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जामताड़ाः लॉकडाउन में नहीं मिल रहा मजदूरों को रोजगार, परिवार चलाना हो गया मुश्किल

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Published : May 2, 2021, 4:48 PM IST

जामताड़ा के वीर कुंवर सिंह चौक पर दर्जनों की संख्या में देहाड़ी मजदूर काम की तलाश जुटते हैं, लेकिन इन मजदूरों को घंटों इंतजार के बाद काम नहीं मिलता है. मजबूरन निराश होकर घर लौटना पड़ता है. रोजगार नहीं मिलने से रोजी-रोटी की संकट गहरा गया है.

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लॉकडाउन में नहीं मिल रहा मजदूरों को रोजगार

जामताड़ाः कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन में जिले के मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है. स्थिति यह है कि मजदूर घर से रोजाना रोजगार की तलाश में निकल कर चौक-चौरारों पर जमे रहते हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिलता है. इससे इन मजदूरों को परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंःजामताड़ाः कोरोना संक्रमण बढ़ता देख प्रशासन बरत रहा सख्ती, माइकिंग अभियान चलाकर किया आगाह


कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानी देहाड़ी मजदूरों की है. देहाड़ी मजदूर रोजाना कमाते और खाते हैं. इन देहाड़ी मजदूरों को जिले में काम नहीं मिल रहा है, जिससे ये मजदूर आर्थिक संकट से जूझने लगे हैं. देहाड़ी मजदूरों का कहना है कि कोरोना से बचाव को लेकर लॉकडाउन लगा है. इससे कहीं कोई काम नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि रोजगार नहीं मिलने से परिवार चलाना तो दूर बच्चों को खिलाना मुश्किल हो गया है.

रोजगार की आस में घंटों करते हैं इंतजार
शहर के वीर कुंवर सिंह चौक, जहां दर्जनों मजदूर सैकड़ों किलोमीटर से रोजगार की उम्मीद में पहुंचते हैं. लेकिन, इन मजदूरों को घंटों इंतजार करने के बाद भी काम नहीं मिलता है. मजबूरन उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ता है. मजदूर कहते है कि इस संकट की घड़ी में सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए. कोरोना संक्रमण का असर दिहाड़ी मजदूरों पर ज्यादा दिख रहा है.

जामताड़ाः कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. लॉकडाउन में जिले के मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है. स्थिति यह है कि मजदूर घर से रोजाना रोजगार की तलाश में निकल कर चौक-चौरारों पर जमे रहते हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिलता है. इससे इन मजदूरों को परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है.

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कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानी देहाड़ी मजदूरों की है. देहाड़ी मजदूर रोजाना कमाते और खाते हैं. इन देहाड़ी मजदूरों को जिले में काम नहीं मिल रहा है, जिससे ये मजदूर आर्थिक संकट से जूझने लगे हैं. देहाड़ी मजदूरों का कहना है कि कोरोना से बचाव को लेकर लॉकडाउन लगा है. इससे कहीं कोई काम नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि रोजगार नहीं मिलने से परिवार चलाना तो दूर बच्चों को खिलाना मुश्किल हो गया है.

रोजगार की आस में घंटों करते हैं इंतजार
शहर के वीर कुंवर सिंह चौक, जहां दर्जनों मजदूर सैकड़ों किलोमीटर से रोजगार की उम्मीद में पहुंचते हैं. लेकिन, इन मजदूरों को घंटों इंतजार करने के बाद भी काम नहीं मिलता है. मजबूरन उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ता है. मजदूर कहते है कि इस संकट की घड़ी में सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए. कोरोना संक्रमण का असर दिहाड़ी मजदूरों पर ज्यादा दिख रहा है.

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