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डॉक्टर नहीं रहने के कारण बंद पड़ा है सदर अस्पताल का डायलिसिस सेंटर, नहीं मिल रहा है लोगों का इसका लाभ

जामताड़ा में सदर अस्पताल का डायलिसिस सेंटर डॉक्टर नहीं रहने के कारण फिलहाल बंद पड़ा हुआ है. हालांकि, डायलिसिस सेंटर का संचालन स्केच संजीवनी नाम की एक संस्था के माध्यम से किया जाता है, लेकिन डॉक्टर नहीं होने से प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग और संस्था को जल्द व्यवस्था करने का अल्टीमेटम दिया है.

Jamtara Sadar hospital dialysis center is closed
जामताड़ा सदर अस्पताल
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Published : Oct 18, 2020, 1:04 PM IST

जामताड़ा: जिले में सदर अस्पताल का डायलिसिस सेंटर डॉक्टर नहीं रहने के कारण फिलहाल बंद पड़ा हुआ है. जिला प्रशासन की ओर से अल्टीमेटम दिए जाने और शीघ्र ही डायलिसिस सेंटर डॉक्टर पदस्थापित के साथ चालू करने का सख्त निर्देश दिए जाने के बावजूद भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था इसलिए की गई थी, ताकि इसका लाभ यहां के लोगों को आसानी से मिल सके और डायलिसिस के लिए भटकना न पड़े और बाहर जाने की नौबत नहीं आ पाए. वहीं, डायलिसिस सेंटर तो खुला लेकिन बिना डॉक्टर के ही संचालन होने के कारण बंद करा दिया गया. इसे चालू कराने को लेकर लोग प्रशासन और सरकार से मांग कर रहे हैं ताकि इसका लाभ लोगों को मिल सके.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-गिरिडीह: महिला ने 7 लोगों पर लगाया डायन बिसाही के नाम पर मारपीट का आरोप, पुलिस ने कहा- कर रहे हैं तफ्तीश

संस्था की ओर से संचालित किया जाता है डायलिसिस सेंटर

जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर का संचालन स्केच संजीवनी नाम की एक संस्था के माध्यम से किया जाता है. इसके साथ स्वास्थ्य विभाग की ओर से इकरार भी किया गया है. डायलिसिस सेंटर के संचालन का जिम्मा और डॉक्टर, टेक्नीशियन की व्यवस्था संस्था की ओर से कराए जाने का जिम्मा है. वहीं, सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर बिना डॉक्टर के ही संस्था की ओर से संचालन किया जाता था. इसका खुलासा तब हुआ जब डायलिसिस सेंटर में एक रतन साधु नाम के एक व्यक्ति की मौत डायलिसिस के दौरान हो गयी. बिना डॉक्टर के ही कंपाउंडर उस व्यक्ति का डायलिसिस किया करता था जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

परिजनों ने इसे लापरवाही का आरोप लगाया और इसकी जांच और शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की. इस मामले की जांच अभी भी जारी है. हालांकि, जांच के दौरान बिना डॉक्टर के संचालन किए जाने पर डायलिसिस सेंटर बंद कराया दिया गया. वहीं, इस घटना के बावजूद भी संस्था ने कोई सुधार नहीं किया प्रशासन ने इसे और घोर अनियमितता बतायी.

जिला के उपायुक्त ने दिया है अल्टीमेटम

डीसी ने डॉक्टर की व्यवस्था कर सेंटर चालू करने का सख्त निर्देश दिया है. बिना डॉक्टर के डायलिसिस सेंटर संचालन किए जाने को लेकर डीसी ने गंभीरता से लिया है. डीसी ने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के साथ बैठक की है और शीघ्र ही डॉक्टर की व्यवस्था कर चालू करने का निर्देश दिया है. बावजूद इसके इसका असर न अस्पताल प्रबंधन पर पड़ रहा है और न संचालन कर्ता पर.

