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जामताड़ा नाव हादसाः सभी 14 शव बरामद, पांच दिन तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

जामताड़ा नाव हादसा में सभी 14 शव बरामद कर लिए गए हैं. बिरगांव बराकर नदी में हुए नाव हादसा के बाद लगातार पांच दिन तक एनडीआरएफ की टीम की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. 24 फरवरी को हुए इस हादसे में कुल 14 लोग लापता हो गए थे.

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जामताड़ा नाव हादसा
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Published : Feb 28, 2022, 8:35 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 8:42 PM IST

जामताड़ाः जिला के बिरगांव बराकर नदी में हुए नाव हादसे की घटना के 5 दिन तक चले रेस्क्यू अभियान के तहत लापता कुल 14 लोगों का शव बरामद किया गया है. बरामद शवों की पहचान के बाद पोस्टमार्टम करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है. जामताड़ा नाव हादसा के बाद लगातार पांच दिन तक एनडीआरएफ की टीम की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा नाव हादसाः अब तक कुल 6 शव बरामद, बराकर नदी में रेस्क्यू ऑपरेश जारी


जामताड़ा के बिरगांव बराकर नदी में हुए नाव हादसे के बाद लगातार 5 दिन तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया. आखिरकार कुल लापता 14 व्यक्तियों का शव बरामद किया गया है. सभी शव की शिनाख्त के बाद कानूनी कार्रवाई करते हुए शव को परिजनों के हवाले प्रशासन द्वारा कर दिया गया. इससे पहले रविवार को पांच शव नदी से निकाले गए थे, वहीं शनिवार को एक महिला का शव एनडीआरएफ द्वारा बरामद किया गया था. सोमवार को बरामद 8 शव मिलने के बाद कुल लापता में सभी 14 शव बरामद कर लिया गया है.

देखें पूरी खबर
24 फरवरी को हुआ था हादसाः जामताड़ा बिरगांव बराकर नदी में 24 फरवरी गुरुवार को शाम 6:00 बजे करीब नाव पलट गयी थी. जिसमें सवार सभी लोग नदी में डूब गए, चार लोगों ने किसी तरह तैरकर अपनी जान बचाई लेकिन शेष 14 लोग नदी में समा गए. हादसे के शिकार हुए सभी लोग धनबाद, निरसा, बिदाबेदिया घाट से सवार होकर जामताड़ा बिरगांव आ रहे थे, इस दौरान अचानक तेज हवा, आंधी-तूफान और बारिश होने के बाद नाव का संतुलन बिगड़ गया और यह हादसा हो गया. इस घटना के बाद से इलाके में अफरातफरी और हड़कंप मच गया. घटना की सूचना पाकर मौके पर प्रशासन की टीम पहुंची और देर रात से ही एनडीआरएफ की टीम मंगाकर रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया.
देवघर, पटना और रांची एनडीआरएफ की टीम का संयुक्त ऑपरेशनः इस घटना के बाद से एनडीआरएफ देवघर, रांची और पटना की टीम संयुक्त रूप से सर्च अभियान शुरू की. 5 दिन तक इस घटना को लेकर रेस्क्यू चलाया गया, जिसमें ग्रामीणों का भी सहयोग रहा. पांच दिन तक अभियान चलाए जाने के बाद प्रशासन और एनडीआरएफ को सफलता हाथ लगी और एक-एक कर लापता शव बरामद करने में सफल रहे. हादसे में 14 शवों की पहचान की गयी है. उनके नाम मनेष मंडल नौका चालक, मोफिज अंसारी, रसिक बास्की, पांडेश्वर महोली, रशीद अंसारी, अफरोज अंसारी, विनोद मोहाली, तनवीर आलम, हलिमा खातून, अबुल अंसारी, जुबेदा बीबी, सालेहा खातून, गुलआसफा खातून और अशरफ अंसारी बताया गया है.

इसे भी पढ़ें- बराकर नदी में पलटी नाव, 4 को सुरक्षित निकाला बाकी सभी लोग लापता


एनडीआरएफ के कमांडेट ने दी जानकारीः इस हादसे के बाद लेकर चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व कर रहे एनडीआरएफ के कमांडेंट ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि प्रारंभ में रेस्क्यू अभियान चलाए जाने को लेकर घटनास्थल का सटीक जानकारी नहीं होने के कारण परेशानी उठानी पड़ी. उन्होंने बताया कि इस अभियान में देवघर, रांची, पटना की टीम सोनार एनडीआरएफ का उपयोग किया गया. जो लापता लोगों की सूचना इस हादसे में थी, सभी 14 लोगों के शव बरामद करने में सफल रहे.


नदी में पुल बनाने की मांग ने पकड़ा जोरः जामताड़ा नाव हादसा के बाद जामताड़ा और धनबाद जिला के जोड़ने वाली बिदंवेदिया और बिरगांव घाट पर बनने वाली पुल का निर्माण वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. 2009 में इस पुल निर्माणाधीन तेज पानी में पीलर बह जाने के बाद यह भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया, उसके बाद से यह पुल अधूरा पड़ा हुआ है. नतीजा यह है कि पुल नहीं रहने के कारण लोग इस पार से उस पार आने जाने के लिए नाव का सहारा लेते हैं, जान जोखिम में डालकर लोग आना-जाना करते हैं. ऐसी बात नहीं है कि इस बात की जानकारी प्रशासन और सरकार को नहीं है, बावजूद इसके ना प्रशासन द्वारा कभी गंभीरता से लिया गया और ना ही इस पर किसी तरह का कार्रवाई करना कोई उचित समझा. इस हादसे की अंदेशा को लेकर कई बार मीडिया में आम लोगों द्वारा भी अंदेशा जताया जाता रहा है लेकिन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी नतीजा यह हादसा हो गयी. इस हादसे के बाद स्थानीय लोग अधूरे पुल निर्माण को पूरा करने और नदी में पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर पुल बना रहता तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलता. फिलहाल प्रशासन की ओर से नदी में नाव परिचालन पर रोक लगा दी है.

