जामताड़ा: झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के प्रतिपक्ष नेता बाबूलाल मरांडी हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. बाबूलाल मरांडी ने सरकार से भाषा को लेकर एक फार्मूला तय करने का सुझाव दिया है.
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भोजपुरी और मगही भाषा को लेकर सीएम हेमंत सोरेन की ओर से दिए गए बयान को लेकर विपक्षी दल काफी गरम नजर आ रही है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी नें हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. बाबूलाल मरांडी ने मानसून सत्र के दौरान सरकार की ओर से एक विशेष समुदाय के धर्म की इबादत के लिए विधानसभा में किए गए कमरा आवंटित एवं भाषा को लेकर मुख्यमंत्री के दिए गए बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
भाषा को लेकर दिए गए बयान को ठहराया अनुचित
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से खासकर मगही और भोजपुरी भाषा को लेकर पिछले दिनों दिए गए बयान को लेकर आपत्ति प्रकट की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को छोटी से छोटी भाषा का भी सम्मान करना चाहिए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा मगही और भोजपुरी भाषा को लेकर दिया गया बयान कहीं से भी उचित नहीं है.
सरकार से भाषा को लेकर एक फार्मूला तय करने की मांग
बाबूलाल मरांडी ने सरकार से भाषा को लेकर एक फार्मूला तय करने की मांग की बाबूलाल मरांडी ने की. उन्होंने कहा कि सरकार तो चाहिए कि भाषा को लेकर एक फार्मूला तय करें और उस तय फॉर्मूले पर सरकार को काम करना चाहिए.
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लोकतंत्र के मंदिर में धार्मिक स्थान के लिए संविधान इजाजत नहीं देता
बाबूलाल मरांडी ने मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में सरकार की ओर से नमाज अदा करने के लिए एक कमरा आवंटित किए जाने पर तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का एक मंदिर है, इसे लोकतंत्र का ही मंदिर रहने देना चाहिए. इस लोकतंत्र के मंदिर में किसी भी तरह का धार्मिक अनुष्ठान के लिए जगह देना संविधान के खिलाफ बताया, इसकी इजाजत संविधान नहीं देता है.
बाबूलाल मरांडी दुमका से रांची जाने के क्रम में थोड़ी देर के लिए जामताड़ा में रुके थे. जहां पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने तमाम बातें कहीं. जामताड़ा पहुंचने पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया.