जामताड़ा: जिले के नारायणपुर दुर्गा मंदिर में दंड(दंडवत) प्रणाम की अनूठी परंपरा (dand pranam tradition of worship in Narayanpur) है. प्राचीन काल से महाष्टमी पर दूर-दराज से ग्रामीण यहां दंड प्रणाम करते हुए माता के दरबार में हाजिरी लगाते हैं और मन्नत मांगते हैं. बुधवार को महाष्टमी पर नारायणपुर के प्राचीन दुर्गा मंदिर में आसपास के गांवों से तमाम श्रद्धालु मां दुर्गा को प्रशन्न करने के लिए दंड प्रणाम करते हुए पहुंचे और माता की पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगी.
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परंपरा कब से शुरू हुई किसी को जानकारी नहीं
नारायणपुर बाजार के मां दुर्गा मंदिर में इन दिनों धूमधाम से देवी की पूजा की जा रही है. बुधवार को महाष्टमी 2021 पर देवी मां को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु दंड प्रणाम करते हुए यहां पहुंचे और मां की पूजा-अर्चना की. श्रद्धालुओं ने बताया कि उनके यहां प्राचीन काल से ही इस मंदिर में दंड प्रणाम कर पूजा करने की परंपरा है. हालांकि कोई भी श्रद्धालु परंपरा शुरू होने की सटीक जानकारी नहीं दे पाया. श्रद्धालुओं ने कहा कि यह परंपरा कब से शुरू हुई, इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन वर्षों से हम और हमारे घर के बड़े ऐसा देखते आ रहे हैं.
यह है मान्यता
श्रद्धालुओं ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि महाष्टमी पर यहां दंड प्रणाम करते हुए देवी मां की उपासना करने से मां खुश होती है और अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती है. इसलिए महाष्टमी पर आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. इस संबंध में मंदिर के पुजारी का कहना है कि प्राचीन काल से नाराणपुर के दुर्गा मंदिर में देवी मां की पूजा चली आ रही है. यहां शक्ति पूजा को लेकर महाष्टमी पर दंड प्रणाम की परंपरा है. लेकिन परंपरा शुरू होने का सटीक समय ये भी नहीं बता सके.
जामताड़ा के दुर्गा मंदिरों के साथ पूजा पंडालों में महाष्टमी पर बुधवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. बड़ी संख्या में श्रद्धालु शक्ति की पूजा के लिए पहुंचे. इस दौरान कोरोना की सरकारी गाइडलाइन का का भी पालन नहीं हो सका.
यह था आदेश
दुर्गा पंडाल मंदिरों में मेला नहीं लगाने, डीजे नहीं बजाने और मंदिरों के अंदर 25 से ज्यादा लोगों को प्रवेश नहीं देने को लेकर जामताड़ा में दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. लेकिन भीड़ के कारण इसका पालन नहीं कराया जा सका.