जामताड़ाः जिला के बिरगांव बराकर नदी में हुए नाव हादसे की घटना के 5 दिन तक चले रेस्क्यू अभियान के तहत लापता कुल 14 लोगों का शव बरामद किया गया है. बरामद शवों की पहचान के बाद पोस्टमार्टम करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है. जामताड़ा नाव हादसा के बाद लगातार पांच दिन तक एनडीआरएफ की टीम की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.

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जामताड़ा के बिरगांव बराकर नदी में हुए नाव हादसे के बाद लगातार 5 दिन तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया. आखिरकार कुल लापता 14 व्यक्तियों का शव बरामद किया गया है. सभी शव की शिनाख्त के बाद कानूनी कार्रवाई करते हुए शव को परिजनों के हवाले प्रशासन द्वारा कर दिया गया. इससे पहले रविवार को पांच शव नदी से निकाले गए थे, वहीं शनिवार को एक महिला का शव एनडीआरएफ द्वारा बरामद किया गया था. सोमवार को बरामद 8 शव मिलने के बाद कुल लापता में सभी 14 शव बरामद कर लिया गया है.

देखें पूरी खबर
24 फरवरी को हुआ था हादसाः जामताड़ा बिरगांव बराकर नदी में 24 फरवरी गुरुवार को शाम 6:00 बजे करीब नाव पलट गयी थी. जिसमें सवार सभी लोग नदी में डूब गए, चार लोगों ने किसी तरह तैरकर अपनी जान बचाई लेकिन शेष 14 लोग नदी में समा गए. हादसे के शिकार हुए सभी लोग धनबाद, निरसा, बिदाबेदिया घाट से सवार होकर जामताड़ा बिरगांव आ रहे थे, इस दौरान अचानक तेज हवा, आंधी-तूफान और बारिश होने के बाद नाव का संतुलन बिगड़ गया और यह हादसा हो गया. इस घटना के बाद से इलाके में अफरातफरी और हड़कंप मच गया. घटना की सूचना पाकर मौके पर प्रशासन की टीम पहुंची और देर रात से ही एनडीआरएफ की टीम मंगाकर रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया.
देवघर, पटना और रांची एनडीआरएफ की टीम का संयुक्त ऑपरेशनः इस घटना के बाद से एनडीआरएफ देवघर, रांची और पटना की टीम संयुक्त रूप से सर्च अभियान शुरू की. 5 दिन तक इस घटना को लेकर रेस्क्यू चलाया गया, जिसमें ग्रामीणों का भी सहयोग रहा. पांच दिन तक अभियान चलाए जाने के बाद प्रशासन और एनडीआरएफ को सफलता हाथ लगी और एक-एक कर लापता शव बरामद करने में सफल रहे. हादसे में 14 शवों की पहचान की गयी है. उनके नाम मनेष मंडल नौका चालक, मोफिज अंसारी, रसिक बास्की, पांडेश्वर महोली, रशीद अंसारी, अफरोज अंसारी, विनोद मोहाली, तनवीर आलम, हलिमा खातून, अबुल अंसारी, जुबेदा बीबी, सालेहा खातून, गुलआसफा खातून और अशरफ अंसारी बताया गया है.

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एनडीआरएफ के कमांडेट ने दी जानकारीः इस हादसे के बाद लेकर चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व कर रहे एनडीआरएफ के कमांडेंट ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि प्रारंभ में रेस्क्यू अभियान चलाए जाने को लेकर घटनास्थल का सटीक जानकारी नहीं होने के कारण परेशानी उठानी पड़ी. उन्होंने बताया कि इस अभियान में देवघर, रांची, पटना की टीम सोनार एनडीआरएफ का उपयोग किया गया. जो लापता लोगों की सूचना इस हादसे में थी, सभी 14 लोगों के शव बरामद करने में सफल रहे.


नदी में पुल बनाने की मांग ने पकड़ा जोरः जामताड़ा नाव हादसा के बाद जामताड़ा और धनबाद जिला के जोड़ने वाली बिदंवेदिया और बिरगांव घाट पर बनने वाली पुल का निर्माण वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. 2009 में इस पुल निर्माणाधीन तेज पानी में पीलर बह जाने के बाद यह भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया, उसके बाद से यह पुल अधूरा पड़ा हुआ है. नतीजा यह है कि पुल नहीं रहने के कारण लोग इस पार से उस पार आने जाने के लिए नाव का सहारा लेते हैं, जान जोखिम में डालकर लोग आना-जाना करते हैं. ऐसी बात नहीं है कि इस बात की जानकारी प्रशासन और सरकार को नहीं है, बावजूद इसके ना प्रशासन द्वारा कभी गंभीरता से लिया गया और ना ही इस पर किसी तरह का कार्रवाई करना कोई उचित समझा. इस हादसे की अंदेशा को लेकर कई बार मीडिया में आम लोगों द्वारा भी अंदेशा जताया जाता रहा है लेकिन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी नतीजा यह हादसा हो गयी. इस हादसे के बाद स्थानीय लोग अधूरे पुल निर्माण को पूरा करने और नदी में पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर पुल बना रहता तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलता. फिलहाल प्रशासन की ओर से नदी में नाव परिचालन पर रोक लगा दी है.

Last Updated : Feb 28, 2022, 8:42 PM IST
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