमीन को पत्थर खनन के लिए पट्टा दे दिया गया. लेकिन पट्टा खत्म हो जाने के बाद भी जमीन पर पट्टा दे दिया गया.

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एसपीटी एक्ट में पूरी तरह से पाबंदी

कानून के जानकार बताते हैं कि संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम में धारा 20 के तहत जमीन का किसी भी तरह से हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है. इस तरह से खनन विभाग की ओर से जमीन का खनन पट्टा दिया जाना पूरी तरह से अवैध है. कानून के जानकार बताते हैं कि माइनिंग एक्ट के तहत जमीन का अधिग्रहण करने के बाद मुआवजा देने के बाद ही नियमानुसार खनन पट्टा किया जा सकता है.

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क्या है एसडीओ का कहना

जामताड़ा में खनन विभाग की ओर से बड़े पैमाने पर जमाबंदी रैयतों की जमीन का खनन पट्टा और क्रशर का बड़ा-बड़ा प्लांट चलाया जा रहा है और पत्थर का कारोबार किया जा रहा है. मामले को लेकर जब जामताड़ा के एसडीओ से संपर्क कर पूछा गया और इसे लेकर उनको अवगत कराया गया, तो उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. मामले की जानकारी लेने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

पहाड़ों पर खनन जारी

जामताड़ा में कई पहाड़ों को लीज पर दिया गया है, जिससे कि पहाड़ अब समाप्ति के कगार पर हैं. उच्च न्यायालय की ओर से पहाड़ पर किसी भी तरह का खनन पट्टा दिए जाने पर रोक लगा दी गई है. बावजूद इसके जामताड़ा में पहाड़ों पर पट्टा देकर खनन किया जा रहा है. वहीं बड़े-बड़े पत्थर के कारोबारी खनन विभाग से सांठगांठ कर ग्रामीणों की जमाबंदी जमीन को हस्ताक्षर करा कर लीज करा ले रहे हैं.

Last Updated : Dec 21, 2020, 4:11 PM IST

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