सिविल सर्जन अपने जवाबदेही से भागती रही

डायलिसिस सेंटर के चालू करने और डॉक्टर की व्यवस्था करने को लेकर जब सिविल सर्जन से पूछा गया तो इस मामले को लेकर पहले तो आनाकानी की गई और अपनी जवाबदेही से भागती रही. फिलहाल जिला के उपायुक्त के सख्त निर्देश दिए जाने के बावजूद भी डायलिसिस सेंटर चालू कराने को लेकर ना ही अस्पताल प्रबंधन गंभीर है, न ही संस्था की ओर से ही कोई अनुपालन किया जा रहा है. नतीजतन डायलिसिस सेंटर बंद पड़ा हुआ है और इसके लाभ से लोगों को वंचित रहना पड़ रहा है.

जामताड़ा: जिले में सदर अस्पताल का डायलिसिस सेंटर डॉक्टर नहीं रहने के कारण फिलहाल बंद पड़ा हुआ है. जिला प्रशासन की ओर से अल्टीमेटम दिए जाने और शीघ्र ही डायलिसिस सेंटर डॉक्टर पदस्थापित के साथ चालू करने का सख्त निर्देश दिए जाने के बावजूद भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था इसलिए की गई थी, ताकि इसका लाभ यहां के लोगों को आसानी से मिल सके और डायलिसिस के लिए भटकना न पड़े और बाहर जाने की नौबत नहीं आ पाए. वहीं, डायलिसिस सेंटर तो खुला लेकिन बिना डॉक्टर के ही संचालन होने के कारण बंद करा दिया गया. इसे चालू कराने को लेकर लोग प्रशासन और सरकार से मांग कर रहे हैं ताकि इसका लाभ लोगों को मिल सके.

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संस्था की ओर से संचालित किया जाता है डायलिसिस सेंटर

जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर का संचालन स्केच संजीवनी नाम की एक संस्था के माध्यम से किया जाता है. इसके साथ स्वास्थ्य विभाग की ओर से इकरार भी किया गया है. डायलिसिस सेंटर के संचालन का जिम्मा और डॉक्टर, टेक्नीशियन की व्यवस्था संस्था की ओर से कराए जाने का जिम्मा है. वहीं, सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर बिना डॉक्टर के ही संस्था की ओर से संचालन किया जाता था. इसका खुलासा तब हुआ जब डायलिसिस सेंटर में एक रतन साधु नाम के एक व्यक्ति की मौत डायलिसिस के दौरान हो गयी. बिना डॉक्टर के ही कंपाउंडर उस व्यक्ति का डायलिसिस किया करता था जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

परिजनों ने इसे लापरवाही का आरोप लगाया और इसकी जांच और शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की. इस मामले की जांच अभी भी जारी है. हालांकि, जांच के दौरान बिना डॉक्टर के संचालन किए जाने पर डायलिसिस सेंटर बंद कराया दिया गया. वहीं, इस घटना के बावजूद भी संस्था ने कोई सुधार नहीं किया प्रशासन ने इसे और घोर अनियमितता बतायी.

जिला के उपायुक्त ने दिया है अल्टीमेटम

डीसी ने डॉक्टर की व्यवस्था कर सेंटर चालू करने का सख्त निर्देश दिया है. बिना डॉक्टर के डायलिसिस सेंटर संचालन किए जाने को लेकर डीसी ने गंभीरता से लिया है. डीसी ने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के साथ बैठक की है और शीघ्र ही डॉक्टर की व्यवस्था कर चालू करने का निर्देश दिया है. बावजूद इसके इसका असर न अस्पताल प्रबंधन पर पड़ रहा है और न संचालन कर्ता पर.

सिविल सर्जन अपने जवाबदेही से भागती रही

डायलिसिस सेंटर के चालू करने और डॉक्टर की व्यवस्था करने को लेकर जब सिविल सर्जन से पूछा गया तो इस मामले को लेकर पहले तो आनाकानी की गई और अपनी जवाबदेही से भागती रही. फिलहाल जिला के उपायुक्त के सख्त निर्देश दिए जाने के बावजूद भी डायलिसिस सेंटर चालू कराने को लेकर ना ही अस्पताल प्रबंधन गंभीर है, न ही संस्था की ओर से ही कोई अनुपालन किया जा रहा है. नतीजतन डायलिसिस सेंटर बंद पड़ा हुआ है और इसके लाभ से लोगों को वंचित रहना पड़ रहा है.

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