जामताड़ा: आंगनबाड़ी सेविका सहायिका अपनी मांगों को लेकर स्थानीय गांधी मैदान में जुटे और आंदोलन की रणनीति तैयार की. बैठक खत्म होने के बाद प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.
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जामताड़ा में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सीटू नेता लखन मंडल ने कहा कि झारखंड में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का मानदेय बढ़ाने की पुरानी मांग है. इस मांग को पूरा करने का आश्वासन मुख्यमंत्री से मिला था. लेकिन मांग पूरी नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि सेविका सहायिका का मानदेय अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में काफी कम है. उन्होंने कहा कि देश के 20 से अधिक राज्यों में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को मानदेय के रूप में 13 से 19 हजार रुपया मिल रहा है. लेकिन झारखंड में सेविका को मात्र 32 सौ रुपये दिये जा रहे हैं.
लंबे समय से जारी है आंदोलन
राज्य में सेविका को 32 सौ और सहायिका को 64 सौ रुपये मानदेय के रूप में मिल रहा है. मानदेय कम होने की वजह से सेविका और सहायिका मजबूर हैं. प्रदर्शन कर रही सेविकाओं ने बताया कि दिन-रात आंगनबाड़ी केंद्रों पर काम करते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर दूसरे कार्यों में भी ड्यूटी लगा दी जाती है. लेकिन न्यूनतम मानदेय नहीं मिल रहा है, जिससे घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से सरकार से मांग करते आ रहे हैं और आंदोलन भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी मांग जब तक पूरी नहीं होती है तब तक आंदोलन करते रहेंगे.