जामताड़ा: जिले में एंबुलेंस के अभाव में किसी को भटकना नहीं पड़े और आसानी से जरूरत पड़ने पर मरीज को एंबुलेंस उपलब्ध हो, इसे लेकर सांसद, विधायक निधि से विभिन्न एनजीओ को एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है. लेकिन लोगों को समय पर मदद नहीं मिलने के कारण जिला प्रशासन ने एनजीओ पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. इसे लेकर जिला उपायुक्त ने सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं.
आठ एंबुलेंस सांसद विधायक निधि से जिले में एंबुलेंस एनजीओ को कराया गया उपलब्ध
जानकारी के अनुसार जामताड़ा में कुल आठ एंबुलेंस विभिन्न एनजीओ के पास संचालित हैं, जो विधायक और सांसद निधि की ओर से दिए गए हैं. एंबुलेंस का संचालन खुद एनजीओ करते हैं. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के पास इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है, कि कितने मरीजों ने कब और कहां इसे उपयोग में लाया. एनजीओ के पास एंबुलेंस संचालित रहने के बावजूद कभी कभार समय पर लोगों को एंबुलेंस नहीं मिल पाता है और घटनाएं घट जाती हैं, जिसे जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है.
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एंबुलेंस के अभाव में बीते दिनों ठेला पर मरीज को अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गई थी मौत
एंबुलेंस के अभाव में कई बार लोग ठेला, खटिया का सहारा लेते हैं. ऐसी स्थिति में समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण रास्ते में दम तोड़ देते हैं. बीते दिनों जामताड़ा में एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक कैंसर पीड़ित महिला को ठेला पर लादकर अस्पताल ले जाया जा रहा था, जिसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
उपायुक्त ने सिविल सर्जन को आवश्यक कार्रवाई करने का दिया निर्देश
जामताड़ा जिले के उपायुक्त गणेश कुमार ने एनजीओ की ओर से चलाए जा रहे एंबुलेंस समय पर उपलब्ध कराने और सुचारू रूप से संचालन करने के साथ-साथ प्रशासन के नियंत्रण को लेकर सिविल सर्जन को निर्देश दिया है.
आपको बता दें कि जामताड़ा स्वास्थ्य विभाग में 108 निशुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावा सांसद और विधायक निधि से विभिन्न एनजीओ को एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है. बावजूद इसके समय पर जरूरत पड़ने पर लोगों को एंबुलेंस सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है.