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विधानसभा चुनाव 2019: जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी का रिपोर्ट कार्ड

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Published : Sep 18, 2019, 5:49 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 7:24 PM IST

जामताड़ा विधानसभा सीट में आदिवासी और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है. एक अनुमान के मुताबिक आदिवासी मतदाता करीब 75 फीसदी है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 65 फीसदी के आसपास है. जो चुनाव जिताने और हराने का काम करते हैं. विधायक इरफान अंसारी सड़क बिजली और जनता के हित को लेकर विकास का दंभ भरते नहीं थकते. विधायक का कहना है कि उन्होंने चौमुखी विकास किया है.

जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी का रिपोर्ट कार्ड


जामताड़ा: पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित संथाल परगना का जामताड़ा जिला धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी ऐतिहासिक जिला माना जाता है. 26 अप्रैल 2001 को दुमका जिला से काटकर जामताड़ा को एक नया जिला बनाया गया. जामताड़ा का साक्षरता प्रतिशत 6 3.73 फीसदी है. यहां की जनसंख्या 7 लाख 91 हजार 42 है, जिसमें पुरुष 4 लाख 48 हजार 30 और महिला 3 लाख 84 हजार 212 है. धनबाद से गिरिडीह, देवघर, दुमका सीमावर्ती जिले हैं.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

फुरकान अंसारी के बाद भाजपा ने किया कब्जा

जामताड़ा जिला प्राकृतिक, धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण जिला है. लादना डैम यहां प्राकृतिक सुंदरता पर चार चांद बिखेरता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन ने अपना राजनीतिक सफर यहीं से शुरू किया. शिबू सोरेन ने यहीं से महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन छेड़ा. चिरूडीह कांड के बाद दिशुम गुरु के नाम से प्रसिद्ध हुए और सत्ता के शिखर तक पहुंचे. आदिवासी और मुस्लिम बहुल क्षेत्र रहने के कारण जामताड़ा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. 25 सालों तक गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी प्रतिनिधि करते रहे. फुरकान के सांसद बनने के बाद इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया. हालांकि फुरकान अंसारी के बेटे इरफान अंसारी ने इस सीट पर कब्जा जमा लिया और विकास के दावे कर अपने पिता के रिकॉर्ड को तोड़ने की फिराक में हैं.

ये भी पढ़ें- JPCC अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा- 'अबकी बार रघुवर सरकार, तड़ीपार'

आदिवासी और मुस्लिम बाहुल्य सीट
जामताड़ा विधानसभा सीट में आदिवासी और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है. एक अनुमान के मुताबिक आदिवासी मतदाता करीब 75 फीसदी है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 65 फीसदी के आसपास है. जो चुनाव जिताने और हराने का काम करते हैं. विधायक इरफान अंसारी सड़क बिजली और जनता के हित को लेकर विकास का दंभ भरते नहीं थकते. विधायक का कहना है कि उन्होंने चौमुखी विकास किया है.

विधायक से नाराज जनता
जामताड़ा कि कुछ जनता विधायक के काम से खुश है, तो कुछ लोग नाराज भी हैं. जितना लोगों ने भरोसा किया, उस पर पूरी तरह से इरफान खरे नहीं उतर पा रहे हैं. ऐसे में देखना होगा की विधायक जी आने वाले विधानसभा चुनाव 2019 में जनता का भरोसा जीतने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं.


जामताड़ा: पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित संथाल परगना का जामताड़ा जिला धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी ऐतिहासिक जिला माना जाता है. 26 अप्रैल 2001 को दुमका जिला से काटकर जामताड़ा को एक नया जिला बनाया गया. जामताड़ा का साक्षरता प्रतिशत 6 3.73 फीसदी है. यहां की जनसंख्या 7 लाख 91 हजार 42 है, जिसमें पुरुष 4 लाख 48 हजार 30 और महिला 3 लाख 84 हजार 212 है. धनबाद से गिरिडीह, देवघर, दुमका सीमावर्ती जिले हैं.

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फुरकान अंसारी के बाद भाजपा ने किया कब्जा

जामताड़ा जिला प्राकृतिक, धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण जिला है. लादना डैम यहां प्राकृतिक सुंदरता पर चार चांद बिखेरता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन ने अपना राजनीतिक सफर यहीं से शुरू किया. शिबू सोरेन ने यहीं से महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन छेड़ा. चिरूडीह कांड के बाद दिशुम गुरु के नाम से प्रसिद्ध हुए और सत्ता के शिखर तक पहुंचे. आदिवासी और मुस्लिम बहुल क्षेत्र रहने के कारण जामताड़ा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. 25 सालों तक गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी प्रतिनिधि करते रहे. फुरकान के सांसद बनने के बाद इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया. हालांकि फुरकान अंसारी के बेटे इरफान अंसारी ने इस सीट पर कब्जा जमा लिया और विकास के दावे कर अपने पिता के रिकॉर्ड को तोड़ने की फिराक में हैं.

