जामताड़ाः जिले में दाल भात योजना का हाल बेहाल है. शहर के एमजीएम अस्पताल में चल रही इस योजना को महिला समूह संचालित कर रही हैं, जिसकी रसोई के चारों तरफ नालियों से गंदगी निकलती है. वहीं, संचालकों को 5 रुपये में खाना परोसना भी मुश्किल हो रहा है.
गरीबों के लोगों के लिए चलाई जा रही दाल-भात योजना में सरकार संस्था को 24 क्विंटल चावल एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से देती है. इसके अलावा सोयाबीन और चना मुफ्त में दिया जाता है. महिला संचालिका ने बताया चावल सोयाबीन और चना के अलावा दूसरे जरूरी सामान नहीं दिए जातें. अपने पैसों से दाल, आलू, प्याज, लहसुन, अदरक जैसे दूसरे सामान खरीदें जाते हैं.
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ऐसे में सवाल ये है कि मुख्यमंत्री की दाल भात योजना में एक ओर तो गरीब जनता गंदगी में खाना खाने को मजबूर है. तो वहीं, संस्था के संचालकों को 5 रुपये में खाना परोसना मुश्किल हो रहा है. इन्हें किसी तरह का पेमेंट भी नहीं दिया जाता है.