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जामताड़ा: आदेश के बावजूद विद्यालयों में नहीं शुरू हो रहा मध्यान भोजन, ऑनलाइन पढ़ाई से भी वंचित बच्चे - जामताड़ा स्कूल न्यूज

सरकार ने एक लंबे समय के बाद कक्षा 8 के बच्चों के लिए विद्यालय शुरू किया है, साथ ही सरकार ने विद्यालयों में मध्यान भोजन बनाने का भी आदेश दिया है. लेकिन सरकार के आदेश के बाद भी जामताड़ा के सरकारी विद्यालयों में मिड डे मील शुरू नहीं हो पा रहा है.

जामताड़ा के विद्यालयों में नहीं शुरू हो रहा मध्यान भोजन
mid day meal is not being started in jamtara school
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Published : Mar 16, 2021, 4:58 PM IST

जामताड़ा: जिले के सरकारी विद्यालयों में सरकार के आदेश के बावजूद मध्यान भोजन शुरू नहीं हो पा रहा है. जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, उन्हें पका पकाया भोजन नहीं मिल पा रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई भी सही तरीके से नहीं हो रही है साथ ही राशन और पैसा भी समय पर नहीं मिल पा रहा है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- 10वीं और 12वीं के ड्रॉपआउट बच्चों को झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी देगी प्रशिक्षण, स्वाबलंबी बनाने की तैयारी


नहीं हो रहा सरकार के आदेशों का पालन
सरकार ने एक लंबे समय के बाद कक्षा 8 के बच्चों के लिए विद्यालय शुरू किया है. साथ ही सरकार ने विद्यालयों में मध्यान भोजन बनाने का भी आदेश दिया है. लेकिन सरकार के आदेश के बाद भी जामताड़ा के सरकारी विद्यालयों में मध्यान भोजन शुरू नहीं हो पा रहा है. नतीजा जो बच्चे स्कूल जा रहें हैं उन्हें भोजन से वंचित रहना पड़ रहा है.


क्या कहते हैं सरकारी विद्यालय के शिक्षक
सरकार ने कक्षा आठ के बच्चों के लिए स्कूल तो खोला है लेकिन जितने बच्चों का नामांकन है उतने बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. विद्यालय में कक्षा आठ के बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखी जा रही है. सरकारी विद्यालय के शिक्षक का कहना है कि सरकार के गाइडलाइन के तहत कक्षा आठ के बच्चों की पढ़ाई शुरू तो हुई है, लेकिन बच्चे कम आ रहे हैं. कोरोना को देखते हुए नियम का पालन कर विद्यालय में मध्यान भोजन शुरू किया जाएगा और कक्षा 1 से लेकर 7 तक के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के साथ घर में ही राशन और पैसे दिए जा रहें हैं.


ऑनलाइन पढ़ाई में रुकावट
कोरोना काल से जो बच्चे घर पर हैं उनके पढ़ाई पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कहने के लिए तो सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई करने की व्यवस्था की है लेकिन हकीकत में ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे को सही शिक्षा नहीं मिल पा रही है. ग्रामीण क्षेत्र के गरीब तबके के बच्चे जिनके पास मोबाइल नहीं है वो ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे ही एक ग्रामीण मजदूर के बेटे ने बताया कि घर पर मोबाइल नहीं है इस कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर हो पाती है. अब पूरी पढ़ाई किताब और ट्यूशन पर निर्भर है. 3 महीना से चावल और पैसा भी स्कूल से नहीं मिल रहा है.

क्या कहते हैं शिक्षा पदाधिकारी
इस समस्या को लेकर जब जामताड़ा के जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में बच्चे कम पहुंच रहे हैं. ऐसे में मध्यान्ह भोजन शुरू करने में परेशानी हो रही है. फिर भी सरकार के जो आदेश है उसे पालन करने के लिए कहा गया है.

जामताड़ा: जिले के सरकारी विद्यालयों में सरकार के आदेश के बावजूद मध्यान भोजन शुरू नहीं हो पा रहा है. जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, उन्हें पका पकाया भोजन नहीं मिल पा रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई भी सही तरीके से नहीं हो रही है साथ ही राशन और पैसा भी समय पर नहीं मिल पा रहा है.

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नहीं हो रहा सरकार के आदेशों का पालन
सरकार ने एक लंबे समय के बाद कक्षा 8 के बच्चों के लिए विद्यालय शुरू किया है. साथ ही सरकार ने विद्यालयों में मध्यान भोजन बनाने का भी आदेश दिया है. लेकिन सरकार के आदेश के बाद भी जामताड़ा के सरकारी विद्यालयों में मध्यान भोजन शुरू नहीं हो पा रहा है. नतीजा जो बच्चे स्कूल जा रहें हैं उन्हें भोजन से वंचित रहना पड़ रहा है.


क्या कहते हैं सरकारी विद्यालय के शिक्षक
सरकार ने कक्षा आठ के बच्चों के लिए स्कूल तो खोला है लेकिन जितने बच्चों का नामांकन है उतने बच्चे विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. विद्यालय में कक्षा आठ के बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखी जा रही है. सरकारी विद्यालय के शिक्षक का कहना है कि सरकार के गाइडलाइन के तहत कक्षा आठ के बच्चों की पढ़ाई शुरू तो हुई है, लेकिन बच्चे कम आ रहे हैं. कोरोना को देखते हुए नियम का पालन कर विद्यालय में मध्यान भोजन शुरू किया जाएगा और कक्षा 1 से लेकर 7 तक के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के साथ घर में ही राशन और पैसे दिए जा रहें हैं.


ऑनलाइन पढ़ाई में रुकावट
कोरोना काल से जो बच्चे घर पर हैं उनके पढ़ाई पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कहने के लिए तो सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई करने की व्यवस्था की है लेकिन हकीकत में ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे को सही शिक्षा नहीं मिल पा रही है. ग्रामीण क्षेत्र के गरीब तबके के बच्चे जिनके पास मोबाइल नहीं है वो ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे ही एक ग्रामीण मजदूर के बेटे ने बताया कि घर पर मोबाइल नहीं है इस कारण ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर हो पाती है. अब पूरी पढ़ाई किताब और ट्यूशन पर निर्भर है. 3 महीना से चावल और पैसा भी स्कूल से नहीं मिल रहा है.

क्या कहते हैं शिक्षा पदाधिकारी
इस समस्या को लेकर जब जामताड़ा के जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि विद्यालय में बच्चे कम पहुंच रहे हैं. ऐसे में मध्यान्ह भोजन शुरू करने में परेशानी हो रही है. फिर भी सरकार के जो आदेश है उसे पालन करने के लिए कहा गया है.

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