जामताड़ा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय झारखंड दौरे पर हैं. भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड स्थापना दिवस पर पीएम मोदी के झारखंड दौरे को लेकर सियासत तेज हो गई है. जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने पीएम मोदी से आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू करने की मांग की है.
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर पीएम मोदी के झारखंड दौरे पर झारखंड के सत्ता पक्ष के दल के नेता इरफान अंसारी ने आदिवासी की लंबित सरना धर्म कोड लागू करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने इस दौरे को छत्तीसगढ़ में चुनाव को प्रभावित करने वाला भी बताया है. जामताड़ा विधायक ने कहा कि सरना धर्म कोड प्रस्ताव को उनकी सरकार ने राज्य में कैबिनेट और विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेज दिया है. प्रधानमंत्री मोदी झारखंड में आदिवासी हित के लिए आए हैं तो आदिवासियों की लंबित को जरूर पूरा करना चाहिए.
15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती होती है. इसी दिन झारखंड राज्य की स्थापना हुई थी. आज झारखंड 23 साल युवा राज्य बन चुका है. पीएम मोदी इस दिन खूंटी के उलिहातू में भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देंगे. इसके साथ ही यहां से वे कई योजनाओं की भी घोषणा करेंगे. इस बीच झारखंड में विरोधी दल के नेताओं ने पीएम से सरना धर्म कोड को लागू करवाने की मांग कर रहे हैं.
क्या है सरना धर्म: झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार में आदिवासी समुदाय का एक बड़ा तबका अपने आप को सरना धर्म के अनुयायी मानते हैं. उनका कहना है कि वे हिंदू नहीं हैं बल्कि उनका धर्म सरना है. वे प्रकृति की पूजा करते हैं. जल, जंगल और जमीन पर ही उनका विश्वास है. 1871 से लेकर 1951 तक आदिवासियों के लिए अलग-अलग धर्म कोड की व्यवस्था रही. हालांकि आजादी के बाद इन्हें शेड्यूल ट्राइब्स में डाल दिया गया और धर्म के विशेष कॉलम को खत्म कर दिया गया.