ETV Bharat / state

शिबू सोरेन का गढ़ विकास से महरूम, 20 सालों से नहीं बन पाई सड़क

author img

By

Published : Dec 21, 2020, 3:37 PM IST

जामताड़ा के आदिवासी बहुल गांव कंचन बेड़ा में सड़क निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है. ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 20 वर्ष पहले कंचन बेड़ा गांव में सड़क निर्माण को लेकर निविदा निकाली गई थी, निविदा के बाद कुछ दिन तक सड़क निर्माण का कार्य चला, उसके बाद कुछ कारणों से सड़क निर्माण का कार्य ठप हो गया.

Incomplete road construction in kanchan beda village in jamtara
जर्जर सड़क

जामताड़ा: लगभग 20 वर्षों से जामताड़ा का आदिवासी बहुल गांव कंचन बेड़ा में सड़क निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. सड़क गड्ढों में तब्दिल हो गया है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सड़क की हालत इतनी जर्जर है कि पैदल चलना भी दुर्लभ है. ग्रामीणों ने कई बार इस सड़क के निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया.

देखें पूरी खबर

20 साल पहले निकाली गई निविदा

ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 20 वर्ष पहले कंचन बेड़ा गांव में सड़क निर्माण को लेकर निविदा निकाली गई थी, निविदा के बाद कुछ दिन तक सड़क निर्माण का कार्य चला, उसके बाद कुछ कारणों से सड़क निर्माण का कार्य ठप हो गया, जो आज तक अधर में लटका हुआ है.

इसे भी पढ़ें: जामताड़ा में ग्राम प्रधानों ने की बैठक, अपने अधिकार और समस्याओं को लेकर की चर्चा

कंचन बेड़ा शिबू सोरेन का गढ़

कंचन बेड़ा झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिबू सोरेन का गढ़ माना जाता है. बताया जाता है कि इसी गांव से ही शिबू सोरेन ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. शिबू सोरेन यहीं से जीतकर सांसद और मुख्यमंत्री बने, लेकिन कंचन बेड़ा गांव की सड़क आज तक नहीं बन पाई. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय में आश्वासन दिया जाता है कि सड़क बन जाएगी उसके बाद सब सो जाते हैं.

जामताड़ा: लगभग 20 वर्षों से जामताड़ा का आदिवासी बहुल गांव कंचन बेड़ा में सड़क निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. सड़क गड्ढों में तब्दिल हो गया है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सड़क की हालत इतनी जर्जर है कि पैदल चलना भी दुर्लभ है. ग्रामीणों ने कई बार इस सड़क के निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया.

देखें पूरी खबर

20 साल पहले निकाली गई निविदा

ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 20 वर्ष पहले कंचन बेड़ा गांव में सड़क निर्माण को लेकर निविदा निकाली गई थी, निविदा के बाद कुछ दिन तक सड़क निर्माण का कार्य चला, उसके बाद कुछ कारणों से सड़क निर्माण का कार्य ठप हो गया, जो आज तक अधर में लटका हुआ है.

इसे भी पढ़ें: जामताड़ा में ग्राम प्रधानों ने की बैठक, अपने अधिकार और समस्याओं को लेकर की चर्चा

कंचन बेड़ा शिबू सोरेन का गढ़

कंचन बेड़ा झारखंड मुक्ति मोर्चा और शिबू सोरेन का गढ़ माना जाता है. बताया जाता है कि इसी गांव से ही शिबू सोरेन ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. शिबू सोरेन यहीं से जीतकर सांसद और मुख्यमंत्री बने, लेकिन कंचन बेड़ा गांव की सड़क आज तक नहीं बन पाई. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय में आश्वासन दिया जाता है कि सड़क बन जाएगी उसके बाद सब सो जाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.