ETV Bharat / state

जामताड़ा सदर अस्पताल में कंपाउंडर करते हैं डायलिसिस, चिकित्सक बेपरवाह

जामताड़ा सदर अस्पताल में मरीजों को डायलिसिस सुविधा देने को लेकर डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था की गई है. इस सेंटर में मरीजों का डायलिसिस डॉक्टर नहीं, बल्कि कंपाउंडर के द्वारा किया जाता है, जबकि डॉ पदस्थापित है, लेकिन वो यहां नहीं रहते हैं, जिससे अक्सर किसी न किसी तरह की समस्या होती रहती है.

जामताड़ा सदर अस्पताल में कंपाउंडर करते हैं डायलिसिस
Compounder performs dialysis at Jamtara Sadar Hospital
author img

By

Published : Jul 1, 2020, 9:03 PM IST

जामताड़ा: जिले के सदर अस्पताल में मरीजों को डायलिसिस सुविधा देने को लेकर डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था की गई है. यह सेंटर कोलकाता के संजीवनी नाम के एक प्राइवेट कंपनी ने संचालित किया है, लेकिन यहां अक्सर किसी न किसी तरह की लापरवाही देखी जाती है.

देखें पूरी खबर

चिकित्सकों की लापरवाही

जामताड़ा सदर अस्पताल के इस सेंटर में मरीजों का डायलिसिस डॉक्टर नहीं, बल्कि कंपाउंडर करते हैं, जबकि डॉ पदस्थापित हैं, लेकिन वो यहां नहीं रहते हैं. बताया जाता है कि सदर अस्पताल में SRL में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मी रतन साधु नाम के एक व्यक्ति यहां डायलिसिस करा रहा था, जिसे कंपाउंडर द्वारा किया जा रहा था. इसी क्रम में उसकी मौत हो गई. मौत की घटना के बाद यह मामला सामने आया कि इस सेंटर में मरीज का डायलिसिस डॉक्टर नहीं, बल्कि कंपाउंडर करते हैं.

ये भी पढ़ें-बाहुड़ा यात्रा LIVE : श्रीमंदिर लाए जा रहे हैं भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा

जांच कमेटी का गठन

इस मामले में जामताड़ा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक चंद्रशेखर आजाद से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बिना उनके जानकारी के ही रतन साधु डायलिसिस करा रहे थे. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर जांच कमेटी गठित की गई है. जांच की जा रही है. इस घटना को लेकर जब डायलिसिस सेंटर के डॉ मनोज कुमार से संपर्क किया गया और उनसे पूछा गया कि डायलिसिस सेंटर में वो डायलिसिस नहीं करते हैं, बल्कि कंपाउंडर के द्वारा कराया जाता है तो उन्होंने चुप्पी साध ली.

उपायुक्त ने दिया जांच का आदेश

इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जामताड़ा उपायुक्त गणेश कुमार ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और सिविल सर्जन को जांच का आदेश दिया है. उपायुक्त ने बताया कि जांच के उपरांत इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि सदर अस्पताल जामताड़ा में मरिजों के साथ आए दिन कोई न कोई अप्रिय घटना घटती रहती है. हर बार जांच का आदेश दिया जाता है और जांच के बाद सुधार की वजह कोई नई घटना सामने आ जाती है. इस बार भी जिला प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है. अब देखने वाली बात है कि इस मामले में जांच के उपरांत क्या कार्रवाई होती है.

जामताड़ा: जिले के सदर अस्पताल में मरीजों को डायलिसिस सुविधा देने को लेकर डायलिसिस सेंटर की व्यवस्था की गई है. यह सेंटर कोलकाता के संजीवनी नाम के एक प्राइवेट कंपनी ने संचालित किया है, लेकिन यहां अक्सर किसी न किसी तरह की लापरवाही देखी जाती है.

देखें पूरी खबर

चिकित्सकों की लापरवाही

जामताड़ा सदर अस्पताल के इस सेंटर में मरीजों का डायलिसिस डॉक्टर नहीं, बल्कि कंपाउंडर करते हैं, जबकि डॉ पदस्थापित हैं, लेकिन वो यहां नहीं रहते हैं. बताया जाता है कि सदर अस्पताल में SRL में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मी रतन साधु नाम के एक व्यक्ति यहां डायलिसिस करा रहा था, जिसे कंपाउंडर द्वारा किया जा रहा था. इसी क्रम में उसकी मौत हो गई. मौत की घटना के बाद यह मामला सामने आया कि इस सेंटर में मरीज का डायलिसिस डॉक्टर नहीं, बल्कि कंपाउंडर करते हैं.

ये भी पढ़ें-बाहुड़ा यात्रा LIVE : श्रीमंदिर लाए जा रहे हैं भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा

जांच कमेटी का गठन

इस मामले में जामताड़ा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक चंद्रशेखर आजाद से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बिना उनके जानकारी के ही रतन साधु डायलिसिस करा रहे थे. उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर जांच कमेटी गठित की गई है. जांच की जा रही है. इस घटना को लेकर जब डायलिसिस सेंटर के डॉ मनोज कुमार से संपर्क किया गया और उनसे पूछा गया कि डायलिसिस सेंटर में वो डायलिसिस नहीं करते हैं, बल्कि कंपाउंडर के द्वारा कराया जाता है तो उन्होंने चुप्पी साध ली.

उपायुक्त ने दिया जांच का आदेश

इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जामताड़ा उपायुक्त गणेश कुमार ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और सिविल सर्जन को जांच का आदेश दिया है. उपायुक्त ने बताया कि जांच के उपरांत इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि सदर अस्पताल जामताड़ा में मरिजों के साथ आए दिन कोई न कोई अप्रिय घटना घटती रहती है. हर बार जांच का आदेश दिया जाता है और जांच के बाद सुधार की वजह कोई नई घटना सामने आ जाती है. इस बार भी जिला प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है. अब देखने वाली बात है कि इस मामले में जांच के उपरांत क्या कार्रवाई होती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.