जामताड़ाः झारखंड में कोरोना वायरस को लेकर लगातार सर्तकता बरती जा रही है. इसी क्रम में जामताड़ा में लॉकडाउन और धारा 144 लागू है. दूसरी ओर शहर में कालाबाजारी और जरूरी खाद सामग्री और हरी सब्जी की कीमतों में वृद्धि हो गई है. व्यापारी लॉकडाउन का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी में जुट गए हैं, जिससे परिस्थिति गंभीर हो रही है. प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है. स्थानीय लोग प्रशासन से इस पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.
जामताड़ा में कालाबाजारी शुरू हो गई है. जरूरी राशन सामग्री एवं हरी सब्जी दाम आसमान छू रहे हैं. इससे नागरिकों में डर क माहौल है. कोरोना वायरस को लेकर झारखंड सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है.
सरकार द्वारा पूरे राज्य में लॉक डाउन लागू कर दिया गया है, जिसके तहत जामताड़ा में लॉकडाउन है. जिला प्रशासन द्वारा जामताड़ा शहर में 144 धारा लागू है. इसके तहत लोगों को घर में ही रहने की अपील की गई है, सिर्फ जरूरत आवश्यक वस्तु के समान को छोड़कर सभी तरह के प्रतिष्ठान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
इसका फायदा कुछ लोग उठाने में लग गए हैं. इसके साथ ही जामताड़ा बाजार में कालाबाजारी का भी धंधा शुरू हो गया है. लोग अपनी जरूरत का सामान खरीदना चाह रहे हैं. आलू, प्याज, हरी सब्जी के दाम में अचानक इजाफा हो गया है.
आलू की कालाबाजारी की जा रही है. मनमाना पैसा वसूला जा रहा है. स्थानीय लोग प्रशासन से कालाबाजारी पर रोक एवं कार्रवाई करने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जरूरी राशन सामान में कालाबाजारी हो रही है.
मनमाना पैसा वसूल रहे व्यापारी
व्यापारी मनमाना पैसे वसूल रहे हैं. लोगों ने बताया कि आलू 25 से 30 रुपए प्रति किलो, प्याज ₹30 किलो बिक रहा है. इसके अलावा ज्यादा समान राशन दुकान में नहीं दिया जा रहा है. लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
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एक ओर फिलहाल कोरोना वायरस को लेकर देश में भयावह की स्थिति बनी हुई है, इस संक्रामक और महामारी से निपटने के लेकर कार्रवाई की जा रही है . वहीं दूसरी ओर कालाबाजारी और जरूरत के सामानों में बढ़ती कीमतों से लोग चिंतित हैं, जिस पर प्रशासन और सरकार को कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है.