जामताड़ा: कांग्रेस के वरीय नेता पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की असफलता के पीछे प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व कर रहे नेताओं पर ठीकरा फोड़ा है.
कांग्रेस में ही विद्रोह के बिगुल
कांग्रेस में ही विद्रोह के बिगुल बजने लगे हैं. गोड्डा के पूर्व सांसद रह चुके कांग्रेस के वरीय नेता फुरकान अंसारी ने महागठबंधन के असफलता के लिए महागठबंधन के नेतृत्व कर रहे शीर्ष नेताओं के ऊपर ठीकरा फोड़ा है. फुरकान अंसारी ने कहा कि महागठबंधन सिर्फ नेताओं ने अपने स्तर से किया, जबकि नीचे स्तर से महागठबंधन नहीं हो पाया.
'महागठबंधन के तहत कमजोर प्रत्याशी दिए गए'
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता अपने ऊपर उड़ते रहे, निचले स्तर पर ध्यान नहीं दिया. इसके लिए महागठबंधन करने वाले नेताओं को अनुभव की कमी बताया. फुरकान अंसारी ने गोड्डा लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी की जीत पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि वे चुनाव लड़ते और कांग्रेस वहां से चुनाव लड़ती तो जीत निश्चित थी. महागठबंधन के तहत कमजोर प्रत्याशी दिए गए, जिसका नतीजा भाजपा की जीत बताया.
'झारखंड में महागठबंधन असफल रहा'
वहीं, स्थानीय भाजपा नेता और जामताड़ा के पूर्व विधायक विष्णु प्रसाद भैया ने महागठबंधन असफल रहने का कारण महागठबंधन को महाठग बंधन करार दिया. उन्होंने कहा कि जनता समझ चुकी थी कि महागठबंधन महाठगबंधन है. जिससे जनता ने अपनी दूरी बना ली. जिसका परिणाम है कि भाजपा को जनादेश मिला और झारखंड में महागठबंधन असफल रहा.
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'भाजपा के हाथों करारी हार'
बता दें फुरकान अंसारी गोड्डा से सांसद रह चुके हैं और महागठबंधन के तहत वह गोड्डा से कांग्रेस के टिकट पर प्रबल दावेदार थे. महागठबंधन के तहत जेवीएम के प्रत्याशी प्रदीप यादव चुनाव लड़े लेकिन भाजपा के हाथों करारी हार खानी पड़ी.