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जामताड़ा में 5 दुष्कर्मियों को मिली 20 साल की सजा, साल 2016 का था मामला

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Published : Apr 5, 2019, 3:54 PM IST

जामताड़ा में सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में अदालत ने 5 आरोपियों को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीन दोषियों को 15 -15 हजार और दो को 5-5 हजार रुपए आर्थिक जुर्माना की सजा दी है.

जामताड़ा में 5 दुष्कर्मियों को मिली 20 साल की सजा

जामताड़ा: सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में अदालत ने 5 आरोपियों को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्तों को आर्थिक जुर्माना का सजा भी दिया गया है. साल 2016 का यह मामला था.

जामताड़ा में 5 दुष्कर्मियों को मिली 20 साल की सजा

जिला व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश कमल किशोर श्रीवास्तव की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में पांच अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सश्रम 20 साल कारावास की सजा सुनाई है. तीन दोषियों को 15 -15 हजार और दो को 5-5 हजार रुपए आर्थिक जुर्माना की सजा दी है. आर्थिक जुर्माना नहीं देने पर 1 साल की अतिरिक्त सजा का आदेश दिया है.

मामला साल 2016 का था. जब पीड़िता को घर में अकेला पाकर 5 लोगों ने जबरन घर में घुसकर उसे बाहर निकाला फिर बारी बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया. घटना के बाद पीड़ित महिला ने थाना में जाकर पुलिस को इसकी सूचना दी थी. पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफतार करके न्यायालय में समर्पित किया.

प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में चल रहे इस मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्तों को दोषी करार दिया. दोषियों को न्यायालय ने भादवि की धारा 448 के तहत 1 साल 366 के तहत 8 साल और 376 डी के तहत सजा सुनाई.

जामताड़ा: सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में अदालत ने 5 आरोपियों को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्तों को आर्थिक जुर्माना का सजा भी दिया गया है. साल 2016 का यह मामला था.

जामताड़ा में 5 दुष्कर्मियों को मिली 20 साल की सजा

जिला व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश कमल किशोर श्रीवास्तव की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में पांच अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सश्रम 20 साल कारावास की सजा सुनाई है. तीन दोषियों को 15 -15 हजार और दो को 5-5 हजार रुपए आर्थिक जुर्माना की सजा दी है. आर्थिक जुर्माना नहीं देने पर 1 साल की अतिरिक्त सजा का आदेश दिया है.

मामला साल 2016 का था. जब पीड़िता को घर में अकेला पाकर 5 लोगों ने जबरन घर में घुसकर उसे बाहर निकाला फिर बारी बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया. घटना के बाद पीड़ित महिला ने थाना में जाकर पुलिस को इसकी सूचना दी थी. पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफतार करके न्यायालय में समर्पित किया.

प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में चल रहे इस मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्तों को दोषी करार दिया. दोषियों को न्यायालय ने भादवि की धारा 448 के तहत 1 साल 366 के तहत 8 साल और 376 डी के तहत सजा सुनाई.

Intro:सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में जामताड़ा कोर्ट की अदालत ने 5 आरोपियों को दोषी पाकर 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है । कोर्ट ने अभियुक्तों के खिलाफ आर्थिक जुर्माना की भी सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि पीडिता को दिए जाने का आदेश दिया हैं।


Body:जामताड़ा व्यवहार न्यायालय के प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश कमल किशोर श्रीवास्तव की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई के दौरान पांच अभियुक्तों को दोषी पाकर सश्रम कारावास की सजा सुनाई हैं।अदालत में शुक्रवार 5 अप्रैल को भरी इजलास में सजा के बिंदु पर बहस और सुनवाई के पश्चात अभियुक्तों को सजा सुनाई । अदालत में आरोपियों के विरुद्ध दोषी पाकर 15हजार तीन आरोपी को और दो आरोपी को 5000 के आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई है। आर्थिक जुर्माना नहीं देने पर 1 साल की अतिरिक्त सजा साथ ही राशि पीड़ित को भुगतान किए जाने का आदेश दिया है।
मामला साल 2016 जामताड़ा जिला के बागडेहरी थाना की है। पीड़िता जीतू पाड़ा गांव की रहने वाली महिला जो घर में अकेली थी और गांव में घर के सभी सदस्य शादी में गए हुए थे ।अकेला पाकर गांव के भीम मराडी सोम मरांडी रामदास साहब लाल और मलिन हेम्ब्रम 5 लोगों ने जबरन घर में घुसकर पीड़िता महिला को घर से बाहर ले गए और घर से बाहर ले जाकर बारी बारी से दुष्कर्म किया ।तत्पश्चात उसके साथ मारपीट कर उसके सारे सामान भी छीन लिए और धमकी दिया घर में जाकर किसी को बोलेगी तो उसे जान से मार देगे।घटना के बाद पीड़ित महिला ने थाने में जाकर पुलिस को इसकी सूचना दी पुलिस ने कांड संख्या 7/16 अंकित करते हुए भादवि की धारा 448 366 376डी के तहत मामला दर्ज किया और मामले का अनुसंधान शुरू की ।पुलिस ने अनुसंधान पूरी करने के पश्चात अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया।
प्रथम जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत मे सुनवाई चल रहे इस मामले में तमाम न्यायालय में दिए गए दलितों और सबूतों को देखने सुनने के पश्चात दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचे और अभियुक्तों को दोषी करार दिया। दोषी पाकर न्यायालय ने भादवि की धारा 448 के तहत 1 साल 366 के तहत 8 साल और 376 डीके तहत 20 साल कारावास की सजा सुनाई ।इसके अलावा 3 अभियुक्तों को 15000 और दो अभियुक्तों को 5000 के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता जानकारी देते हुए बताया अभियुक्तों को दोषी पाकरर न्यायालय ने सजा सुनाई है। और अभियुक्तों को इंसाफ नहीं मिला है और इसके विरोध में उच्च न्यायालय की अदालत में अपील करेंगे।
बाईट चश्म उद्दीन अंसारी अधिवक्ता बचाव पक्ष


Conclusion:सामूहिक दुष्कर्म के मामले के घटना घटने के 3 साल बाद न्यायालय द्वारा फैसला आने के बाद पीड़िता को न्याय मिला है। पीड़िता के परिवार और पीड़िता न्यायालय के फैसले इंसाफ मिलने पर काफी खुशी जाहिर की है।

संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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