जामताड़ा: सरकार द्वारा कोर्ट फी में बढ़ोतरी किए जाने के विरोध सहित अन्य मांगों को लेकर झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर जामताड़ा कोर्ट के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को न्यायालय कार्य का बहिष्कार (Advocates Boycott Court Work In Jamtara) किया. इस दौरान जिले के सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से अलग रहे. इस कारण न्यायालय का सारा काम ठप पड़ गया. वहीं केस की पैरवी के लिए पहुंचे मुवक्किलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
आपात बैठक कर जताया विरोधः जामताड़ा बार काउंसिल के सदस्यों ने झारखंड सरकार द्वारा कोर्ट फी में की गई बढ़ोतरी के विरुद्ध आपात बैठक कर सरकार के इस निर्णय का विरोध (Emergency Meeting Against Hike Of Court Fee) जताया. इस दौरान झारखंड स्टेट बार काउंसिल के निर्णय के आलोक में अगले आदेश तक कोर्ट में कोई भी काम नहीं करने का फैसला लिया. अधिवक्ताओं ने कलमबंद हड़ताल करने का फैसला लिया है.
अधिवक्ताओं ने सरकार से कोर्ट फी वृद्धि वापस लेने और अन्य सुविधा देने की मांग कीः जामताड़ा कोर्ट के अधिवक्ताओं ने सरकार से कोर्ट फी में की गई बढ़ोतरी को अविलंब वापस लेने की मांग (Demand To Withdraw The Increase In Court Fee) की है. अधिवक्ताओं का कहना था संथाल परगना में खासकर गरीबों के लिए कोर्ट फीस में बेतहाशा वृद्धि होने से न्याय पाना मुश्किल हो जाएगा.अधिवक्ताओं का कहना था कि जहां पांच रुपए के स्टांप टिकट से काम चलता था, वहां अब उस टिकट की कीमत 20 रुपए कर दी गई है. चौगुना, पांचगुना टिकट की दर में बढ़ा दी गई है. जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा.
अधिवक्ताओं के लिए प्रोटेक्शन एक्ट सुरक्षा बिल लागू करने की मांगः साथ ही अधिवक्ताओं ने बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी सरकारी अधिवक्ता एपीपी कोर्ट से बहाल करने और अधिवक्ताओं के लिए प्रोटेक्शन एक्ट सुरक्षा बिल लागू करने की मांग की है. इस संबंध में जामताड़ा कोर्ट के वरीय अधिवक्ता ने कहा कि जामताड़ा कोर्ट के अधिवक्ताओं ने झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. झारखंड स्टेट बार काउंसिल का अगला आदेश आने तक जामताड़ा कोर्ट के अधिवक्ता न्यायालय कार्य से अलग रहेंगे.