जामताड़ाः जामताड़ा में पंचायत में खोले गए सामुदायिक पुस्तकालय भवन का उपयोग लॉकडाउन में शिक्षण संस्थान स्कूल बंद रहने से गांव के बच्चे इसका बखूबी उपयोग कर रहे हैं. पुस्तकालय भवन में गांव के शिक्षित बेरोजगार युवक तैयारी कर रहे हैं. अध्ययन कर रहे हैं और बच्चे पढ़ भी रहे हैं.
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कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षण संस्थान पर एक लंबे समय से पड़ रहा है.एक लंबे समय से स्कूल कॉलेज शिक्षण संस्थान बंद पड़े हुए हैं. बच्चे स्कूल जाकर नहीं पढ़ पा रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा गांव में खोले गए सामुदायिक पुस्तकालय भवन का उपयोग गांव के बच्चे और छात्र भरपूर कर रहे हैं.
जामताड़ा सदर प्रखंड के अमलाचातर गांव में खोले गए सामुदायिक पुस्तकालय भवन में लॉकडाउन में स्कूल कॉलेज बंद रहने के कारण गांव के बच्चे और शिक्षित बेरोजगार युवक पुस्तकालय भवन में अध्ययन करते हैं और पढ़ते हैं.
क्या कहते हैं गांव के अध्ययन कर रहे हैं. बच्चे सामुदायिक पुस्तकालय भवन में अध्ययन कर रहे गांव के छात्रों का कहना था कि गांव में पुस्तकालय भवन खुलने से काफी लाभ हो रहा है. लॉकडाउन में स्कूल कॉलेज बंद हैं तो समुदायि पुस्तकालय भवन में आकर ही पढ़ाई लिखाई करते हैं.
पुस्तकों की व्यवस्था करने की मांग
समुदायिक पुस्तकालय भवन गांव में तो खुला है लेकिन विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों और विभिन्न प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे शिक्षित बेरोजगारों ने पुस्तकालय में पुस्तक की कमी बताई.
उनका कहना था कि खुद की व्यवस्था कर पुस्तकालय भवन में पढ़ाई करते हैं. पुस्तकें न रहने के कारण उन्हें थोड़ी कठिनाई उठानी पड़ती है. गांव के बच्चे पुस्तकालय भवन में पुस्तक की व्यवस्था करने की मांग की.
जामताड़ा जिला प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर प्रत्येक पंचायत में शैक्षणिक विकास के उद्देश्य से सामुदायिक पुस्तकालय भवन बनाया गया है.
लेकिन पुस्तकों की व्यवस्था न हो पाने से तैयारी कर रहे और पढ़ने वाले छात्र छात्रों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है .जिसके प्रति प्रशासन और सरकार को ध्यान देने की जरूरत है