जामताड़ाः साइबर थाना की पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर खोलकर साइबर अपराध करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने जामताड़ा जिला के सोमबाद गांव में छापेमारी कर तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि एक साइबर अपराधी भागने में सफल रहा. पकड़े गए साइबर अपराधियों में अनवर अंसारी, मनीर अंसारी और सगीर अंसारी शामिल हैं. तीनों अपराधी जामताड़ा के ही रहने वाले हैं. पुलिस ने पकड़े गए साइबर अपराधियों के पास से 15 मोबाइल, 21 फर्जी सिम कार्ड, एक लैपटॉप, दो वाईफाई डोंगल, तीन एटीएम कार्ड, पांच विभिन्न बैंक के पासबुक, दो रजिस्ट्रेशन गाड़ी का कार्ड, तीन चार पहिया वाहन जब्त किया है. सभी वाहन की खरीद साइबर ठगी के पैसे से की गई थी.
फर्जी कॉल सेंटर खोलकर साइबर ठगी को देते थे अंजामः इस संबंध में जामताड़ा के एसपी अनिमेष नैथानी ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि साइबर अपराधियों द्वारा सोमवाद गांव में अनवर अंसारी के घर में फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा है. कॉल सेंटर की आड़ में साइबर अपराधी ठगी करने का काम करते थे. इसके बाद पुलिस ने टीम गठित कर सत्यता की जांच के लिए सोमवाद गांव में छापेमारी की. जिसमें मामले का खुलासा हो गया और रंगेहाथ तीन साइबर अपराधी पकड़े गए. साइबर अपराधों ने पुलिस की पूछताछ के क्रम में बताया है कि वे गूगल से नंबर निकालते थे और बैंक अधिकारी बनकर खाताधारक को फोन लगाते थे. खाताधारक को केवाईसी के नाम में क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड बंद होने की बात कह कर लिंक भेजते थे और लिंक पर क्लीक करते ही उनका मोबाइल को हैक कर लेते थे. इसके बाद अकाउंट खाली कर दिया करते थे.
साइबर ठगी से अपराधियों ने अर्जित की है अकूत संपत्तिः पुलिस अब इस बात का पता लगा रही है कि जब्त मोबाइल फोन से कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया है. पुलिस की माने तो 100 से अधिक लोगों से गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने ठगी की है. वहीं एसपी ने बताया कि साइबर अपराधियों ने साइबर ठगी के पैसे से अकूत संपत्ति अर्जित की है. कई महंगी गाड़ियां खरीदी गई थी. जिसमें से तीन गाड़ियों को पुलिस ने जब्त कर लिया है. साथ ही पुलिस को साइबर ठगी के पैसे से आलीशान मकान बनाने का भी पता चला है. पुलिस मामले में जांच कर रही है.
नए तरीके से साइबर अपराधी कर रहे ठगीः एसपी ने बताया काफी नए तरीके से अपराधी साइबर क्राइम करते थे. जिसमें साइबर अपराधी पहले गूगल से मोबाइल नंबर निकालते थे. गूगल से नंबर निकालने के बाद साइबर अपराधी इंटरनेट के माध्यम से ही पता कर लेते थे कि संबंधित मोबाइल नंबर चलाने वाले शख्स ने किस बैंक से क्रेडिट कार्ड ले रखा है. इसके बाद साइबर अपराधी संबंधित व्यक्ति को बैंक अधिकारी बनकर फोन करते थे और केवाईसी अपडेट नहीं होने की बात कहकर क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से लेन-देन बंद करने की बात कहते थे. साथ ही अपडेट करने के लिए संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर लिंक भेजते थे. इसके बाद जैसे ही व्यक्ति अपने मोबाइल पर भेजे गए लिंक को क्लीक करता था, उसके फोन की तमाम जानकारी साइबर ठग के मोबाइल में कॉपी हो जाती थी. इसके माध्यम से संबंधित व्यक्ति का मोबाइल ओटीपी और पासवर्ड भी साइबर ठगों तक पहुंच जाता था. इसके बाद साइबर अपराधी संबंधित व्यक्ति के खाते से रुपए उड़ा लेते थे.
एसपी ने लोगों को किया सावधानःएसपी अनिमेष नैथानी ने आम लोगों से ऐसे साइबर गिरोह से बचने के लिए सतर्क रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी शख्स बैंक अधिकारी, बैंक एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड अपडेट करने के नाम पर कॉल करे तो सावधान हो जाएं. पहले उसकी सत्यता की जांच कर लें, तभी कुछ जानकारी दें. अन्यथा साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं. फिलहाल पकड़े गए सभी साइबर अपराधियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया है.