जामताड़ा: दिवाली को लेकर जहां पूरे दिन उत्सव का माहौल रहा, वहीं जामताड़ा जगमगाती रोशनी से जगमगाता रहा. जिले में मां काली की पूजा भी धूमधाम से की गयी. विभिन्न काली मंदिरों में महाकाली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गयी, जहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. काली पूजा को लेकर इसे आकर्षक रोशनी से भी सजाया गया था.
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काली पूजा के दिन जामताड़ा का बेना काली मंदिर आकर्षण का केंद्र रहा. जहां दूर-दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां काली की पूजा करने आते हैं. दिवाली के दिन भी इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही. कहा जाता है कि बेना काली मंदिर एक जागृत मंदिर है. यहां दूर-दूर से लोग मां काली की पूजा करने आते हैं.
ऐसा माना जाता है कि जो लोग बेना काली मंदिर में सच्चे मन से मां काली की पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही कारण है कि काली पूजा के दिन लोग बड़ी आस्था के साथ काली मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं. सालों भर लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर इस मंदिर में आते हैं. लेकिन काली पूजा के दिन यहां विशेष उत्सव का माहौल होता है.
क्या कहते हैं भक्त?: बेना काली मंदिर के महत्व के बारे में भक्तों का कहना है कि जामताड़ा का बेना काली मंदिर काफी पुराना और जागृत मंदिर है. यह आस्था का केंद्र है. यहां दूर-दूर से लोग पूजा-अर्चना करने आते हैं. काली पूजा के दिन यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भक्तों का कहना है कि मां का खिचड़ी भोग प्रसाद भी वितरित किया जाता है, जिसे भक्त चाव से खाते हैं.