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जामताड़ा: आंगनबाड़ी केंद्र का हाल बेहाल, ग्रामीण परेशान - जामताड़ा में आंगनबाड़ी केंद्र बंद

जामताड़ा के केनुडीह गांव में आंगनबाड़ी केंद्र बंद है. इसके साथ ही गांव के विद्यालय परिसर में बने लाखों की लागत से पानी टंकी भी बेकार पड़ा हुआ है और इस बात से प्रशासन अनजान है.

bad condition of anganwadi center in jamtara
आंगनबाड़ी केंद्र
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Published : Nov 28, 2020, 3:21 PM IST

जामताड़ा: जिले के केनुडीह गांव में आंगनबाड़ी केंद्र कुपोषण का शिकार बना हुआ है. आंगनबाड़ी केंद्र का शौचालय खराब है और चापाकल बरसों से खराब पड़ा हुआ है. यहां तक कि गांव के विद्यालय परिसर में बना लाखों की लागत से पानी टंकी भी बेकार पड़ा हुआ है. इससे जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारी बेखबर हैं.

देखें पूरी खबर


कुपोषण का शिकार बना आंगनबाड़ी केंद्र
जिले के केनुडीह गांव का आंगनबाड़ी केंद्र खुद कुपोषण का शिकार बना हुआ है. आंगनबाड़ी केंद्र का भवन जर्जर हो चुका है. आंगनबाड़ी केंद्र का हाल यह है कि ना शौचालय की व्यवस्था है और ना ही प्राप्त पेयजल की व्यवस्था है. बस कहने के लिए शौचालय चापाकल तो है लेकिन शौचालय नाम का है. कोरोना के कारण फिलहाल आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे नहीं आते हैं.

आंगनबाड़ी केंद्र है बंद

ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद है. पांच छह बच्चे गांव के हैं, जो आंगनबाड़ी केंद्र में जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र के शौचालय में कोई नहीं जाता है और ना ही पानी मिलता है. आंगनबाड़ी केंद्र का पोषाहार बच्चों को कभी दिया जाता है कभी नहीं दिया जाता. ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना के कारण आंगनबाड़ी नहीं खुलता है.

ये भी पढ़े- लालू यादव की लगातार बढ़ रही हैं मुश्किलें, वायरल ऑडियो को लेकर बरियातू थाना में शिकायत दर्ज

पानी टंकी बेकार

आलम यह है कि गांव के विद्यालय परिसर में बने लाखों की लागत से पानी टंकी भी बेकार पड़ी हुई है. लाखों रुपये सरकारी खर्च कर पानी टंकी का निर्माण कराया गया था. इस उद्देश्य से विद्यालय के बच्चे और ग्रामीण जनता को स्वच्छ पानी मिल सकेगा. लेकिन ना इसका लाभ विद्यालय के बच्चे को कभी मिल पाया है और ना पानी टंकी से ग्रामीण जनता को ही कभी पानी नसीब हो पाया है.

जामताड़ा: जिले के केनुडीह गांव में आंगनबाड़ी केंद्र कुपोषण का शिकार बना हुआ है. आंगनबाड़ी केंद्र का शौचालय खराब है और चापाकल बरसों से खराब पड़ा हुआ है. यहां तक कि गांव के विद्यालय परिसर में बना लाखों की लागत से पानी टंकी भी बेकार पड़ा हुआ है. इससे जिला प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारी बेखबर हैं.

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कुपोषण का शिकार बना आंगनबाड़ी केंद्र
जिले के केनुडीह गांव का आंगनबाड़ी केंद्र खुद कुपोषण का शिकार बना हुआ है. आंगनबाड़ी केंद्र का भवन जर्जर हो चुका है. आंगनबाड़ी केंद्र का हाल यह है कि ना शौचालय की व्यवस्था है और ना ही प्राप्त पेयजल की व्यवस्था है. बस कहने के लिए शौचालय चापाकल तो है लेकिन शौचालय नाम का है. कोरोना के कारण फिलहाल आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे नहीं आते हैं.

आंगनबाड़ी केंद्र है बंद

ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद है. पांच छह बच्चे गांव के हैं, जो आंगनबाड़ी केंद्र में जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र के शौचालय में कोई नहीं जाता है और ना ही पानी मिलता है. आंगनबाड़ी केंद्र का पोषाहार बच्चों को कभी दिया जाता है कभी नहीं दिया जाता. ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना के कारण आंगनबाड़ी नहीं खुलता है.

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पानी टंकी बेकार

आलम यह है कि गांव के विद्यालय परिसर में बने लाखों की लागत से पानी टंकी भी बेकार पड़ी हुई है. लाखों रुपये सरकारी खर्च कर पानी टंकी का निर्माण कराया गया था. इस उद्देश्य से विद्यालय के बच्चे और ग्रामीण जनता को स्वच्छ पानी मिल सकेगा. लेकिन ना इसका लाभ विद्यालय के बच्चे को कभी मिल पाया है और ना पानी टंकी से ग्रामीण जनता को ही कभी पानी नसीब हो पाया है.

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