जामताड़ा: जिले में अब कोरोना को लेकर लोगों में खौफ नहीं देखा जा रहा है. लोग निडर होकर हाट बाजार आना-जाना कर रहे हैं और अपनी निजी जिंदगी के काम निपटा रहे हैं. लोगों की यही सोच प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. क्योंकि बेफिक्री में लोग गाइडलाइन का पालन करना भूल जा रहे हैं.
जामताड़ा में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ता जा रहा है. रोजाना नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है. इसके बावजूद लोगों में कोरोना का खौफ खत्म होते जा रहा है. पहले लोगों में कोरोना का खौफ था, लेकिन अब वह खौफ दिखाई नहीं दे रहा है. लोग निडर होकर बाजार हाट आना जाना कर रहे हैं. घर से निकलकर अपनी निजी जिंदगी के काम भी निपटा रहे हैं. पहले की तरह ही बाजारों में लोगों की जिंदगी पटरी पर दौड़ने लगी है. बस स्टैंड हो या हाट बाजार सभी जगह लोगों की भीड़ पहले की तरह देखी जा रही है. कार्यालयों में भी लोग बिना मास्क के काम कर रहे हैं.
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कोरोना को लेकर लोगों की सोच
कोरोना को लेकर कुछ समय पहले आम जनता के मन में कितना खौफ था. इस बारे में जब ईटीवी भारत की टीम ने आम लोगों की राय जाननी चाही तो लोगों ने बताया कि अब पहले की तरह उनके मन में कोरोना को लेकर कोई डर नहीं है. जामताड़ा में कोरोना का प्रभाव अभी कम हुआ नहीं है. लगातार कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं. स्वास्थ विभाग की टीम की ओर से लगातार इस पर नियंत्रण को लेकर विशेष कैंप लगाकर सैंपल कलेक्शन और जांच अभियान चलाया जा रहा है. संक्रमित मरीजों की देखभाल कर उन्हें स्वस्थ भी किया जा रहा है और नित्य नए-नए संक्रमित मरीज भी पाए जा रहे हैं. इसके बावजूद लोग कोरोना से निडर होकर घूम फिर रहे हैं. लोग ना तो मास्क पहन रहे हैं और ना सोशल डिस्टेंसिंग के ही नियमों का पालन कर रहे हैं. ऐसे में पूर्ण रूप से कोरोना के प्रभाव पर नियंत्रण कैसे पाया जा सकेगा. इस पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है.