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मैट्रिक-इंटर परीक्षा की तैयारी, ऑनलाइन-ऑफलाइन क्लास करा रहे शिक्षण संस्थान

झारखंड में मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं शुरू होने वाली है. इसको लेकर स्कूल के साथ-साथ निजी शिक्षण संस्थान तैयारी कर रहे हैं. जामताड़ा में शिक्षण संस्थानों को मैट्रिक-इंटर की परीक्षा की तैयारी करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

difficulties in preparing for matriculation and inter examination in jamtara
छात्र छात्रा
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Published : Mar 8, 2021, 1:18 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 6:13 PM IST

जामताड़ा: कोरोना के इस संकट के दौर में सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षण संस्थान और पढ़ने वाले छात्र छात्राओं पर पड़ा है. इसका असर इस साल मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों पर पड़ रहा है. इस साल मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को सिलेबस के तैयारी में ऑनलाइन और ऑफलाइन के क्लास से किसी तरह तैयारी करने में जुटे हैं.

देखें पूरी खबर

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परीक्षा का तैयारी करने में करने पड़ रही है मशक्कत
कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभाव शिझण संस्थान एवं पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ा है. लंबे समय से स्कूल शिक्षण संस्थान बंद रहने से इस बार मैट्रिक परीक्षा देने वाले इंटर के विद्यार्थियों पर काफी पड़ा है. ऑनलाइन से तैयारी कर पढ़ाई करने में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऑफलाइन क्लास शुरू होने और सिलेबस घटाने से छात्रों को राहत महसूस हो रही है. निजी स्कूल के मैट्रिक देने वाले विद्यार्थी एवं शिक्षक सिलेबस की तैयारी करने में लगे हुए हैं.

क्या कहते हैं निजी स्कूल के छात्र-छात्रा
निजी स्कूल पढ़ने वाले मैट्रिक के परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास में उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी, ठीक से समझ नहीं पा रहे थे. अब ऑफलाइन होने से उनकी मैट्रिक की परीक्षा तैयारी हो रही है.

क्या कहते हैं निजी स्कूल के शिक्षक एवं प्राचार्य
निजी स्कूल के शिक्षक और प्रसाद का कहना है कि ऑनलाइन क्लास में सही रूप से बच्चे का विकास नहीं हो पाता था, पढ़ाई सही नहीं हो पाती थी. ऑनलाइन क्लास से थोड़ी दिक्कत हुई है. कोरोना ने बच्चे के विकास पर थोड़ा प्रभाव डाला है. फिर भी ऑफलाइन क्लास शुरू होने से सिलेबस के हिसाब से उन्हें पूरी तैयारी करा दी गई है. उसी हिसाब से परीक्षा लेने का भी तैयारी शुरू कर दी गई है. ताकि बच्चे का कैरियर बन सके और कोई फेल ना हो.

सरकारी विद्यालय के परीक्षार्थियों को हो रही है ज्यादा परेशानी
निजी स्कूल के प्रबंधन यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्रा मैट्रिक परीक्षा की तैयारी में पूरी तरह से जुटे हैं. उनकी तैयारी सही रूप से कराई जा रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले मैट्रिक परीक्षा देने वाले को हो रही है. उन्हें ऑनलाइन क्लास और ऑफलाइन क्लास में भी कम संख्या में ऑफलाइन क्लास होने से सही रूप से तैयारी नहीं कर पा रहे हैं. जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल है, वैसे बच्चे ऑनलाइन नेट की सुविधा रहने से तो थोड़ी बहुत तैयारी कर ले रहे हैं. अधिकतर बच्चे के पास एंड्रॉयड फोन नहीं रहने एवं नेट की सुविधा नहीं है. ऐसे में उनकी तैयारी पढ़ाई में थोड़ी परेशानी हो रही है.

इसे भी पढ़ें- फिर विधायक इरफान अंसारी के बिगड़े बोल, ग्रामीणों से कहा- पदाधिकारी बिजली काटने आएं तो खूंटे से बांध दो



40% सिलेबस घटाने से मिली है राहत
सरकार की ओर से कोरोना के संकट को देखते हुए मैट्रिक और इंटर के वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को 40% सिलेबस घटा दिया गया है, 60% सिलेबस की तैयारी करनी है. ऑफलाइन क्लास शुरू होने से और सिलेबस घटाने से परीक्षा देने वाले मैट्रिक और इंटर के छात्र छात्राओं को थोड़ी राहत महसूस हो रही है.

सरकारी विद्यालयों में सिलेबस के हिसाब से करा रहे हैं तैयारी
सरकारी विद्यालयों में कोरोना संकट को देखते हुए 20 की संख्या में बच्चों को ऑफलाइन क्लास कराया जा रहा है. सिलेबस के अनुसार उन्हें तैयारी कराई जा रही है. ऑनलाइन भी तैयारी कराई जा रही है.

क्या कहते हैं सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले मैट्रिक के छात्र
सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले मैट्रिक के छात्र का कहना है ऑनलाइन और ऑफलाइन के क्लास से जो सिलेबस है उसकी तैयारी कर रहे हैं. पूरी तरह से वार्षिक मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, शिक्षक का गाइड लाइन भी मिल रहा है.