ये भी पढ़ें- JPCC अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा- 'अबकी बार रघुवर सरकार, तड़ीपार'

आदिवासी और मुस्लिम बाहुल्य सीट
जामताड़ा विधानसभा सीट में आदिवासी और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है. एक अनुमान के मुताबिक आदिवासी मतदाता करीब 75 फीसदी है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 65 फीसदी के आसपास है. जो चुनाव जिताने और हराने का काम करते हैं. विधायक इरफान अंसारी सड़क बिजली और जनता के हित को लेकर विकास का दंभ भरते नहीं थकते. विधायक का कहना है कि उन्होंने चौमुखी विकास किया है.

विधायक से नाराज जनता
जामताड़ा कि कुछ जनता विधायक के काम से खुश है, तो कुछ लोग नाराज भी हैं. जितना लोगों ने भरोसा किया, उस पर पूरी तरह से इरफान खरे नहीं उतर पा रहे हैं. ऐसे में देखना होगा की विधायक जी आने वाले विधानसभा चुनाव 2019 में जनता का भरोसा जीतने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं.

Intro:पश्चिम बंगाल के सीमा पर स्थित संथाल परगना का जामताड़ा जिला धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी ऐतिहासिक जिला माना जाता है ।26 अप्रैल 2001 को दुमका जिला से काटकर जामताड़ा को एक नया जिला बनाया गया। जामताड़ा का साक्षरता प्रतिशत 6 3.73 है। कुल जनसंख्या जामताड़ा जिला का 791042 है जिसमें पुरुष 404830 और महिला 384212 है। धनबाद गिरिडीह देवघर दुमका सीमावर्ती जिला है। जिला बनने के बाद यहां के लोगों का जो उम्मीद थी कि यहां काफी विकास होगा। शिक्षा दुरुस्त होगा । बेरोजगारी दूर होगी। रोजगार मिलेगा बिजली पानी समस्या से निजात मिलेगा ।पर सारे अरमान यहां के लोगों को टूट गए हैं ।जितना विकास होना चाहिए था नहीं हो पाया है।


Body:जामताड़ा जिला प्राकृतिक धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण जिला है ।लादना डेम यहां प्राकृतिक सुंदरता का चार चांद विखेरता है। साइबर के क्षेत्र में काफी चर्चित रहने वाला जामताड़ा का कर्माटार विद्यासागर के कर्म स्थली के रूप में विख्यात है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन ने अपना राजनीतिक कर्मस्थली यहीं बनाया। शिबू सोरे यहीं से महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन छेड़ा ।चिरूङीह कांड के बाद दिशुम गुरु के नाम से प्रसिद्ध हुए और सत्ता के शिखर तक पहुंचे। आदिवासी और मुस्लिम बहुल क्षेत्र रहने के कारण जामताड़ा सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है ।25 वर्षों तक गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी प्रतिनिधि करते रहे ।सांसद बनने के बाद इस सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया। लेकिन फुरकान अंसारी के पुत्र अपने पिता के खोए हुए इस सीट पर कब्जा जमा लिया और विकास के दावे कर अपने पिता के रिकॉर्ड को तोड़ने के फिराक में है।
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V2 जामताड़ा विधानसभा सीट आदिवासी और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है ।एक अनुमान के आदिवासी मतदाता करीब 75% मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 65% के आसपास है। जो चुनाव जिताने हराने का काम करते है । दो समुदाय के राजनीतिक समीकरण पर चुनाव जीत और हार का फैसला होते रहा है। हालांकि विधायक इरफान अंसारी सड़क बिजली और जनता के हित को लेकर विकास काम करते बोलते नहीं थकते। विधायक का कहना है उन्होंने चौहुमुखी विकास किया है ।जनता के बीच में रहते हैं ।यही कारण है कि जनता उनसे ज्यादा भरोसा और स्नेह करती है।
बाईट इरफान अंसारी विधायक जामताड़ा

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V3 विधायक इरफान अंसारी विकास की बात कर रहे हैं ।और जनता का अपार स्नेह मिलना का भी दावा कर रहे हैं ।पर जनता उन पर कितना भरोसा करती हैं और कितना जनता के भरोसे पर खरे उतरे हैं। यह जनता से ही जान लेते हैं ।
बाईट जनता से विधायक के बारे में राय।
V 4 विधायक इरफान अंसारी जनता के भरोसे पर पूरी तरह खरा उतर नहीं पा रहे हैं। कोई 1 से 10 अकं में 4 अंक दे रहा है तो कोई मिली जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं विपक्ष विधायक के विकास के दावों को खारिज कर दे रहे हैं ।इनका कहना है कि विकास का जो भी काम हुआ है वह सारे रघुवर सरकार की देन है। विधायक पर कमीशन खोरी और लूट हसोट करने का आरोप लगा रहे हैं।
बाईट संतोष मिश्रा भाजपा नेता



Conclusion:जामताड़ा कि जनता विधायक के काम से कुछ खुश है ।तो कुछ नाराज। जितना लोगों ने भरोसा किया ।उस पर पूरी तरह से खरा उतर नहीं पा रहे हैं ।ऐसे में देखना है कि विधायक जी आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता का भरोसा जीतने में कितना कामयाब हो पाते हैं या नहीं।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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Last Updated : Sep 18, 2019, 7:24 PM IST
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