क्या कहते हैं सरकारी विद्यालय के शिक्षक
सरकारी विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि कोरोना के कारण बच्चों के शिक्षा पर काफी प्रभाव पड़ा है. जो बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं. उन्हें ऑनलाइन मोबाइल से गाइडलाइन किया जा रहा है. जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है, नेट की सुविधा नहीं है, वैसे बच्चे वंचित रह जा रहे हैं. जो सिलेबस है उसी की तैयारी ऑफलाइन क्लास से करा रहे हैं. ऑफलाइन क्लास भी सीमित संख्या में बच्चों को कराया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा: गर्मी की दस्तक संग ही गहराया पेयजल संकट, लोग डोभा का पानी पीने के लिए मजबूर


कोरोना काल को देखते हुए झारखंड सरकार जैक बोर्ड ने इस साल वार्षिक मैट्रिक और इंटर की परीक्षा की तिथि 4 मई से शुरू होने की निर्धारित की है. इसके लेकर जामताड़ा जिला प्रशासन और मैट्रिक की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्रा तैयारी में जुटे हैं. इस साल जामताड़ा में करीब 11062 मैट्रिक के छात्र वार्षिक परीक्षा के लिए पंजीकृत किया गया है.

जामताड़ा: कोरोना के इस संकट के दौर में सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षण संस्थान और पढ़ने वाले छात्र छात्राओं पर पड़ा है. इसका असर इस साल मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों पर पड़ रहा है. इस साल मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को सिलेबस के तैयारी में ऑनलाइन और ऑफलाइन के क्लास से किसी तरह तैयारी करने में जुटे हैं.

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परीक्षा का तैयारी करने में करने पड़ रही है मशक्कत
कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभाव शिझण संस्थान एवं पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ा है. लंबे समय से स्कूल शिक्षण संस्थान बंद रहने से इस बार मैट्रिक परीक्षा देने वाले इंटर के विद्यार्थियों पर काफी पड़ा है. ऑनलाइन से तैयारी कर पढ़ाई करने में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऑफलाइन क्लास शुरू होने और सिलेबस घटाने से छात्रों को राहत महसूस हो रही है. निजी स्कूल के मैट्रिक देने वाले विद्यार्थी एवं शिक्षक सिलेबस की तैयारी करने में लगे हुए हैं.

क्या कहते हैं निजी स्कूल के छात्र-छात्रा
निजी स्कूल पढ़ने वाले मैट्रिक के परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास में उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी, ठीक से समझ नहीं पा रहे थे. अब ऑफलाइन होने से उनकी मैट्रिक की परीक्षा तैयारी हो रही है.

क्या कहते हैं निजी स्कूल के शिक्षक एवं प्राचार्य
निजी स्कूल के शिक्षक और प्रसाद का कहना है कि ऑनलाइन क्लास में सही रूप से बच्चे का विकास नहीं हो पाता था, पढ़ाई सही नहीं हो पाती थी. ऑनलाइन क्लास से थोड़ी दिक्कत हुई है. कोरोना ने बच्चे के विकास पर थोड़ा प्रभाव डाला है. फिर भी ऑफलाइन क्लास शुरू होने से सिलेबस के हिसाब से उन्हें पूरी तैयारी करा दी गई है. उसी हिसाब से परीक्षा लेने का भी तैयारी शुरू कर दी गई है. ताकि बच्चे का कैरियर बन सके और कोई फेल ना हो.

सरकारी विद्यालय के परीक्षार्थियों को हो रही है ज्यादा परेशानी
निजी स्कूल के प्रबंधन यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्रा मैट्रिक परीक्षा की तैयारी में पूरी तरह से जुटे हैं. उनकी तैयारी सही रूप से कराई जा रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले मैट्रिक परीक्षा देने वाले को हो रही है. उन्हें ऑनलाइन क्लास और ऑफलाइन क्लास में भी कम संख्या में ऑफलाइन क्लास होने से सही रूप से तैयारी नहीं कर पा रहे हैं. जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल है, वैसे बच्चे ऑनलाइन नेट की सुविधा रहने से तो थोड़ी बहुत तैयारी कर ले रहे हैं. अधिकतर बच्चे के पास एंड्रॉयड फोन नहीं रहने एवं नेट की सुविधा नहीं है. ऐसे में उनकी तैयारी पढ़ाई में थोड़ी परेशानी हो रही है.

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40% सिलेबस घटाने से मिली है राहत
सरकार की ओर से कोरोना के संकट को देखते हुए मैट्रिक और इंटर के वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को 40% सिलेबस घटा दिया गया है, 60% सिलेबस की तैयारी करनी है. ऑफलाइन क्लास शुरू होने से और सिलेबस घटाने से परीक्षा देने वाले मैट्रिक और इंटर के छात्र छात्राओं को थोड़ी राहत महसूस हो रही है.

सरकारी विद्यालयों में सिलेबस के हिसाब से करा रहे हैं तैयारी
सरकारी विद्यालयों में कोरोना संकट को देखते हुए 20 की संख्या में बच्चों को ऑफलाइन क्लास कराया जा रहा है. सिलेबस के अनुसार उन्हें तैयारी कराई जा रही है. ऑनलाइन भी तैयारी कराई जा रही है.

क्या कहते हैं सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले मैट्रिक के छात्र
सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले मैट्रिक के छात्र का कहना है ऑनलाइन और ऑफलाइन के क्लास से जो सिलेबस है उसकी तैयारी कर रहे हैं. पूरी तरह से वार्षिक मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, शिक्षक का गाइड लाइन भी मिल रहा है.

क्या कहते हैं सरकारी विद्यालय के शिक्षक
सरकारी विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि कोरोना के कारण बच्चों के शिक्षा पर काफी प्रभाव पड़ा है. जो बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं. उन्हें ऑनलाइन मोबाइल से गाइडलाइन किया जा रहा है. जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है, नेट की सुविधा नहीं है, वैसे बच्चे वंचित रह जा रहे हैं. जो सिलेबस है उसी की तैयारी ऑफलाइन क्लास से करा रहे हैं. ऑफलाइन क्लास भी सीमित संख्या में बच्चों को कराया जा रहा है.

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Last Updated : Mar 9, 2021, 6:13 PM IST
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